Bharati Bhavan Bio Ex-5 Solution

Bharati Bhavan Bio Ex-5 Solution : नियंत्रण एवं समन्वय

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Bharati Bhavan (भारती भवन) की पाठ्यपुस्तक बिहार बोर्ड कक्षा 10 के छात्रों के लिए एक बेहतरीन संसाधन है, जो बिहार बोर्ड (BSEB) के नवीनतम पाठ्यक्रम पर आधारित है। भारती भवन (Bharati Bhavan) पुस्तक की सभी प्रकार के प्रश्नों का समाधान यहाँ पर निशुल्क उपलब्ध हैं। छात्र विषयों के समाधान को समझ सकें इसके लिए प्रश्नों के उत्तर सरल एवं स्पष्ट भाषा में समझाया गया है, आकर्षक चित्रों से समझाया गया है तथा उत्तम उदाहरणों से प्रश्नों को समझाया गया है। अध्याय के प्रश्नावली समाधान के बाद नीचे आप सभी के लिए 40 महत्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को भी दिया गया है। आपके बोर्ड परीक्षा की तैयारी बेहतर हो इसका विशेष ध्यान रखा गया है।

नियंत्रण एवं समन्वय : इस अध्याय में हमने क्या पढ़ा है।

इस अध्याय में हमने जीवों में नियंत्रण और समन्वय की प्रक्रिया का अध्ययन किया। जीवों का शरीर असंख्य कोशिकाओं से बना होता है, जो ऊतकों, अंगों और अंगतंत्रों का निर्माण करते हैं। ये अंगतंत्र, जैसे पाचन, श्वसन, और परिसंचरण तंत्र, विभिन्न कार्यों को सुचारू रूप से संपन्न करने के लिए समन्वय और नियंत्रण की आवश्यकता रखते हैं। पौधों में नियंत्रण रासायनिक होता है, जो पादप हॉर्मोनों (जैसे ऑक्सिन, जिबरेलिन्स, साइटोकाइनिन, एब्सिसिक एसिड, और एथिलीन) के माध्यम से होता है। ये हॉर्मोन पौधों की वृद्धि, गति (जैसे प्रकाश-अनुवर्तन, गुरुत्वानुवर्तन, जलानुवर्तन), और अन्य जैविक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं।

दूसरी ओर, जंतुओं में नियंत्रण और समन्वय तंत्रिकीय और रासायनिक दोनों तरह से होता है। तंत्रिका तंत्र, जिसमें मस्तिष्क, स्पाइनल कॉर्ड, और तंत्रिकाएँ शामिल हैं, संवेदनाओं को ग्रहण कर उनका विश्लेषण करता है और उचित प्रतिक्रिया देता है। मस्तिष्क का सेरिब्रम बुद्धि और चेतना का केंद्र है, जबकि सेरिबेलम संतुलन और ऐच्छिक गतियों को नियंत्रित करता है। रासायनिक नियंत्रण अंतःस्रावी ग्रंथियों (जैसे पिट्यूटरी, थाइरॉइड, एड्रिनल, और जनन ग्रंथियाँ) द्वारा स्रावित हॉर्मोनों के माध्यम से होता है, जो शारीरिक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं। प्रतिवर्ती चाप तंत्रिका तंत्र की त्वरित प्रतिक्रिया का आधार है। इस अध्याय में पौधों और जंतुओं में नियंत्रण और समन्वय की जटिल प्रक्रियाओं को समझने के लिए इन तंत्रों की संरचना और कार्यप्रणाली का विस्तृत अध्ययन किया गया।

Bharati Bhavan Bio Ex-5 Solution का समाधान pdf कैसे download करें।

किसी भी अध्याय का PDF फॉर्मेट में उपलब्धता छात्रों के लिए बेहद उपयोगी होती है। इंटरनेट ना उपलब्ध होने पर भी छात्र pdf के माध्यम से अपने अध्याय को कहीं भी अध्ययन कर सकते हैं। pdf आपको Exam के अंतिम समय में revision में मदद करती हैं। छात्र भारती भवन कक्षा 10 विज्ञान के अध्याय 5 “नियंत्रण एवं समन्वय” के समाधान की PDF डाउनलोड करने के लिए छात्र हमारी वेबसाइट पर दिए गए डाउनलोड PDF बटन पर क्लिक कर सकते हैं। इस pdf में सभी प्रकार के प्रश्नों – वस्तुनिष्ठ, रिक्त स्थान, लघु और दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों – को विस्तारपूर्वक समाधान दिया गया है, जिससे छात्रों को परीक्षा में बेहतर अंक लाने में मदद मिलती है। PDF का Download लिंक सबसे नीचे दिया गया है।

Objectives Questions (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)

नियंत्रण एवं समन्वय : (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)

1. हमारे शरीर में विभिन्न जैविक कार्यों का नियंत्रण होता है
A. तंत्रिका द्वारा
B. हॉर्मोनो द्वारा
C. तंत्रिका एवं हॉर्मोनो दोनों के द्वारा
D. इनमें कोई नहीं
उत्तर: C

