BSEB 10th Hindi Godhuli Kavy Ex-9 Solution

BSEB 10th Hindi Godhuli Kavy Ex-9 Solution

Follow Us On

Bihar Board 10th Hindi Solution

BSEB 10th Hindi Godhuli Kavy Ex-9 Solution व्याख्या और important Objectives

इस पोस्ट में हम बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिंदी की काव्य पुस्तक “गोधूली” के नवें अध्याय “हमारी नींद” के काव्य का व्याख्या, सभी प्रश्नों के समाधान (Solutions), महत्त्वपूर्ण प्रश्न (Important Questions) और वस्तुनिष्ठ प्रश्नों (Objective Questions) को विस्तार से देखने वाले हैं।
बिहार बोर्ड के छात्र/छात्राएँ इस पोस्ट को पूरा अंत तक पढ़े। इसके पढ़ने से इस अध्याय के सभी डाउट खत्म हो जाएँगे और आप बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने में बहुत मददगार होगा। साथ ही आप सभी इस अध्याय के सभी प्रश्नोत्तरों एवं व्याख्याओं का PDF भी आप निशुल्क डाउनलोड (Download) कर सकते हैं। PDF लिंक नीचे उपलब्ध है, जिससे आप इसे ऑफलाइन भी पढ़ सकते हैं।

वीरेन डंगवाल जी का संक्षिप्त परिचय

अध्याय 9 हमारी नींद
पूरा नाम वीरेन डंगवाल
जन्म 5 अगस्त 1947 ई.
जन्म स्थान कीर्तिनगर, टिहरी गढ़वाल, उत्तरांचल
मृत्यु 28 सितंबर 2015 ई.
प्रारंभिक शिक्षा मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, कानपुर, बरेली, नैनीताल में
उच्च शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एम.ए. तथा डी.लिट्. (आधुनिक हिंदी कविता के मिथकों और प्रतीकों पर)
प्रमुख पद 1971 से बरेली कॉलेज में अध्यापक, दैनिक ‘अमर उजाला’ के संपादकीय सलाहकार
पत्रकारिता हिंदी और अंग्रेजी में लेखन, ‘अमृत प्रभात’ (इलाहाबाद) में ‘घूमता आईना’ स्तंभ
प्रमुख काव्य कृतियाँ इसी दुनिया में (1991), दुष्चक्र में स्रष्टा, सिरा पर
अनुवाद कार्य तुर्की के महाकवि नाजिम हिकमत, पाब्लो नेरुदा, वर्तोल्त ब्रेख्त, वास्को पोपा, मीरोस्लाव होलुब, तदेऊष रूजेविच और आदिवासी लोक कविताओं के अनुवाद
सम्मान साहित्य अकादमी पुरस्कार (दुष्चक्र में स्रष्टा), रघुवीर सहाय स्मृति पुरस्कार (इसी दुनिया में), श्रीकांत वर्मा स्मृति पुरस्कार, शमशेर सम्मान
विशेषता प्रमुख समकालीन कवि, यथार्थ को अलग और अनूठे तरीके से प्रस्तुत करने वाले, जनवादी परिवर्तन की मूल प्रतिज्ञा वाले कवि

व्याख्या

हमारी नींद

“मेरी नींद के दौरान कुछ इंच बढ़ गए पेड़
कुछ सूत पौधे अंकुर ने अपने नाममात्र कोमल सींगों से
धकेलना शुरू की बीज की फूली हुई छत, भीतर से।”

व्याख्या – कवि कहते है कि जब हम नींद में होते हैं और हमें कुछ पता नहीं होता, तब भी जीवन अपनी गति से बढ़ता रहता है। पेड़ कुछ इंच और बड़े हो जाते हैं, छोटे-से अंकुर अपनी कोमल सींगों (नवांकुर) से बीज की कठोर छत को चीरकर बाहर निकलने लगते हैं। यह जीवन की अजेय शक्ति और निरंतरता का प्रतीक है।

“एक मक्खी का जीवन-क्रम पूरा हुआ
कई शिशु पैदा हुए, और उनमें से कई तो मारे भी गए
दंगे, आगजनी और बमबारी में।”

