Bharati Bhavan Bio Ex-7 Solution

Bharati Bhavan Bio Ex-7 Solution : आनुवंशिकता एवं जैव विकास

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Ex-7 (अभ्यास 7) के सभी प्रश्नों के उत्तरों के साथ-साथ इस पोस्ट में 40 महत्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को भी दिया गया है, जो बोर्ड परीक्षा की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी हैं। इस अध्याय के माध्यम से छात्र आनुवंशिकता और जैव विकास की अवधारणाओं को गहराई से समझ पाएंगे और परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे।

आनुवंशिकता एवं जैव विकास : इस अध्याय में हमने क्या पढ़ा है।

आनुवंशिकता तथा जैव विकास अध्याय में हमने यह समझा कि आनुवंशिकता (Heredity) वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा माता-पिता के गुण उनके संतानों में स्थानांतरित होते हैं। इस अध्याय में ग्रेगोर मेंडल द्वारा किए गए मटर के पौधों पर प्रयोगों के माध्यम से आनुवंशिकता के नियमों को समझाया गया है, जैसे वर्चस्व और पुनरावृत्ति के सिद्धांत।
इसके अतिरिक्त हमने जीन, डीएनए, गुणसूत्र आदि की भूमिका और संरचना का भी अध्ययन किया। इसके साथ-साथ जैव विकास (Evolution) की अवधारणा को भी विस्तार से बताया गया है – कि किस प्रकार जीवों में समय के साथ परिवर्तन होते हैं और नए प्रकार के जीव विकसित होते हैं। अध्याय में प्राकृतिक वरण, अनुकूलन, जीवाश्म, और जैविक वर्गीकरण के माध्यम से विकास की प्रक्रिया को समझाया गया है।
पक्षियों का विकास डायनासोर से होने के प्रमाण और मानव विकास की क्रमिक कड़ियों का उल्लेख भी इसमें किया गया है। कुल मिलाकर, यह अध्याय जीवन की उत्पत्ति, विकास, और जैव विविधता की वैज्ञानिक व्याख्या प्रस्तुत करता है और छात्रों को अनुवांशिकता और विकास की मूल अवधारणाओं से परिचित कराता है।

हमारा ही समाधान क्यो?

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Bharati Bhavan Bio Ex-7 Solution का समाधान pdf कैसे download करें।

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Objectives Questions (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)

आनुवंशिकता एवं जैव विकास : (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)

1. किसी जीव की जिनी संरचना कहलाता है
A. लक्षणप्रारूप या फेनोटाइप
B. जीनप्ररूप या जीनोटाइप
C. आनुवंशिकी
D. विभिन्नता
उत्तर: B

2. मेंडल में अपने प्रयोग के लिए बगीचे में उगाए जानेवाले किस पौधे का चयन किया ?
A. साधारण मटर
B. उड़हुल
C. गुलाब
D. शहतूत
उत्तर: A

3. जीवविज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत विभिन्नता तथा अनुवांशिकता का अध्ययन किया जाता है कहलाता है
A. जीवाश्मविज्ञान
B. भ्रूणविज्ञान
C. जीवविज्ञान
D. आनुवंशिकी
उत्तर: D

4. अफ्रीकी मानव का सबसे निकट संबंधी है
A. चिंपैजी
B. गोरिल्ला
C. बंदर
D. गिलहरी
उत्तर: A

5. पक्षी तथा तितली के पंख है
A. समजात अंग
B. असमजात अंग
C. अवशोषी अंग
D. इनमे कोई नहीं
उत्तर: B

आनुवंशिकता एवं जैव विकास : (रिक्त स्थान)

1. एक ही जाति के विभिन्न सदस्यों में पाए जानेवाले अंतरों को विभिन्नता कहते है।

2. मेंडल के एकसंकर संकरण के प्रयोग से प्राप्त लक्षणप्रारूपी अनुपात 3:1 है।

3. कार्बन डेटिंग एक जीवाश्म की आयु के निर्धारण की एक वैज्ञानिक विधि है।

4. जीवो के किसी जटिल अंग की उत्पत्ति अचानक नहीं, बल्कि अनगिनत पीढ़ियों में क्रमिक विकास द्वारा हुई है।

5. आर्कियोप्टेरिक्स नामक जीवाश्म में रेप्टीलिया तथा ऐवीज दोनों के गुण पाए जाते है।

आनुवंशिकता एवं जैव विकास : (अतिलघु उत्तरीय प्रश्न)

1. कोशिका में जीन कहाँ अवस्थित होते हैं?
उत्तर: कोशिका में जीन गुणसूत्रों पर अवस्थित होते हैं, जो केंद्रक में पाए जाते हैं।

2. विभिन्नता के दो मुख्य प्रकार कौन-कौन से हैं?
उत्तर: विभिन्नता के दो मुख्य प्रकार हैं: कायिक विभिन्नता और जननिक विभिन्नता।