2. एबसिसिक एसिड किस तरह का रसायन है?
A. आक्जीन की तरह
B. जिबरेलिन्स की तरह
C. साइटोकाइनिन की तरह
D. वृद्धिरोधक
उत्तर: D

3. बीजरहित पौधों के उत्पादन में ये सहायक होते हैं
A. साइटोकाइनिन
B. आक्जीन
C. जिबरेलिन्स
D. आक्जीन एवं जिबरेलिन्स दोनों
उत्तर: D

4. इनमें कौन फल पकाने के लिए प्रयुक्त होते हैं?
A. आक्जीन
B. जिबरेलिन्स
C. एथिलीन
D. साइटोकाइनिन
उत्तर: C

5. मस्तिष्क का कौन-सा भाग हृदय-स्पंदन तथा श्वसन-गति की दर को नियंत्रित करता है?
A. सेरीब्रम
B. मेडुला
C. सेरीबेलम
D. डाइएनसेफलान
उत्तर: B

6. इनमें कौन बुद्धि और चतुराई का केंद्र है?
A. सेरीबेलम
B. मेडुला
C. सेरीब्रम
D. कॉर्पस कैलोसम
उत्तर: C

7. हॉर्मोन स्त्रावित होता है
A. अंतः स्त्रावी ग्रंथि से
B. बहिस्त्रावी ग्रंथि से
C. नलिका ग्रंथि से
D. इनमें कोई नहीं
उत्तर: A

8. ऐंड्रोजेन है
A. नरलिंग हॉर्मोन
B. स्त्रीलिंग हॉर्मोन
C. पाचक रस
D. पाराथाइरॉइड हॉर्मोन
उत्तर: A

9. एस्ट्रोजेन स्त्रावित होता है
A. वृषण द्वारा
B. अंडाशय द्वारा
C. लैंगर हैंस की द्वीपिकाओं द्वारा
D. थाइरॉइड द्वारा
उत्तर: B

नियंत्रण एवं समन्वय : (रिक्त स्थान)

1. जीवों के जैव कार्यों के सफल संचालन के लिए अंगो का समन्वय आवश्यक है।

2. रासायनिक नियंत्रण में हॉर्मोन की मदद से जैव कार्य संपन्न होते हैं।

3. सभी जीवों के बाहरी एवं भीतरी वातावरण के बिच एक संतुलन बना रहता है।

4. आक्जीन मुख्यतः स्तंभ शीर्ष पर पाए जाते हैं।

5. प्रत्येक न्यूरॉन में एक साइटान, एक एक्सॉन तथा कई डेंड्राइट्स विद्यमान होते हैं।

6. मनुष्य के मस्तिष्क के तीन प्रमुख भाग अग्रमस्तिष्क, मध्यमस्तिष्क तथा पश्चमस्तिष्क हैं।

7. रक्त में ग्लूकोस की मात्रा का नियंत्रण अग्न्याशय (पैंक्रियाज) नामक अन्तःस्त्रावी ग्रंथि से स्त्रावित हॉर्मोनो के द्वारा होता है।

नियंत्रण एवं समन्वय : (अतिलघु उत्तरीय प्रश्न)

1. पौधों में शारीरिक कार्यों का नियंत्रण किस विधि से होता है?
उत्तर: पौधों में शारीरिक कार्यों का नियंत्रण रासायनिक विधि से होता है।

2. पौधों में हॉर्मोन्स की उत्पत्ति कहाँ होती है?
उत्तर: पौधों में हॉर्मोन्स की उत्पत्ति शीर्षस्थ मेरिस्टेम, जड़ों और विकासशील फलों आदि में होती है।

3. किन्ही दो पादप वृद्धि वर्धक पदार्थों के नाम लिखें।
उत्तर: दो पादप वृद्धि वर्धक पदार्थ हैं आक्जीन और जिबरेलिन्स।

4. एक पादप वृद्धि रोधक हॉर्मोन का नाम लिखें।
उत्तर: एक पादप वृद्धि रोधक हॉर्मोन का नाम एबसिसिक एसिड है।

5. फल पकानेवाले हॉर्मोन का क्या नाम है?
उत्तर: फल पकानेवाले हॉर्मोन का नाम एथिलीन है।

6. पत्तियों के विलगन में किस कार्बनिक रसायन की मुख्य भूमिका रहती है?
उत्तर: पत्तियों के विलगन में एबसिसिक एसिड की मुख्य भूमिका रहती है।

7. पादप हॉर्मोन क्या है?
उत्तर: पादप हॉर्मोन ऐसे कार्बनिक पदार्थ हैं जो पौधों में वृद्धि, विकास और अन्य शारीरिक क्रियाओं को नियंत्रित करते हैं।