व्याख्या – इसमें कवि जीवन और मृत्यु की अनिवार्यता को दिखाता है। नींद में ही एक मक्खी का जीवन समाप्त हो जाता है, नए शिशु पैदा होते हैं और हिंसा, दंगे व युद्ध में कई निर्दोष लोग मारे जाते हैं। यह मनुष्य की अमानवीयता और क्रूरता का चित्रण है।

“गरीब बस्तियों में भी धमाके से हुआ
देवी जागरण लाउडस्पीकर पर।”

व्याख्या – यहाँ कवि विडम्बना दिखा रहे है—जहाँ एक ओर गरीब बस्तियों में दुख, अभाव और हिंसा है, वहीं दूसरी ओर ऊपरी तौर पर धर्म और भक्ति का दिखावा हो रहा है। लाउडस्पीकर पर देवी-जागरण का आयोजन चलता है, लेकिन वास्तविक जीवन की समस्याओं से लोग जूझते रहते हैं।

“याने साधन तो सभी जुटा लिए हैं अत्याचारियों ने
मगर जीवन हठीला फिर भी बढ़ता ही जाता आगे
हमारी नींद के बावजूद।”

व्याख्या – कवि कहते है कि अत्याचारी और शोषक वर्ग ने लोगों को दबाने और जीवन को रोकने के सारे साधन जुटा लिए हैं। लेकिन जीवन बहुत हठीला है—वह रुकता नहीं। चाहे कितनी भी हिंसा, दमन या विनाश हो, जीवन बार-बार आगे बढ़ने की ताकत रखता है। यह आशा और संघर्ष का संदेश है।

“और लोग भी हैं, कई लोग हैं अभी भी
जो भूले नहीं करना साफ और मजबूत इनकार।”

व्याख्या – कवि कहते है कि आज भी ऐसे साहसी और सच्चे लोग मौजूद हैं जो अन्याय और अत्याचार को स्वीकार नहीं करते। वे साफ और मजबूत तरीके से विरोध करते हैं। यही लोग समाज और जीवन की उम्मीद हैं।

[Note] : कवि “हमारी नींद” कविता में बताना चाहते है कि चाहे हम कितने भी बेपरवाह, निष्क्रिय और सोए हुए हों, जीवन अपनी गति और जिजीविषा से आगे बढ़ता ही जाता है। हिंसा, दंगे, युद्ध और अत्याचारों के बीच भी प्रकृति और जीवन की हठीली शक्ति हमेशा नया जन्म लेती है। साथ ही, कवि उन जागरूक और साहसी लोगों की महत्ता बताता है जो अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते हैं।