3. पीढ़ी दर पीढ़ी वंशागत होकर संचित होने वाली विभिन्नता क्या कहलाती है?
उत्तर: पीढ़ी दर पीढ़ी वंशागत होकर संचित होने वाली विभिन्नता आनुवंशिक विभिन्नता कहलाती है।

4. ऐसे आनुवंशिक गुण या लक्षण जो स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं, क्या कहलाते हैं?
उत्तर: ऐसे आनुवंशिक गुण या लक्षण जो स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं, लक्षणप्रारूप कहलाते हैं।

5. आनुवंशिकी का पिता कौन कहलाता है?
उत्तर: आनुवंशिकी का पिता ग्रेगर जॉन मेंडल कहलाते हैं।

6. मेंडल ने अपने प्रयोग के लिए किस पौधे का चयन किया? उसका वैज्ञानिक नाम क्या है?
उत्तर: मेंडल ने अपने प्रयोग के लिए साधारण मटर का चयन किया। उसका वैज्ञानिक नाम पाइसम सैटाइवम है।

7. मेंडल के प्रयोग एकसंकर संकरण से प्राप्त जीनप्ररूपी अनुपात कितना है?
उत्तर: मेंडल के एकसंकर संकरण के प्रयोग से प्राप्त जीनप्ररूपी अनुपात 1:2:1 है।

8. मेंडल का प्रथम नियम क्या कहलाता है?
उत्तर: मेंडल का प्रथम नियम पृथक्करण का नियम कहलाता है।

9. आनुवंशिक विभिन्नता के दो मुख्य स्रोत कौन-कौन हैं?
उत्तर: आनुवंशिक विभिन्नता के दो मुख्य स्रोत उत्परिवर्तन और लैंगिक प्रजनन हैं।

10. किसी जाति विशेष के एक समष्टि या आबादी में स्थित समस्त जीन क्या कहलाता है?
उत्तर: किसी जाति विशेष के एक समष्टि या आबादी में स्थित समस्त जीन जीन पूल कहलाता है।

11. जीव की उत्पत्ति के ठीक पहले पृथ्वी का वातावरण किस प्रकार का था?
उत्तर: जीव की उत्पत्ति के ठीक पहले पृथ्वी का वातावरण अपचायक था, जिसमें ऑक्सीजन की कमी थी और मीथेन, अमोनिया, हाइड्रोजन सल्फाइड जैसे गैसें मौजूद थीं।

12. उपार्जित लक्षणों के वंशागति द्वारा जैव विकास की व्याख्या किसने की थी?
उत्तर: उपार्जित लक्षणों के वंशागति द्वारा जैव विकास की व्याख्या जीन-बैप्टिस्ट लैमार्क ने की थी।

13. प्राकृतिक चुनाव द्वारा प्राणियों के विकास का सिद्धांत किसने दिया था?
उत्तर: प्राकृतिक चुनाव द्वारा प्राणियों के विकास का सिद्धांत चार्ल्स डार्विन ने दिया था।

14. जीवाश्म की आयु-निर्धारण की वैज्ञानिक विधि का नाम बताएं।
उत्तर: जीवाश्म की आयु-निर्धारण की वैज्ञानिक विधि का नाम कार्बन डेटिंग है।

15. जीवों का वह गुण जो उसे अपने जनकों अथवा अपनी ही जाति के अन्य सदस्यों के उसी गुण के मूल स्वरूप से भिन्नता दर्शाता है क्या कहलाता है?
उत्तर: यह गुण विभिन्नता कहलाता है।

16. जीवों के शरीर में होने वाली वैसी विभिन्नताएँ जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में वंशागत नहीं होती है क्या कहलाती है?
उत्तर: जीवों के शरीर में होने वाली वैसी विभिन्नताएँ जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में वंशागत नहीं होती है, कायिक विभिन्नता कहलाती है।

17. मेंडल के आनुवंशिकी के प्रयोग में F1 पीढ़ी के उन पौधों को जिनमें जनक पौधों के दोनों विपरीत गुण मौजूद थे, क्या कहा गया?
उत्तर: उन्हें संकर कहा गया।

18. मेंडल के एकसंकर संकरण के प्रयोग के फलस्वरूप F2 पीढ़ी में उत्पन्न पौधों में लक्षणप्ररूपी अनुपात क्या था?
उत्तर: 3:1 था।

19. मेंडल के द्वारा मटर के पौधों पर किए गए आनुवंशिकी के प्रयोग में बौनापन का गुण था – प्रभावी या अप्रभावी?
उत्तर: बौनापन का गुण अप्रभावी था।

20. मनुष्य में पाए जाने वाले 23 जोड़े क्रोमोसोम में 22 जोड़े एक ही प्रकार के क्रोमोसोम क्या कहलाते हैं?
उत्तर: ऑटोसोम कहलाते हैं।

21. जीव विज्ञान की वह शाखा जिसमें जीवों की उत्पत्ति तथा उसके पूर्वजों का अध्ययन किया जाता है क्या कहलाता है?
उत्तर: जीव विज्ञान की वह शाखा जिसमें जीवों की उत्पत्ति तथा उसके पूर्वजों का अध्ययन किया जाता है, विकासवादी जीवविज्ञान या जातिवृत्त विज्ञान कहलाता है।