8. हॉर्मोन्स की कोई एक विशेषता लिखें।
उत्तर: हॉर्मोन्स की एक विशेषता यह है कि ये बहुत कम मात्रा में स्त्रावित होते हैं लेकिन इनका प्रभाव बहुत महत्वपूर्ण होता है।

9. तंत्रिकीय तंत्र की संरचनात्मक और कार्यात्मक इकाई क्या है?
उत्तर: तंत्रिकीय तंत्र की संरचनात्मक और कार्यात्मक इकाई न्यूरॉन है।

10. मनुष्य के तंत्रिका तंत्र के तीन प्रमुख भागों के नाम लिखें।
उत्तर: मनुष्य के तंत्रिका तंत्र के तीन प्रमुख भाग हैं केंद्रीय तंत्रिका तंत्र, परिधीय तंत्रिका तंत्र और स्वायत्त तंत्रिका तंत्र।

11. केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के निर्माण की दो प्रमुख रचनाएँ कौन-कौन-सी हैं?
उत्तर: केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के निर्माण की दो प्रमुख रचनाएँ मस्तिष्क और मेरुरज्जु हैं।

12. मस्तिष्क के चारों ओर स्थित पतली झिल्ली क्या कहलाती है?
उत्तर: मस्तिष्क के चारों ओर स्थित पतली झिल्ली मेनिन्जेस कहलाती है।

13. अग्र मस्तिष्क के दो मुख्य भागों के नाम लिखें।
उत्तर: अग्र मस्तिष्क के दो मुख्य भाग हैं सेरीब्रम और डाइएनसेफालॉन।

14. मस्तिष्क में बुद्धि और चतुराई का केंद्र क्या है?
उत्तर: मस्तिष्क में बुद्धि और चतुराई का केंद्र सेरीब्रम है।

15. जन्तुओं के शरीर में होनेवाली विभिन्न क्रियाओं का रासायनिक नियंत्रण और समन्वय किसके द्वारा होता है?
उत्तर: जन्तुओं के शरीर में होनेवाली विभिन्न क्रियाओं का रासायनिक नियंत्रण और समन्वय हॉर्मोन के द्वारा होता है।

16. मनुष्य के शरीर में पाई जानेवाली तीन अन्तःस्त्रावी ग्रंथियों के नाम लिखें।
उत्तर: पिट्यूटरी ग्रंथि, थाइरॉइड ग्रंथि और एड्रीनल ग्रंथि।

17. एड्रीनल ग्रंथि के कॉर्टेक्स भाग से स्त्रावित होनेवाले हॉर्मोन्स के नाम लिखें।
उत्तर: एड्रीनल ग्रंथि के कॉर्टेक्स भाग से स्त्रावित हॉर्मोन्स में कॉर्टिसोल शामिल है।

18. थायरॉक्सिन हॉर्मोन किसके द्वारा स्त्रावित होता है?
उत्तर: थायरॉक्सिन हॉर्मोन थाइरॉइड ग्रंथि द्वारा स्त्रावित होता है।

19. वृषण द्वारा स्त्रावित होनेवाले हॉर्मोन का क्या नाम है?
उत्तर: वृषण द्वारा स्त्रावित होनेवाले हॉर्मोन का नाम टेस्टोस्टेरोन है।

20. रक्त में उपस्थित ग्लूकोस की मात्रा को नियंत्रित करनेवाला हॉर्मोन किस ग्रंथि द्वारा स्त्रावित होता है?
उत्तर: रक्त में ग्लूकोस की मात्रा को नियंत्रित करनेवाला हॉर्मोन इंसुलिन है, जो अग्न्याशय द्वारा स्त्रावित होता है।

भारती भवन जीवविज्ञान के अन्य अध्यायों का समाधान

क्र. सं. अध्याय का नाम
1 जैव प्रक्रम : पोषण
2 श्वसन
3 परिवहन
4 उत्सर्जन
6 जनन
7 आनुवंशिकता
8 हमारा पर्यावरण

नियंत्रण एवं समन्वय : (लघु उत्तरीय प्रश्न)

1. जीवों के अंगों एवं अंगतंत्रों के कार्यों का समन्वय एवं नियंत्रण क्यों जरूरी होता है ?
उत्तर: जीवों के अंगों एवं अंगतंत्रों के कार्यों का समन्वय एवं नियंत्रण इसलिए जरूरी होता है ताकि शरीर के सभी भाग एक साथ मिलकर सुचारू रूप से कार्य कर सकें और बाहरी तथा आंतरिक वातावरण में होने वाले परिवर्तनों के प्रति उचित प्रतिक्रिया दे सकें। यह शरीर को एक इकाई के रूप में कार्य करने में सक्षम बनाता है, जिससे जीवन प्रक्रियाएं सफलतापूर्वक चलती रहती हैं।

2. जिबरेलिन्स की मुख्य उपयोगिता क्या है ?
उत्तर: जिबरेलिन्स की मुख्य उपयोगिता पौधों की तने की लंबाई बढ़ाने (पर्वसंधियों की वृद्धि), बीज के अंकुरण को बढ़ावा देने और फूलों के विकास को प्रेरित करने में है। यह फल के आकार को बढ़ाने में भी सहायक होता है।