बोध और अभ्यास

कविता के साथ

Q1: कविता के प्रथम अनुच्छेद में कवि एक बिम्ब की रचना करता है। उसे स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर : कविता के प्रथम अनुच्छेद में कवि वीरेन डंगवाल ने मानव जीवन का एक बिंब उपस्थित किया है। सुविधाभोगी, आरामपसंद जीवन नींद रूपी अकर्मण्यता की चादर से अपने आपको ढँककर जब सो जाता है, तब भी प्रकृति के वातावरण का एक छोटा बीज अपनी कर्मठता रूपी सींगों से धरती की सतह रूपी संकटों को तोड़ते हुए आगे बढ़ जाता है। यहाँ नींद, अंकुर, कोमल सींग, फूली हुई बीज-छत ये सभी बिंब रूप में उपस्थित हैं।
Q2: मक्खी के जीवन-क्रम का कवि द्वारा उल्लेख किए जाने का क्या आशय है ?
उत्तर : मक्खी के जीवन-क्रम का उल्लेख कवि ने जीवन की क्षणभंगुरता और उसकी सीमितता को दर्शाने के लिए किया है। सृष्टि में असंख्य जीवन-क्रम चलते रहते हैं जिनमें कुछ का अस्तित्व बहुत अल्पकालिक और महत्वहीन होता है। मक्खी का जीवन-क्रम केवल सुविधा-लोलुप, परजीवी और संकीर्ण जीवन का प्रतीक है। इसके विपरीत सृजनशील और कर्मठ जीवन निरंतर संघर्ष करते हुए भी आगे बढ़ता है। इस प्रकार मक्खी का उदाहरण देकर कवि यह समझाना चाहता है कि मात्र अस्तित्व भर ही जीवन का उद्देश्य नहीं है, बल्कि सार्थक और संघर्षशील जीवन ही महत्वपूर्ण है।
Q3: कवि गरीब बस्तियों का क्यों उल्लेख करता है ?
उत्तर : कवि गरीब बस्तियों का उल्लेख यह दिखाने के लिए करता है कि जहाँ लोग दो समय की रोटी के लिए संघर्ष करते हैं, वहाँ देवी-जागरण और महोत्सव जैसे कार्यक्रम कितने बेमानी और विडंबनापूर्ण प्रतीत होते हैं। स्वार्थी लोग अपनी सत्ता या निजी लाभ के लिए इन गरीबों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन गरीबी से जूझते लोग अपने वास्तविक विकास और समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दे पाते। इस प्रकार कवि ने समाज की इस विडंबना को उजागर किया है।
Q4: कवि किन अत्याचारियों का और क्यों जिक्र करता है ?
उत्तर : कवि उन अत्याचारियों का जिक्र करता है जो हमारी सुविधाभोगी और आरामपसंद प्रवृत्ति का लाभ उठाते हैं। जब लोग अकर्मण्य होकर अपने कर्तव्यों से विमुख हो जाते हैं, तब अत्याचारी सत्ता, धन और बल के सारे साधन जुटाकर समाज पर अत्याचार करने लगते हैं। कवि का आशय यह है कि हमारी लापरवाही और निष्क्रियता ही उन्हें बल देती है।
Q5: इनकार करना न भूलने वाले कौन हैं? कवि का भाव स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर : कवि के अनुसार आज भी समाज में ऐसे जागरूक और साहसी लोग मौजूद हैं जो अन्याय और अत्याचार को साफ और मजबूत स्वर में अस्वीकार करते हैं। वे कठिन परिस्थितियों और भय के बावजूद चुप नहीं रहते, बल्कि गलतियों का डटकर विरोध करते हैं। कवि का भाव यह है कि ऐसे लोग ही समाज में आशा और संघर्ष की ज्योति बनाए रखते हैं।
Q6: कविता के शीर्षक की सार्थकता पर विचार कीजिए ।
उत्तर : इस कविता का शीर्षक “हमारी नींद” अत्यंत सार्थक है। कवि ने इसमें यह दिखाया है कि जब हम सुविधाभोगी और आरामपसंद जीवन में लिप्त होकर सोए रहते हैं, तब भी जीवन और प्रकृति अपनी गति से आगे बढ़ते रहते हैं। बीज, पौधे, मक्खियाँ, शिशु और संघर्षशील लोग निरंतर सक्रिय रहते हैं। साथ ही, अत्याचारी भी हमारी लापरवाही का लाभ उठाकर अपने साधन जुटा लेते हैं। कविता का मुख्य संदेश यही है कि हमारी नींद यानी हमारी बेपरवाही और निष्क्रियता के बावजूद जीवन हठीलेपन से आगे बढ़ता रहता है और कुछ लोग अन्याय के विरुद्ध इनकार करना नहीं भूलते।
इस प्रकार कविता का शीर्षक पूरी रचना की संवेदना और संदेश को समेटे हुए है, इसलिए यह पूर्णतः सार्थक है।
Q7: व्याख्या करें
(क) गरीब बस्तियों में भी धमाके से हुआ देवी जागरण लाउडस्पीकर पर ।
(ख) याने साधन तो सभी जुटा लिए हैं अत्याचारियों ने
(ग) हमारी नींद के बावजूद
उत्तर : (क) यहाँ कवि यह दिखा रहे हैं कि समाज में कुछ लोग भव्यता और दिखावे के लिए गरीब बस्तियों में भी धार्मिक या सांस्कृतिक कार्यक्रम करवा देते हैं। यानी गरीब लोग जिनके पास जीवनयापन के साधन ही कम हैं, उनकी स्थिति का ध्यान रखे बिना, अत्याचारी या स्वार्थी लोग अपनी सुविधा और शौक के लिए लाउडस्पीकर से जोर-जोर से कार्यक्रम करवा देते हैं। यह पंक्ति समाज की असमानता और अत्याचारियों की लापरवाही को उजागर करती है।