22. प्राकृतिक चुनाव द्वारा जीवों का विकास – जैव विकास द्वारा वह व्याख्या क्या कहलाता है?
उत्तर: प्राकृतिक चुनाव द्वारा जीवों का विकास – जैव विकास द्वारा वह व्याख्या डार्विनवाद या प्राकृतिक चयन का सिद्धांत कहलाता है।

23. जीवों के वैसे अंग जो संरचना एवं उत्पत्ति के दृष्टिकोण से समान होते है क्या कहलाते है?
उत्तर: जीवों के वैसे अंग जो संरचना एवं उत्पत्ति के दृष्टिकोण से समान होते हैं, समजात अंग कहलाते हैं।

24. लुप्त हो चुके जीवों का पत्थरों पर पाए जाने वाला चिह्न क्या कहलाता है?
उत्तर: लुप्त हो चुके जीवों का पत्थरों पर पाए जाने वाला चिह्न जीवाश्म कहलाता है।

25. एक ही प्रजातियों के सदस्यों के बीच आपस में होने वाले प्रजनन को क्या कहते है?
उत्तर: एक ही प्रजातियों के सदस्यों के बीच आपस में होने वाले प्रजनन को अंतःप्रजनन कहते हैं।

26. फूलगोभी किस प्रकार का पुष्प है?
उत्तर: फूलगोभी एक द्विलिंगी पुष्प है।

27. मानव का उद्भव स्थान मूल बिंदु से अफ्रीका है व एशिया?
उत्तर: मानव का उद्भव स्थान मूल बिंदु से अफ्रीका है।

28. उद्भव के दृष्टिकोण से मानव का सबसे करीबी संबंधी कौन है?
उत्तर: उद्भव के दृष्टिकोण से मानव का सबसे करीबी संबंधी चिंपैजी है।

29. आधुनिक मानव का प्राचीनतम जीवाश्म अफ्रीका के किस स्थान से प्राप्त हुआ है?
उत्तर: आधुनिक मानव का प्राचीनतम जीवाश्म अफ्रीका के इथियोपिया में स्थित ओमो किबिश से प्राप्त हुआ है।

30. DNA अनुक्रम के तुलनात्मक अध्ययन द्वारा किसी जीव के पूर्वजों की खोज क्या कहलाता है?
उत्तर: DNA अनुक्रम के तुलनात्मक अध्ययन द्वारा किसी जीव के पूर्वजों की खोज आणविक जातिवृत्त कहलाता है।

भारती भवन जीवविज्ञान के अन्य अध्यायों का समाधान

क्र. सं. अध्याय का नाम
1 जैव प्रक्रम : पोषण
2 श्वसन
3 परिवहन
4 उत्सर्जन
5 नियंत्रण एवं समन्वय
6 जनन
8 हमारा पर्यावरण

आनुवंशिकता एवं जैव विकास : (लघु उत्तरीय प्रश्न)

1. विभिन्नता की परिभाषा दें।
उत्तर: एक ही जाति के जीवों में पाये जाने वाले सूक्ष्म अंतर को विभिन्नता कहते हैं। यह अंतर आनुवंशिक या वातावरणीय कारणों से हो सकते हैं। विभिन्नता के कारण ही किसी जाति में नए गुण उत्पन्न होते हैं, जो जैव विकास में सहायक होते हैं।

2. आनुवंशिकता का अर्थ बताएँ।
उत्तर: माता-पिता के गुणों का संतान में संचरण आनुवंशिकता कहलाता है। यह गुणसूत्रों में स्थित जीन के माध्यम से पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहता है। आनुवंशिकता के अध्ययन को आनुवंशिकी कहते हैं।

3. जीनप्ररूप या जीनोटाइप किसे कहते हैं?
उत्तर: किसी जीव में किसी विशेष लक्षण को नियंत्रित करने वाले जीनों के युग्म को जीनप्ररूप या जीनोटाइप कहते हैं। यह जीव के अनुवांशिक संघटन को दर्शाता है, जो उसके लक्षणों को निर्धारित करता है।

4. मेंडल का प्रथम नियम या पृथक्करण का नियम क्या है?
उत्तर: मेंडल के अनुसार प्रत्येक लक्षण के लिए युग्मक बनने के समय जीन के युग्म अलग-अलग हो जाते हैं और एक युग्मक में एक ही जीन जाता है। इसे पृथक्करण का नियम कहा जाता है।

5. जीनकोश क्या है?
उत्तर: किसी जाति या समुदाय में पाये जाने वाले सभी जीनों के समूह को जीनकोश कहा जाता है। यह जाति की आनुवंशिक विविधता को दर्शाता है और विकास की संभावनाओं को निर्धारित करता है।

6. आनुवंशिक गुण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: वे गुण जो माता-पिता से संतान में जीन के माध्यम से आते हैं, आनुवंशिक गुण कहलाते हैं। ये गुण जन्म से ही जीव में उपस्थित होते हैं और पीढ़ी दर पीढ़ी चलते रहते हैं।