3. आक्जीन की उत्पत्ति कहाँ होती है ?
उत्तर: आक्जीन की उत्पत्ति मुख्य रूप से पौधे के बढ़ते हुए शीर्ष (जैसे तने और जड़ के सिरे) पर होती है, जिसे शीर्षस्थ कलिका भी कहते हैं।

4. वृद्धि-नियंत्रक पदार्थ से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर: वृद्धि-नियंत्रक पदार्थ ऐसे रासायनिक पदार्थ हैं जो पौधों में वृद्धि, विकास, विभेदन और अन्य शारीरिक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं। ये वृद्धि को बढ़ा या घटा सकते हैं।

5. अगर स्तंभ-शीर्ष काट दिया जाए तो पौधों पर क्या असर पड़ेगा ?
उत्तर: अगर स्तंभ-शीर्ष काट दिया जाए तो पौधों की ऊंचाई में वृद्धि रुक जाएगी। इससे पार्श्व कलिकाओं की वृद्धि उत्तेजित हो सकती है, जिससे पौधा अधिक झाड़ीदार हो जाएगा, क्योंकि आक्जीन जो शीर्षस्थ प्रभाविता का कारण बनता है, हट जाता है।

6. साइटोकाइनिन की कोशिका-विभाजन में क्या उपयोगिता है ?
उत्तर: साइटोकाइनिन की कोशिका-विभाजन में मुख्य उपयोगिता कोशिका विभाजन को बढ़ावा देना (साइटोकाइनेसिस) है। यह कोशिका वृद्धि और विभेदन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

7. छुई-मुई की पत्तियाँ किस गति को दर्शाती है ? हमारी टाँगों की गति से यह कैसे भिन्न है ?
उत्तर: छुई-मुई की पत्तियाँ स्पर्शानुवर्तन गति को दर्शाती हैं, जहाँ स्पर्श करने पर पत्तियाँ तुरंत सिकुड़ जाती हैं। यह हमारी टाँगों की गति से भिन्न है क्योंकि:
प्रेरणा: हमारी टाँगों की गति ऐच्छिक (हमारी इच्छा से) या अनैच्छिक (जैसे प्रतिवर्ती क्रिया) होती है, जबकि छुई-मुई की गति बाहरी उत्तेजना (स्पर्श) के प्रति स्वचालित प्रतिक्रिया है।
तंत्र: हमारी टाँगों की गति में पेशियाँ और तंत्रिका तंत्र शामिल होता है। छुई-मुई में, यह गति पत्तियों के आधार पर स्थित पल्वाइनि में टर्गर दाब में परिवर्तन के कारण होती है, जहाँ से पानी कोशिकाओं से बाहर निकल जाता है, जिससे पत्तियां ढीली होकर सिकुड़ जाती हैं। इसमें कोई पेशीय या तंत्रिका क्रिया शामिल नहीं होती।

8. पौधों में प्रकाश-अनुवर्तन किस प्रकार होता है ?
उत्तर: पौधों में प्रकाश-अनुवर्तन मुख्य रूप से आक्जीन हॉर्मोन के कारण होता है। जब पौधा एक दिशा से प्रकाश प्राप्त करता है, तो आक्जीन प्रकाश के विपरीत दिशा में अधिक सांद्रित हो जाता है। आक्जीन कोशिकाओं की लंबाई बढ़ाने को प्रेरित करता है, इसलिए प्रकाश से दूर वाली कोशिकाओं में अधिक वृद्धि होती है, जिससे तना प्रकाश की ओर मुड़ जाता है।

9. जन्तुओ के शरीर में स्थित तंत्रिका तंत्र का क्या काम है ?
उत्तर: जंतुओं के शरीर में स्थित तंत्रिका तंत्र का मुख्य काम सूचनाओं को प्राप्त करना, उनका प्रसंस्करण करना और उनके प्रति प्रतिक्रिया देना है। यह शरीर के विभिन्न अंगों के कार्यों का समन्वय करता है, संवेदी जानकारी (दृष्टि, श्रवण, स्पर्श) को ग्रहण करता है, और मांसपेशियों की गतिविधियों को नियंत्रित करता है।

10. मनुष्य के तंत्रिका तंत्र के विभिन्न भाग कौन-कौन-से है?
उत्तर: मनुष्य के तंत्रिका तंत्र के विभिन्न भाग हैं:
केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (CNS): इसमें मस्तिष्क और मेरुरज्जु शामिल हैं।
परिधीय तंत्रिका तंत्र (PNS): इसमें CNS से निकलने वाली सभी तंत्रिकाएं शामिल हैं, जो शरीर के बाकी हिस्सों तक फैली होती हैं।
स्वायत्त तंत्रिका तंत्र (ANS): यह अनैच्छिक कार्यों (जैसे हृदय गति, पाचन) को नियंत्रित करता है।