(ख) इस पंक्ति में कवि यह बताना चाहते हैं कि समाज में अत्याचारी (जो अपनी शक्ति और स्वार्थ के लिए दूसरों पर हावी होते हैं) सभी प्रकार के साधन जुटा लेते हैं – चाहे वह आर्थिक हों, सामाजिक हों या मानसिक। उनके पास उपकरण, साधन और अवसर होते हैं जिससे वे अपने अधिनायकत्व और अत्याचार को सफलतापूर्वक लागू कर सकते हैं।

(ग) यह पंक्ति कविता का मुख्य भाव है। कवि कह रहे हैं कि भले ही हम सुविधाभोगी और आराम पसंद जीवन में लिप्त होकर निष्क्रिय या बेपरवाह हों (हमारी नींद में हों), जीवन और प्रकृति अपनी गति से आगे बढ़ते रहते हैं। बीज अंकुरित होते हैं, जीवन चलता रहता है, और कुछ लोग अन्याय के विरुद्ध इनकार करना नहीं भूलते। यहाँ ‘नींद’ प्रतीक है हमारी बेपरवाही और अकर्मण्यता का, जबकि जीवन की गतिविधियाँ लगातार जारी रहती हैं।
Q8: कविता में एक शब्द भी ऐसा नहीं है जिसका अर्थ जानने की कोशिश करनी पड़े। यह कविता की भाषा की शक्ति है या सीमा ? स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर : कविता में कोई भी ऐसा शब्द नहीं है जिसे समझने के लिए अलग से अर्थ निकालने या शब्दकोश खोलने की जरूरत पड़े। हर शब्द अपने सामान्य और सहज अर्थ में ही उपयोग किया गया है। इसका मतलब यह है कि कवि की भाषा सरल, स्पष्ट और प्रभावशाली है।

भाषा की बात

1. निम्नांकित के दो-दो समानार्थी शब्द लिखें
पेड़, शिशु, दंगा, गरीब, अत्याचारी, हठीला, साफ, इनकार
उत्तर : पेड़ – वृक्ष, तरु
शिशु – बालक, बाल
दंगा – उपद्रव, अशांति
गरीब – निर्धन, बेबस
अत्याचारी – क्रूर, निर्दयी
हठीला – जिद्दी, अविचल
साफ – स्पष्ट, निर्मल
इनकार – अस्वीकार, ठुकराना

2. निम्नांकित वाक्यों में कर्ता कारक बताएँ
(क) मेरी नींद के दौरान / कुछ इंच बढ़ गए / कुछ सूत पौधे ।
(ख) अंकुर ने अपने नाममात्र कोमल सींगों से / धकेलना शुरू की / बीज की फूली हुई / छत भीतर से ।
(ग) गरीब बस्तियों में भी / धमाके से हुआ देवी जागरण / लाउडस्पीकर पर ।
(घ) मगर जीवन हठीला फिर भी / बढ़ता ही जाता आगे / हमारी नींद के बावजूद ।
उत्तर : (क) मेरी नींद के दौरान कुछ इंच बढ़ गए कुछ सूत पौधे –
कर्त्ता: कुछ सूत पौधे
कारक: मेरी नींद के दौरान (समय कारक)

(ख) अंकुर ने अपने नाममात्र कोमल सींगों से धकेलना शुरू की बीज की फूली हुई छत भीतर से –
कर्त्ता: अंकुर
कारक: अपने नाममात्र कोमल सींगों से (साधन/करण कारक), भीतर से (स्थान कारक)

(ग) गरीब बस्तियों में भी धमाके से हुआ देवी जागरण लाउडस्पीकर पर –
कर्त्ता: देवी जागरण
कारक: गरीब बस्तियों में (स्थान कारक), धमाके से (साधन/कारण कारक), लाउडस्पीकर पर (स्थान कारक)