7. जाति-उद्भवन क्या है?
उत्तर: जब एक जाति से क्रमिक परिवर्तन के द्वारा नई जातियाँ उत्पन्न होती हैं तो इस प्रक्रिया को जाति-उद्भवन कहते हैं। यह जैव विकास का एक महत्वपूर्ण पहलू है।

8. जंतु वर्गीकरण के विभिन्न स्तरों का नाम लिखें।
उत्तर: जंतु वर्गीकरण के मुख्य सात स्तर होते हैं: जाति (Species), वंश (Genus), कुल (Family), गण (Order), वर्ग (Class), संघ (Phylum), और जगत (Kingdom)।

9. समजात अंग एवं असमजात अंग से क्या समझते हैं?
उत्तर: वे अंग जिनकी संरचना समान लेकिन कार्य भिन्न होते हैं, समजात अंग कहलाते हैं। वहीं, वे अंग जिनका कार्य समान लेकिन संरचना भिन्न होती है, असमजात अंग कहलाते हैं।

10. लिंग-क्रोमोसोम किसे कहते हैं?
उत्तर: वे क्रोमोसोम जो किसी जीव का लिंग निर्धारण करते हैं, लिंग-क्रोमोसोम कहलाते हैं। मानव में दो प्रकार के लिंग-क्रोमोसोम होते हैं: X और Y। XX स्त्री का और XY पुरुष का लिंग निर्धारण करते हैं।

आनुवंशिकता एवं जैव विकास : (दीर्घुत्तरीय प्रश्न)

जल्द ही अपडेट कर दिया जाएगा

1. विभिन्नता क्या है? जननिक विभिन्नता एवं कायिक विभिन्नता का वर्णन करें।
उत्तर: एक ही जाति के जीवों में पाये जाने वाले सूक्ष्म अंतर को विभिन्नता कहते हैं। यह अंतर आनुवंशिक या वातावरणीय कारणों से हो सकते हैं। विभिन्नता के कारण ही किसी जाति में नए गुण उत्पन्न होते हैं, जो जैव विकास में सहायक होते हैं।
जननिक विभिन्नता : ऐसी विभिन्नताएँ जनन-कोशिकाओं में होनेवाले परिवर्तन (जैसे इनके क्रोमोसोम की संख्या या संरचना में परिवर्तन, जीन के गुणों में परिवर्तन) के कारण होती हैं। ऐसी विभिन्नताएँ एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में वंशागत होती हैं। इस कारण से जननिक विभिन्नता आनुवंशिक विभिन्नता भी कहलाती है। ऐसी विभिन्नताओं में से कुछ जन्म से प्रकट हो जाती हैं, जैसे आँखों एवं बालों का रंग तथा कुछ विभिन्नताएँ बाद में प्रकट होती हैं, जैसे शारीरिक गठन, शरीर की लंबाई इत्यादि।

कायिक विभिन्नता : ऐसी विभिन्नताएँ कई कारणों से हो सकती हैं; जैसे जलवायु एवं वातावरण का प्रभाव, उपलब्ध भोजन के प्रकार, अन्य उपस्थित जीवों के साथ परस्पर व्यवहार इत्यादि। ऐसी विभिन्नताएँ क्रोमोसोम या जीन के गुणों में परिवर्तन के कारण नहीं होती हैं। अतः, ये एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में वंशागत नहीं होती हैं। ऐसी विभिन्नताएँ उपार्जित होती हैं। इसलिए, इनका जैव विकास में महत्त्व नहीं होता है।

2. मेंडल द्वारा मटर पर किए गए एकसंकर संकरण के प्रयोग तथा निष्कर्ष का वर्णन करें।
उत्तर: ग्रेगर मेंडल ने वंशागति के नियमों का अध्ययन करने के लिए मटर के पौधों का चुनाव किया, क्योंकि इनमें विभिन्न प्रकार के स्पष्ट दिखाई देने वाले लक्षण पाए जाते हैं, जैसे – फूल का रंग, बीज का आकार, बीज का रंग आदि। उन्होंने एक समय में केवल एक लक्षण का अध्ययन करने के लिए एकसंकर संकरण किया।
उदाहरण के लिए, उन्होंने मटर के पौधों में बीज के पीले रंग (प्रधान लक्षण) और हरे रंग (अपप्रधान लक्षण) का चयन किया। शुद्ध नस्ल वाले पीले बीज वाले पौधे को शुद्ध नस्ल वाले हरे बीज वाले पौधे से संकरण कराया।
परिणामस्वरूप, प्रथम पीढ़ी (F₁) में सभी बीज पीले रंग के प्राप्त हुए। इससे स्पष्ट हुआ कि पीला रंग हरे रंग पर प्रधान है। जब इन F₁ पीढ़ी के पौधों को आपस में संकरण कराया गया, तो द्वितीय पीढ़ी (F₂) में पीले और हरे बीज दोनों प्राप्त हुए। इनमें लगभग 3:1 का अनुपात देखा गया, अर्थात 75% बीज पीले और 25% बीज हरे निकले।