11. मस्तिष्क के महत्वपूर्ण कार्यों का उल्लेख करें
उत्तर: मस्तिष्क के महत्वपूर्ण कार्य निम्नलिखित हैं:
– सोचना, सीखना और याद रखना: यह बुद्धि, तर्क और स्मृति का केंद्र है।
– संवेदी जानकारी का प्रसंस्करण: यह दृष्टि, श्रवण, स्पर्श, स्वाद और गंध जैसी सभी संवेदी जानकारी को संसाधित करता है।
– मांसपेशीय गतिविधियों का नियंत्रण: यह शरीर की ऐच्छिक और अनैच्छिक गतिविधियों को नियंत्रित करता है।
– हॉर्मोनल नियंत्रण: यह अंतःस्त्रावी ग्रंथियों को नियंत्रित करके हॉर्मोन के स्राव में भूमिका निभाता है।
– भावनाएं और व्यवहार: यह भावनाओं, व्यक्तित्व और व्यवहार को नियंत्रित करता है।
– शारीरिक कार्यों का समन्वय: यह हृदय गति, श्वसन और पाचन जैसे आंतरिक शारीरिक कार्यों का समन्वय करता है।

12. मनुष्य के शरीर में पाई जाने वाली अन्तःस्त्रावी ग्रंथियों के नाम लिखें
उत्तर: मनुष्य के शरीर में पाई जाने वाली कुछ प्रमुख अंतःस्त्रावी ग्रंथियां हैं:
– पिट्यूटरी ग्रंथि
– थाइरॉइड ग्रंथि
– पैराथाइरॉइड ग्रंथि
– एड्रीनल ग्रंथि
– अग्न्याशय (अन्तःस्त्रावी और बहिस्त्रावी दोनों)
– पीनियल ग्रंथि
– थाइमस ग्रंथि
– जनन ग्रंथियां : वृषण पुरुषों में और अंडाशय महिलाओं में।

13. पिट्यूटरी ग्रंथि मास्टर ग्रंथि क्यों कहलाती है ?
उत्तर: पिट्यूटरी ग्रंथि को “मास्टर ग्रंथि” कहा जाता है क्योंकि यह कई अन्य अंतःस्त्रावी ग्रंथियों (जैसे थाइरॉइड, एड्रीनल, जनन ग्रंथियां) के कार्यों को नियंत्रित और विनियमित करने वाले हॉर्मोन स्त्रावित करती है। यह शरीर के अधिकांश हॉर्मोनल संतुलन और विकास को प्रभावित करती है।

नियंत्रण एवं समन्वय : (दीर्घुत्तरीय प्रश्न)

1. पादप हॉर्मोन्स के मुख्य उदाहरण लिखें एवं ऑक्जिन के प्रभावों का वर्णन करें।
उत्तर : पादप हॉर्मोन्स के मुख्य उदाहरण ऑक्जिन, जिबरेलिन्स, साइटोकाइनिन, ऐबसिसिक एसिड और एथिलीन है।
ऑक्जिन : यह पादपों में एक महत्वप्रुण वृद्धि हॉर्मोन है, जो पादपों के तनों के शीर्ष में संश्लेषित होता है।
इसके मुख्य प्रभाव निम्नलिखित हैं-

  • यह कार्बनिक यौगिक कोशिका विभाजन एवं कोशिका दीर्घन में सहायक होता है।
  • यह प्रकाश अनुवर्तन में मुख्य भूमिका निभाता है। पादप के शीर्ष पर प्रकाश पड़ने पर ऑक्जिन छाया वाले भाग में विसरित हो जाता है।
  • जब पादप के शीर्ष को काट दिया जाता है, तो ऑक्जिन की कमी से उनका वृद्धि रुक जाता है तथा पार्श्वशाखाएँ निकलने लगती हैं।
  • यह बिजरहित फलों के उत्पादन में सहायक होता है।

2. वृद्धि नियंत्रण पदार्थ से आप क्या समझते हैं? पौधों में रासायनिक समन्वय कैसे होता है?
उत्तर : वैसे पदार्थ जो जीवों में होने वाली वृद्धि को प्रभावित करते हैं, उन्हें वृद्धि नियंत्रण पदार्थ कहते हैं। जैसे : ऑक्जिन हॉर्मोन पौधों के तना के वृद्धि में मदद करता है तथा ऐबसिसिक एसिड पौधों में होने वाली वृद्धि को अवरुद्ध करता है। यह दोनों पदार्थ वृद्धि नियंत्रक पदार्थ है।
पौधों में रासायनिक समन्वय पादप हॉर्मोनों से होता है। कुछ ऐसे पदार्थ (हॉर्मोन) जो पौधों में रासायनिक समन्वय को नियंत्रित करते हैं।

  • ऑक्जिन :
  • जिबरेलिन्स :
  • साइटोकाइनिन :
  • ऐबसिसिक एसिड :
  • एथिलीन :