(घ) मगर जीवन हठीला फिर भी बढ़ता ही जाता आगे हमारी नींद के बावजूद –
कर्त्ता: जीवन
कारक: हमारी नींद के बावजूद (कारण/परिस्थिति कारक)

3. निम्नलिखित वाक्यों में कर्म कारक की पहचान कीजिए
(क) अंकुर ने अपने नाममात्र कोमल सींगों से / धकेलना शुरू की / बीज की फूली हुई / छत भीतर से ।
(ख) कई लोग हैं / अभी भी / जो भूले नहीं करना / साफ और मजबूत / इनकार ।
उत्तर: (क) अंकुर ने अपने नाममात्र कोमल सींगों से धकेलना शुरू की बीज की फूली हुई छत भीतर से –
कर्म कारक: बीज की फूली हुई छत

(ख) कई लोग हैं अभी भी जो भूले नहीं करना साफ और मजबूत इनकार –
कर्म कारक: इनकार

Class10 हिंदी के अन्य अध्यायों के समाधान

क्रमांक अध्याय
1 राम बिनु बिरथे जगि जनमा
2 प्रेम-अयनि श्री राधिका
3 अति सुधो सनेह को मारग है
4 स्वदेशी
5 भारतमाता
6 जनतंत्र का जन्म
7 हिरोशिमा
8 एक वृक्ष की हत्या
10 अक्षर – ज्ञान
11 लौटकर आऊँगा फिर
12 मेरे बिना तुम प्रभु

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

नीचे इस अध्याय से संबंधित कुल 20 वस्तुनिष्ठ प्रश्न दिए गए हैं। ये प्रश्न अध्याय के गहन अध्ययन के आधार पर तैयार किए गए हैं तथा इनमें से कई प्रश्न पिछले वर्षों की मैट्रिक परीक्षा से भी लिए गए हैं। इन प्रश्नों का अभ्यास करने से आपको परीक्षा की तैयारी में काफी मदद मिलेगी और यह समझने में आसानी होगी कि परीक्षा में किस प्रकार के प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
1. ‘हमारी नींद’ कविता कहाँ से ली गयी है?
(A) इसी दुनिया में से
(B) पहल पुस्तिका से
(C) दुष्चक्र में स्रष्टा से
(D) असादीवार से
उत्तर: (B) पहल पुस्तिका से

2. कवि के अनुसार, धमाके के साथ देवी जागरण कहाँ हुआ?
(A) मंदिरों में
(B) नदी तट पर
(C) गरीब बस्तियों में
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (C) गरीब बस्तियों में

3. गरीब बस्तियों में क्या हुआ?
(A) कई शिशु पैदा हुए
(B) दंगे, आगजनी और बमबारी
(C) धमाके से देवी जागरण
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (C) धमाके से देवी जागरण

4. मेरी नींद के दौरान कुछ बढ़ गए पेड़।
(A) अधिक
(B) इंच
(C) वृक्ष
(D) सेंटीमीटर
उत्तर: (B) इंच

5. ‘अमृत प्रभात’ पत्रिका कहाँ से प्रकाशित होती है?
(A) लखनऊ
(B) बनारस
(C) इलाहाबाद
(D) मेरठ
उत्तर: (B) बनारस

6. हमारी नींद कविता में किसके जीवन-क्रम पूरा होने की बात की गई है?
(A) मानव
(B) मक्खी
(C) पशु
(D) पक्षी
उत्तर: (B) मक्खी

7. गरीब बस्तियों में भी धमाके से हुआ देवी जागरण लाउडस्पीकर पर। प्रस्तुत पंक्ति किस कविता की है?
(A) हिरोशिमा
(B) एक वृक्ष की हत्या
(C) हमारी नींद
(D) अक्षर-ज्ञान
उत्तर: (C) हमारी नींद

8. समकालीन कवि हैं-
(A) गुरुनानक
(B) प्रेमघन
(C) सुमित्रानंदन पंत
(D) वीरेन डंगवाल
उत्तर: (D) वीरेन डंगवाल