मेंडल ने अपने प्रयोग के बाद तीन निष्कर्ष दिया जो निम्न है-
1. प्रधानता का नियम – किसी लक्षण की उपस्थिति में प्रधान लक्षण ही व्यक्त होता है और अपप्रधान लक्षण छिपा रहता है।

2. लक्षणों की शुद्धता का नियम – जब F₁ पीढ़ी को आत्म-परागण कराया गया, तो F₂ पीढ़ी में अपप्रधान लक्षण पुनः प्रकट हुआ। इससे सिद्ध हुआ कि लक्षण शुद्ध रहते हैं और मिश्रित नहीं होते।

3. गुणसूत्रों का विभाजन – जनन-कोशिकाओं के निर्माण के समय दोनों विपरीत लक्षण (जैसे – पीला और हरा) अलग-अलग हो जाते हैं और अगली पीढ़ी में स्वतंत्र रूप से संचारित होते हैं।

3. मनुष्य में लिंग-निर्धारण के विधि का वर्णन करें।
उत्तर: लैंगिक प्रजनन में नर युग्मक तथा मादा युग्मक के संयोजन से युग्मनज बनता है, जो विकसित होकर अपने जनकों जैसा नर या मादा जीव बन जाता है। अनुसंधानों से यह निश्चित हुआ है कि जीवों में लिंग का निर्धारण क्रोमोसोम के द्वारा होता है।
मनुष्य में लिंग-निर्धारण की क्रिया को समझने के लिए हमें क्रोमोसोम का अध्ययन करना होगा। मनुष्य में कुल 23 जोड़े क्रोमोसोम होते हैं। इनमें से 22 जोड़े समान प्रकार के होते हैं जिन्हें स्वायत्त क्रोमोसोम कहते हैं। तेईसवाँ जोड़ा भिन्न आकार का होता है जिसे लिंग-क्रोमोसोम कहते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं – X और Y। X क्रोमोसोम लंबा और छड़ के आकार का होता है जबकि Y क्रोमोसोम अपेक्षाकृत छोटा होता है। नर में X और Y दोनों लिंग-क्रोमोसोम पाए जाते हैं, जबकि मादा में Y क्रोमोसोम अनुपस्थित रहता है। मादा में दो X क्रोमोसोम लिंग-क्रोमोसोम के रूप में पाए जाते हैं।

युग्मकों के निर्माण के समय X और Y अलग-अलग युग्मकों में चले जाते हैं। इस प्रकार, नर में दो प्रकार के युग्मक (X तथा Y वाले) बनते हैं, जबकि मादा में केवल X वाले युग्मक बनते हैं। जब निषेचन होता है और युग्मनज में X और Y क्रोमोसोम पहुँचते हैं, तो भ्रूण नर बनता है। जबकि यदि युग्मनज में दोनों X क्रोमोसोम पहुँचते हैं, तो भ्रूण मादा बनता है।

4. जैव विकास क्या है? लामार्कवाद का वर्णन करें।
उत्तर: जैव विकास वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा पृथ्वी पर प्रारंभिक सरल जीवों से धीरे-धीरे जटिल और विविध प्रकार के जीवों का उद्भव हुआ। यह एक क्रमिक और दीर्घकालिक प्रक्रिया है। जैव विकास के कारण ही आज हमें जीव-जंतुओं और पादपों की इतनी अधिक विविधता देखने को मिलती है।

लामार्कवाद का प्रतिपादन फ्रांसीसी प्रकृति वैज्ञानिक ज्याँ बैप्टिस्ट लामार्क (1744–1829) ने अपनी पुस्तक फिलॉसफिक जूलॉजिक (1809) में किया। इसे उपार्जित लक्षणों का वंशागति सिद्धांत भी कहा जाता है। लामार्क के अनुसार जीवों की संरचना और उनके व्यवहार पर वातावरण का सीधा प्रभाव पड़ता है। जिन अंगों का प्रयोग अधिक होता है, वे अधिक विकसित हो जाते हैं, और जिन अंगों का प्रयोग नहीं होता, उनका धीरे-धीरे ह्रास हो जाता है। इस प्रकार वातावरण और उपयोग/अप्रयोग के कारण जीवों में जो परिवर्तन उत्पन्न होते हैं, उन्हें उपार्जित लक्षण कहा जाता है, और ये लक्षण संतानों में भी चले जाते हैं। लगातार पीढ़ियों तक ऐसे लक्षणों के संचरण से नई प्रजातियों का विकास होता है।
उदाहरण – जिराफ़ की गर्दन प्रारंभ में छोटी थी। ऊँचे पेड़ों की पत्तियाँ खाने के प्रयास में यह लंबी होती गई और यह लक्षण संतानों में स्थानांतरित होकर आज की लंबी गर्दन वाले जिराफ़ बने।