3. जिबरेलिन्स एवं साइटोकाइनिन के कार्यो की विवेचना करें।
उत्तर : जिबरेलिन्स के कार्यो का विवेचना निम्न है-
1. यह हॉर्मोन पौधों में कोशिका-विभाजन एवं कोशिका-दीर्घन द्वारा लम्बाई में वृद्धि में मदद करता है।
2. इसका उपयोग बड़े आकार के फलों एवं फूलों के उत्पादन में किया जाता है।
3. इस हॉर्मोन का उपयोग बिजरहित फलों के उत्पादन में भी किया जाता है।

साइटोकाइनिन के कार्यो का विवेचना निम्न है-
1. यह हॉर्मोन पौधों में कोशिकाद्रव्य के विभाजन में मुख्य भूमिका निभाता है।
2. यह पौधों की पत्तियों में पर्णहरित को काफ़ी समय तक नष्ट होने से रोकता है।

4. तंत्रिका कोशिका या न्यूरॉन की संरचना का सचित्र वर्णन करें।
उत्तर : प्रत्येक न्यूरॉन में एक ताराकार कोशिकाकाय होता है जिसे साइटॉन कहते हैं। साइटॉन में कोशिकाद्रव्य तथा एक बड़ा केंद्रक होता है। कोशिकाद्रव्य में अनेक निस्सल कणिकाएँ पाई जाती हैं। साइटॉन से अनेक पतले तंतु या प्रवर्धन निकले होते हैं। इन तंतुओं में से एक, जो अन्य की अपेक्षा बहुत लंबा होता है, अक्ष या एक्सॉन कहलाता है। एक्सॉन में कोशिकाद्रव्य भरे होते हैं। एक्सॉन के अतिरिक्त अन्य प्रवर्धन जो सामान्यतः छोटे और शाखित होते हैं, डेंड्राइट्स कहलाते हैं। डेंड्राइट्स विभिन्न प्रकार की संवेदनाओं को संवेदी अंगों से ग्रहण कर साइटॉन को पहुँचाते हैं। साइटॉन में संवेदना विद्युत आवेग में परिवर्तित हो जाता है और फिर एक्सॉन द्वारा आगे की ओर बढ़ता है। भारती भवन के पुस्तक में पेज संख्या 44 देंखें।
एक्सॉन अपने अंतिम छोर पर शाखित हो जाता है और प्रत्येक शाखा सूक्ष्म गाँठ जैसी रचना में समाप्त हो जाती है जिन्हें साइनैप्टिक गाँठें कहते हैं। एक्सॉन या तो पेशियों या ग्रंथियों में समाप्त हो जाते हैं, जहाँ ये उन अंगों को उत्तेजित करते हैं या दूसरे न्यूरॉन के डेंड्राइट्स से जुड़कर संपर्क स्थापित करते हैं। इस स्थान को सिनैप्स कहते हैं। इसी स्थान पर एक्सॉन की शाखाएँ एक प्रकार का रासायनिक पदार्थ स्रावित करती हैं, जो तंत्रिका आवेग को अगले न्यूरॉन की डेंड्राइट्स में पहुँचाती हैं।

एक्सॉन के चारों ओर श्वेत चर्बीदार पदार्थों का एक आवरण होता है जिसे मायलिन आवरण कहते हैं। मायलिन आवरण कुछ दूरी पर अनुपस्थित होता है और वे स्थान रेनवियर के संधि कहलाते हैं। दो संधियों के बीच के भाग को इंटरनोड कहते हैं। मायलिन आवरण के ऊपर एक पतली झिल्ली होती है जिसे न्यूरिलेमा कहते हैं। न्यूरिलेमा चपटी तथा लंबवत श्वान कोशिकाओं की बनी होती है, जो एक्सॉन के ऊपर एक झिल्लीदार आवरण के रूप में रेनवियर के संधि तथा इंटरनोड्स को ढँककर रखती हैं। जब एक्सॉन बहुत लंबा होता है तो वह तंत्रिका तंतु कहलाता है तथा कई तंत्रिका तंतुओं के मिलने से तंत्रिका बनती है।