9. किस रचना के लिए वीरेन डंगवाल को रघुवीर सहाय स्मृति पुरस्कार मिला था?
(A) दुष्चक्र में स्रष्टा
(B) इसी दुनिया में
(C) घूमता आईना
(D) अमृत प्रभात
उत्तर: (A) दुष्चक्र में स्रष्टा

10. ‘दुष्चक्र में स्रष्टा’ काव्य संग्रह किस कवि का है?
(A) कुँवर नारायण
(B) अनामिका
(C) वीरेन डंगवाल
(D) जीवनानंद दास
उत्तर: (C) वीरेन डंगवाल

11. तुर्की के महाकवि थे-
(A) नाजिम हिकमत
(B) अब्दुल मुगनी
(C) सैयद मेहाल अहसन
(D) मो० सल्लाउद्दीन
उत्तर: (A) नाजिम हिकमत

12. ‘हमारी नींद’ कविता के कवि हैं-
(A) कुँवर नारायण
(B) वीरेन डंगवाल
(C) अनामिका
(D) रेनर मारिया रिल्के
उत्तर: (B) वीरेन डंगवाल

13. वीरेन डंगवाल द्वारा रचित कविता है-
(A) हिरोशिमा
(B) हमारी नींद
(C) अक्षर-ज्ञान
(D) लौटकर आऊँगा फिर
उत्तर: (B) हमारी नींद

14. वीरेन डंगवाल का जन्म कब हुआ था?
(A) 19 सितम्बर, 1927 ई०
(B) 17 अगस्त, 1961 ई०
(C) 7 मार्च, 1911 ई०
(D) 5 अगस्त, 1947 ई०
उत्तर: (D) 5 अगस्त, 1947 ई०

15. वीरेन डंगवाल कवि हैं-
(A) छायावादी
(B) प्रगतिवादी
(C) प्रयोगवादी
(D) समकालीन
उत्तर: (D) समकालीन

16. वीरेन डंगवाल को किस काव्य संग्रह के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था?
(A) दुष्चक्र में स्रष्टा
(B) इसी दुनिया में
(C) पहल पुस्तिका
(D) अमर उजाला
उत्तर: (B) इसी दुनिया में

17. सुविधाभोगी आराम पंसद जीवन अथवा हमारी वेपरवाहियों के बाहर विपरीत परिस्थितियों से लगातार लड़ते हुए बढ़ते जानेवाले जीवन का चित्र किस कविता में हुआ है?
(A) स्वदेशी
(B) भारतमाता
(C) हमारी नींद
(D) जनतंत्र का जन्म
उत्तर: (C) हमारी नींद

18. दैनिक ‘अमर उजाला’ के संपादकीय सलाहकार भी हैं-
(A) वीरेन डंगवाल
(B) कुँवर नारायण
(C) अनामिका
(D) जीवनानंद दास
उत्तर: (A) वीरेन डंगवाल

19. कवि के अनुसार, इनकार करना न भूलने वाले कौन हैं?
(A) शिक्षित लोग
(B) किसान लोग
(C) हठधर्मी लोग
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (C) हठधर्मी लोग

20. वीरेन डंगवाल का पहला काव्य संग्रह कब प्रकाशित हुआ?
(A) 1990 ई० में
(B) 1991 ई० में
(C) 1992 ई० में
(D) 1993 ई० में
उत्तर: (B) 1991 ई० में

निष्कर्ष :

ऊपर आपने बिहार बोर्ड कक्षा 10 की हिन्दी पुस्तक “गोधूली भाग 2” के काव्यखंड के 9 वाँ अध्याय “हमारी नींद” की व्याख्या, बोध-अभ्यास, महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर और वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को पढ़ा। यह अध्याय न केवल आपकी परीक्षा की दृष्टि से सहायक है बल्कि जीवन के लिए भी प्रेरणादायी सीख देता है। हमें उम्मीद है कि यह सामग्री आपके अध्ययन को और सरल व प्रभावी बनाएगी। यदि किसी प्रश्न या समाधान को लेकर आपके मन में कोई शंका हो, तो आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं या सीधे हमसे संपर्क करें। हम आपकी मदद करने की पूरी कोशिश करेंगे। संपर्क करें
Scroll to Top