हालाँकि, बाद में वैज्ञानिकों ने इस सिद्धांत का खंडन किया। जर्मन वैज्ञानिक वाईसमान ने चूहों की 21 पीढ़ियों की पूँछ काटी, परंतु सभी चूहे पूँछ वाले ही पैदा हुए। इससे सिद्ध हुआ कि उपार्जित लक्षण वंशागत नहीं होते, क्योंकि वातावरण से होने वाले परिवर्तन केवल कायिक कोशिकाओं में होते हैं, जबकि प्रजनन जनन कोशिकाओं से होता है। इस कारण लोहार की मजबूत पेशियाँ या कटे-पूँछ वाले चूहों की विशेषताएँ अगली पीढ़ी में नहीं जातीं।

5. डार्विन के प्राकृतिक चयन के सिद्धांत का वर्णन करें।
उत्तर: डार्विन का प्राकृतिक चयन का सिद्धांत : जैव विकास का सर्वाधिक प्रसिद्ध और मान्य सिद्धांत अंग्रेज वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन (Charles Darwin, 1809–1882) ने प्रस्तुत किया। उन्होंने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक On the Origin of Species (1859) में इसे प्रतिपादित किया। इस सिद्धांत को Natural Selection Theory कहा जाता है।
डार्विन के अनुसार –
1. जीवों में विभिन्नता : प्रत्येक जीव-जंतु में कुछ न कुछ विभिन्नताएँ पाई जाती हैं। ये विभिन्नताएँ वंशागत भी हो सकती हैं और आकस्मिक भी।
2. संघर्ष : जीवों की संख्या निरंतर बढ़ती रहती है, परंतु भोजन, स्थान तथा अन्य संसाधन सीमित होते हैं। इस कारण सभी जीवों के बीच जीवन-निर्वाह के लिए संघर्ष होता है।
3. योग्यतम की उत्तरजीविता : संघर्ष की अवस्था में वही जीव जीवित रहते हैं जो अपने वातावरण के अनुसार सबसे अधिक अनुकूलित होते हैं। इन्हें फिटेस्ट कहा जाता है।
4. प्राकृतिक चयन : अनुकूल लक्षणों वाले जीव प्रकृति द्वारा चुने जाते हैं और वे जीवित रहकर प्रजनन करते हैं।
5. नए प्रजातियों का निर्माण : लगातार कई पीढ़ियों तक यही प्रक्रिया चलने पर जीवों में स्थायी परिवर्तन हो जाते हैं और अंततः नई प्रजातियों का उद्भव हो जाता है।

6. आनुवांशिका विभिन्नता के स्रोतों का वर्णन करें।
उत्तर:

7. पृथ्वी पर जीवों की उत्पत्ति पर प्रकाश डालें।
उत्तर: पृथ्वी पर जीवों की उत्पत्ति एक जटिल प्रश्न रहा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि जीवन की उत्पत्ति लगभग 3.5 अरब वर्ष पूर्व समुद्र में हुई थी। उस समय पृथ्वी का वातावरण आज जैसा नहीं था। उस समय कार्बन और नाइट्रोजन जैसे तत्त्व अपने ऑक्साइड रूप में न होकर मिथेन और अमोनिया के रूप में उपस्थित थे। प्रकाशसंश्लेषण करनेवाले जीव न होने के कारण उस समय वातावरण में ऑक्सीजन भी नहीं था, इसलिए पृथ्वी का वातावरण अपचायक (reducing) था। इस वातावरण में रासायनिक क्रियाओं द्वारा छोटे-छोटे कार्बनिक अणु बने, जैसे एसिटिक अम्ल और साइट्रिक अम्ल। आगे चलकर इन्हीं से ऐमीनो अम्ल, शर्करा, लिपिड और आरएनए जैसे बड़े अणुओं का निर्माण हुआ। ये बड़े अणु आपस में क्रिया करके जीवन के लिए आवश्यक जैविक अणु बने।

वैज्ञानिकों ने प्रयोगों द्वारा यह सिद्ध किया कि यदि मिथेन, अमोनिया, जलवाष्प और हाइड्रोजन जैसी गैसों के मिश्रण में बिजली जैसी ऊर्जा उत्पन्न की जाए तो सरल कार्बनिक यौगिक, जैसे ऐमीनो अम्ल, बन सकते हैं। ऐमीनो अम्ल प्रोटीन अणुओं के निर्माण की मूल इकाई हैं, और प्रोटीन जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। परंतु जब यह प्रयोग ऑक्सीजन की उपस्थिति में किया गया तो ऐमीनो अम्ल का निर्माण नहीं हुआ। इससे स्पष्ट होता है कि जीवन की उत्पत्ति के लिए प्रारंभिक वातावरण का अपचायक होना अनिवार्य था।
इस प्रकार, पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति क्रमिक रासायनिक क्रियाओं के द्वारा हुई और बाद में विकास की प्रक्रिया से विविध प्रकार की प्रजातियों का निर्माण हुआ।