5. मनुष्य के मस्तिष्क की संरचना का सचित्र वर्णन करें।
उत्तर : मस्तिष्क मानव शरीर का अत्यंत महत्त्वपूर्ण और कोमल अंग है। यह खोपड़ी की मस्तिष्कगुहा (क्रेनियम) में सुरक्षित रहता है और चारों ओर से मेनिंजीज नामक झिल्ली से ढका रहता है। मेनिंजीज और मस्तिष्क के बीच सेरीब्रोस्पाइनल द्रव्य भरा रहता है, जो मस्तिष्क को आघात और दबाव से सुरक्षित रखता है तथा नम बनाए रखता है।
भारती भवन के पुस्तक में पेज संख्या 44 देंखें।
मनुष्य का मस्तिष्क अन्य कशेरुकियों की अपेक्षा अधिक विकसित होता है। इसका भार लगभग 1.5 किलोग्राम तथा औसत आयतन 1650 mL होता है। इसे मुख्यतः तीन भागों में बाँटा गया है:
1. अग्रमस्तिष्क
• इसमें प्रमस्तिष्क (सेरीब्रम) और डाइएनसेफलॉन आते हैं।
• प्रमस्तिष्क मस्तिष्क का सबसे बड़ा भाग है। यह दाएँ और बाएँ गोलार्द्धों में विभाजित होता है और दोनों को कॉर्पस कैलोसम जोड़ता है। इसकी सतह पर गाइरस (उभार) और सल्कस (खाँचें) होते हैं, जो सतही क्षेत्र को बढ़ाते हैं।
• प्रमस्तिष्क बुद्धि, स्मृति, विचार, भावनाएँ (जैसे प्रेम, घृणा, भय, हर्ष) और शरीर की अनेक क्रियाओं का नियंत्रण करता है।
• डाइएनसेफलॉन ताप का अनुभव, दर्द तथा रोने जैसी क्रियाओं को नियंत्रित करता है।

2. मध्यमस्तिष्क
• यह मस्तिष्क-स्टेम का ऊपरी भाग है।
• यहाँ तंत्रिका कोशिकाओं के समूह पाए जाते हैं।
• यह शरीर का संतुलन और आँख की पेशियों की गति को नियंत्रित करता है।

3. पश्चमस्तिष्क
इसके दो भाग हैं:
• अनुमस्तिष्क (सेरीबेलम): यह मुद्रा, संतुलन, ऐच्छिक गतियाँ (हाथ-पाँव की चाल, बोलना आदि) और मांसपेशियों का समन्वय करता है। इसके नष्ट होने पर चलना, पकड़ना और बोलना कठिन हो जाता है।
• मस्तिष्क स्टेम: इसमें पॉन्स वैरोलाई और मेडुला ऑब्लांगेटा शामिल हैं।
• पॉन्स वैरोलाई श्वसन को नियंत्रित करता है।
• मेडुला ऑब्लांगेटा मस्तिष्क और मेरुरज्जु को जोड़ता है तथा हृदयगति, रक्तचाप और श्वसन-गति को नियंत्रित करता है। इसके द्वारा खाँसना, छींकना, उलटी करना आदि प्रतिवर्ती क्रियाएँ भी नियंत्रित होती हैं।

6. मनुष्य के शरीर में पाई जानेवाली अंतः स्रावित ग्रंथियों के नाम लिखें। पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा स्रावित हॉर्मोनों के कार्यो का उल्लेख करें।
उत्तर : मनुष्य के शरीर में पाई जाने वाली अंतःस्त्रावी ग्रंथियों का नाम निम्न हैं:
• पिट्यूटरी ग्रंथि
• थाइरॉइड ग्रंथि
• पैराथाइरॉइड ग्रंथि
• एड्रीनल ग्रंथि
• अग्न्याशय (अन्तःस्त्रावी और बहिस्त्रावी दोनों)
• पीनियल ग्रंथि
• थाइमस ग्रंथि
• जनन ग्रंथियां : वृषण पुरुषों में और अंडाशय महिलाओं में।

पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा स्रावित हॉर्मोनों के कार्यो का उल्लेख निम्नलिखित है-
पिट्यूटरी ग्रंथि को मास्टर ग्रंथि कहा जाता है क्योंकि यह शरीर की कई महत्त्वपूर्ण अंतःस्रावी ग्रंथियों के कार्यों को नियंत्रित करती है। यह दो मुख्य भागों में विभाजित होती है—अग्रपिंडक और पश्चपिंडक। अग्रपिंडक से वृद्धि हॉर्मोन (Growth Hormone) स्रावित होता है जो हड्डियों और मांसपेशियों की वृद्धि को नियंत्रित करता है। इसका अधिक स्राव जाइगैटिज्म (Gigantism) नामक अवस्था उत्पन्न करता है, जिसमें व्यक्ति की लंबाई असामान्य रूप से बढ़ जाती है, जबकि इसका कम स्राव ड्वार्फिज्म (Dwarfism) का कारण बनता है, जिसमें व्यक्ति की वृद्धि रुक जाती है और बौनापन आ जाता है। इसी भाग से गोनाडोट्रॉपिक हॉर्मोन भी स्रावित होते हैं जो नर में शुक्राणु तथा मादा में अंडाणु बनने की प्रक्रिया को नियंत्रित करते हैं। इसके अलावा, प्रोलैक्टिन नामक हॉर्मोन मादा के स्तनों में दुग्धस्राव को उत्तेजित करता है।
पश्चपिंडक से एंटी डाययूरेटिक हॉर्मोन (ADH) स्रावित होता है जो शरीर में जल-संतुलन बनाए रखने में सहायक होता है तथा गुर्दों द्वारा जल के पुनःशोषण को नियंत्रित करता है। इसके साथ ही ऑक्सीटोसिन (Oxytocin) हॉर्मोन मादा में प्रसव के समय गर्भाशय की पेशियों को संकुचित करने में मदद करता है और बच्चे के जन्म की प्रक्रिया को सरल बनाता है। इस प्रकार पिट्यूटरी ग्रंथि शरीर की वृद्धि, प्रजनन, दुग्धस्राव और जल-संतुलन जैसी प्रक्रियाओं में अत्यंत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