8. जीवों में जाति-उद्भवन की प्रक्रिया कैसे संपन्न होती हैं?
उत्तर: जीवों में जाति-उद्भवन की प्रक्रिया विभिन्नताओं और प्राकृतिक चुनाव पर आधारित होती है। एक ही प्रजाति के सभी जीव आपस में समान दिखाई देते हैं और वे आपस में प्रजनन कर सकते हैं, फिर भी उनमें कुछ आनुवंशिक विभिन्नताएँ पाई जाती हैं। ये विभिन्नताएँ वंशानुगत होकर पीढ़ी दर पीढ़ी स्थानांतरित होती रहती हैं और धीरे-धीरे नई उपप्रजाति या नई जाति के निर्माण का आधार बनती हैं। जब किसी प्रजाति की आबादी किसी बड़े क्षेत्र में फैली होती है और उसमें कोई भौगोलिक अवरोध जैसे पहाड़, नदी या समुद्र आ जाता है, तो यह आबादी उपआबादियों में विभाजित हो जाती है। इस स्थिति में उनके बीच जीन प्रवाह रुक जाता है और प्रत्येक उपआबादी अपने भीतर ही प्रजनन करने लगती है। परिणामस्वरूप, उन उपआबादियों में उत्परिवर्तित जीन का संयोजन होने लगता है और उनसे उत्पन्न नए गुण संतानों में दिखाई देने लगते हैं। यदि ये गुण लाभकारी होते हैं तो प्रकृति उनका चुनाव कर लेती है और धीरे-धीरे ये गुण स्थायी हो जाते हैं। समय के साथ इस प्रकार की उपआबादियाँ मूल प्रजाति से इतनी भिन्न हो जाती हैं कि उनके बीच प्रजनन संभव होने पर भी संताने जननक्षम नहीं होतीं। यही स्थिति जाति-उद्भवन कहलाती है। इस प्रकार जीवों में जाति-उद्भवन की प्रक्रिया विभिन्नता, उत्परिवर्तन, जीन प्रवाह की रुकावट और प्राकृतिक चुनाव के संयुक्त प्रभाव से संपन्न होती है।

बिहार बोर्ड कक्षा 10 जीवविज्ञान के लिए 40 महत्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न

1. मनुष्य में कितने जोड़े गुणसूत्र पाये जाते हैं?
A. 21
B. 22
C. 23
D. 24
उत्तर: C

2. वंशागत नियमों का प्रतिपादक कौन है?
A. चार्ल्स डार्विन
B. ग्रेगर मेंडल
C. वॉटसन
D. लैमार्क
उत्तर: B

3. गुणसूत्रों की खोज किसने की थी?
A. डार्विन
B. रोबर्ट हुक
C. वाल्डेयर
D. लैमार्क
उत्तर: C

4. उड़हुल किस प्रकार का फूल है?
A. एकलिंगी
B. द्विलिंगी
C. बहिलिंगी
D. इनमें से कोई नहीं
उत्तर: B

5. समजात अंगों का उदाहरण क्या है?
A. मानव के हाथ
B. पंख
C. कुत्ते के पैर
D. मछली के पंख
उत्तर: A

6. निम्न में से कौन एक उभयलिंगी जीव है?
A. केंचुआ
B. मछली
C. बंदर
D. बकरी
उत्तर: A

7. कीटों के पंख और चमगादड़ के पंख किस प्रकार के अंग हैं?
A. समजात
B. असमजात
C. उपांग
D. अवशेषी अंग
उत्तर: B

8. प्राकृतिक चयन का सिद्धांत किसने दिया?
A. लैमार्क
B. डार्विन
C. कुर्न
D. वॉटसन
उत्तर: B

9. ‘The Origin of Species’ पुस्तक के लेखक कौन हैं?
A. डार्विन
B. लैमार्क
C. मेंडल
D. पॉलिंग
उत्तर: A

10. मटर में मेंडल ने किस लक्षण को नहीं चुना?
A. बीज का रंग
B. फूल का रंग
C. पत्ती का रंग
D. फल का आकार
उत्तर: C

11. मानव में ऑटोसोम की संख्या कितनी होती है?
A. 22 जोड़ी
B. 23 जोड़ी
C. 21 जोड़ी
D. 20 जोड़ी
उत्तर: A

12. मानव-युग्मक में गुणसूत्रों की संख्या क्या है?
A. 22
B. 23
C. 46
D. 44
उत्तर: B

13. लिंग निर्धारण किससे होता है?
A. X गुणसूत्र
B. Y गुणसूत्र
C. ऑटोसोम
D. जीन
उत्तर: B

14. F1 संतान में लक्षणों का अनुपात क्या होता है?
A. 1:2:1
B. 3:1
C. 9:7
D. 2:2
उत्तर: B

15. मानव शरीर में लगभग कितने जीन होते हैं?
A. 10000
B. 20000
C. 40000
D. 60000
उत्तर: C

16. बच्चे के लिंग का निर्धारण किससे होता है?
A. पिता के X गुणसूत्र
B. माता के Y गुणसूत्र
C. पिता के Y गुणसूत्र
D. माता के X गुणसूत्र
उत्तर: C

17. मेंडल ने अपने प्रयोग किस पौधे पर किए?
A. मक्का
B. मटर
C. गेहूं
D. गाजर
उत्तर: B

18. मटर में मेंडल ने कितने युग्म लक्षणों का अध्ययन किया?
A. 2
B. 3
C. 5
D. 7
उत्तर: D

19. मानव में लिंग गुणसूत्र का युग्म क्या है?
A. XX
B. XY
C. YY
D. XZ
उत्तर: B

20. आनुवांशिकता व विभिन्नता का अध्ययन किस शाखा में होता है?
A. जेनेटिक्स
B. डार्विनिज्म
C. लैमार्क
D. इकोलॉजी
उत्तर: A

21. गुणसूत्र बने होते हैं?
A. RNA और प्रोटीन
B. DNA और प्रोटीन
C. जीन
D. सभी
उत्तर: B

22. ‘जीन’ शब्द किसने प्रस्तुत किया?
A. चार्ल्स डार्विन
B. मेंडल
C. जॉनसन
D. लैमार्क
उत्तर: C

23. गुणसूत्र कहाँ पाए जाते हैं?
A. कोशिका द्रव्य
B. केंद्रक
C. साइटोप्लाज्म
D. राइबोसोम
उत्तर: B

24. जीवन-उत्पत्ति के समय पृथ्वी का वातावरण कैसा था?
A. अपचायक
B. उपचायक
C. अम्लीय
D. क्षारीय
उत्तर: A

25. प्राकृतिक चयन द्वारा जीवों का विकास कहलाता है?
A. लैमार्कवाद
B. डार्विनवाद
C. उत्परिवर्तनवाद
D. चयनवाद
उत्तर: B

26. ‘आनुवंशिकता का पिता’ किसे कहा जाता है?
A. डार्विन
B. मेंडल
C. लैमार्क
D. वॉटसन
उत्तर: B

27. उपार्जित लक्षणों का वंशागति सिद्धांत किसने दिया?
A. लैमार्क
B. डार्विन
C. मेंडल
D. कुर्न
उत्तर: A

28. पक्षी एवं चमगादड़ के पंख किस श्रेणी में आते हैं?
A. समजात अंग
B. असमजात अंग
C. उपांग
D. अवशेषी अंग
उत्तर: B

29. स्त्रियों में लिंग क्रोमोसोम का जोड़ा कौन सा है?
A. XX
B. XY
C. YY
D. ZZ
उत्तर: A

30. किस प्रकार के प्रोटीन में द्विगुणन क्षमता होती है?
A. RNA
B. DNA
C. जीन
D. प्रोटीन
उत्तर: B

31. विकास की आधारभूत घटना क्या है?
A. DNA प्रतिकृतिकरण
B. जैविक चयन
C. उत्परिवर्तन
D. संयोजन
उत्तर: A

32. जीन कहाँ पाए जाते हैं?
A. गुणसूत्र में
B. केंद्रक में
C. साइटोप्लाज्म
D. कोशिका झिल्ली में
उत्तर: A

33. मानव में अलग-अलग रंग के आंखों का कारण क्या है?
A. उत्परिवर्तन
B. चयन
C. संयोजन
D. विकास
उत्तर: A

34. अनुक्रम की प्रक्रिया में कौन सा अंग शामिल नहीं है?
A. DNA
B. RNA
C. प्रोटीन
D. कोशिका
उत्तर: C

35. मानव में जीन जोडियों की संख्या कितनी है?
A. 46
B. 23
C. 22
D. 44
उत्तर: B

36. किसके कारण संतान में भिन्नता आती है?
A. जेनेटिक्स
B. मेंडलवाद
C. लैमार्कवाद
D. चयनवाद
उत्तर: A

37. आनुवांशिक नियंत्रण किसके द्वारा होता है?
A. गुणसूत्र
B. जीन
C. कोशिका
D. DNA
उत्तर: B

38. मानव शरीर में कितने लिंग गुणसूत्र होते हैं?
A. 1 जोड़ी
B. 2 जोड़ी
C. 4 जोड़ी
D. 8 जोड़ी
उत्तर: A

39. प्राकृतिक चयन किसके कारण होता है?
A. उत्परिवर्तन
B. विविधता
C. चयन
D. संयोजन
उत्तर: B

40. लिंग निर्धारण किससे होता है?
A. X गुणसूत्र
B. Y गुणसूत्र
C. DNA
D. RNA
उत्तर: B

Bharati Bhavan Bio Ex-7 Solution का निष्कर्ष

निष्कर्ष : इस पोस्ट में आपने Bharati Bhavan Bio Ex-7 Solution को देखा। हमने इस अध्याय के वस्तुनिष्ठ प्रश्न, रिक्त स्थान, अतिलघु उत्तरीय प्रश्न, लघु उत्तरीय प्रश्न तथा दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों के समाधान को सरल एवं स्पष्ट शब्दों में देखा। आशा है कि इन सभी प्रश्नों का समाधान आप सभी को पसंद आया होगा। यदि आपका किसी प्रकार का Doubt या प्रश्न है, तो आप हमसे संपर्क कर सकते हैं। Contact Us
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