7. एड्रिलीन और जनन ग्रंथियों द्वारा स्रावित हॉर्मोनों और उनके कार्यो का उल्लेख करें।
उत्तर : एड्रीनल ग्रंथि और जनन ग्रंथियाँ दोनों ही शरीर की महत्त्वपूर्ण अंतःस्रावी ग्रंथियाँ हैं। एड्रीनल ग्रंथि वृक्क के ऊपरी भाग पर स्थित होती है और इसके दो भाग होते हैं – कॉर्टेक्स और मेडुला। कॉर्टेक्स से ग्लूकोकॉर्टिकॉइड्स स्रावित होते हैं जो कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा के उपापचय को नियंत्रित करते हैं तथा जल और इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखते हैं। मिनरलोकॉर्टिकॉइड्स लवणों के पुनः अवशोषण और जल संतुलन को नियंत्रित करते हैं। कॉर्टेक्स से ही लिंग हॉर्मोन स्रावित होते हैं, जो हड्डियों और मांसपेशियों के विकास, बाह्यलक्षणों और यौन आचरण को प्रभावित करते हैं। मेडुला से एपिनेफ्रीन और नॉरएपिनेफ्रीन स्रावित होते हैं, जो भय, तनाव और उत्तेजना की अवस्था में सक्रिय होकर हृदय की धड़कन, रक्तचाप तथा रक्त में शर्करा की मात्रा को बढ़ाते हैं।

जनन ग्रंथियाँ भी अंतःस्रावी कार्य करती हैं। अंडाशय से स्रावित हॉर्मोन स्त्रियों में यौवनावस्था से संबंधित परिवर्तनों जैसे स्तनों का विकास, शरीर के आकार में परिवर्तन और मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करते हैं। वृषण से एंड्रोजेन, विशेषकर टेस्टोस्टेरोन, स्रावित होता है जो पुरुषोचित विशेषताओं जैसे भारी आवाज़, दाढ़ी-मूँछ का विकास, पेशियों का बढ़ना तथा यौन-आचरण का नियंत्रण करता है।

Bharati Bhavan Bio Ex-4 "नियंत्रण एवं समन्वय" के 40 अतिरिक्त महत्वपूर्ण वसुनिष्ठ प्रश्न

1. जीवों के शरीर में अंगतंत्रों का समन्वय और नियंत्रण क्यों आवश्यक है?
A. भोजन पचाने के लिए
B. कार्यों को व्यवस्थित और कुशल बनाने के लिए
C. केवल गति के लिए
D. रक्त संचरण के लिए
उत्तर: B

2. पौधों में नियंत्रण और समन्वय मुख्य रूप से किसके द्वारा होता है?
A. तंत्रिका तंत्र
B. रासायनिक हॉर्मोन
C. यांत्रिक प्रणाली
D. संवेदी कोशिकाएँ
उत्तर: B

3. पौधों में तंत्रिकीय नियंत्रण क्यों नहीं पाया जाता?
A. क्योंकि उनमें मस्तिष्क नहीं होता
B. क्योंकि उनमें तंत्रिका तंत्र नहीं होता
C. क्योंकि उनमें हॉर्मोन नहीं होते
D. क्योंकि वे गति नहीं करते
उत्तर: B

4. छुई-मुई के पौधे की पत्तियों में स्पर्श के प्रति अनुक्रिया किस प्रकार की गति को दर्शाती है?
A. प्रकाश-अनुवर्तन
B. गुरुत्वानुवर्तन
C. स्पर्शानुवर्तन
D. जलानुवर्तन
उत्तर: C

5. पौधों में वृद्धि से संबंधित गति का उदाहरण क्या है?
A. छुई-मुई की पत्तियों का बंद होना
B. मटर के पौधे का सहारे पर चढ़ना
C. जड़ों का पानी की ओर बढ़ना
D. पत्तियों का प्रकाश की ओर मुड़ना
उत्तर: B

6. प्रकाश-अनुवर्तन (Phototropism) किसके प्रति पौधे की गति को दर्शाता है?
A. गुरुत्वाकर्षण
B. जल
C. प्रकाश
D. रासायनिक पदार्थ
उत्तर: C

7. पौधों की जड़ों में मुख्य रूप से कौन-सी गति देखी जाती है?
A. प्रकाश-अनुवर्तन
B. गुरुत्वानुवर्तन
C. स्पर्शानुवर्तन
D. रासायनिक अनुवर्तन
उत्तर: B

8. पौधों में रासायनिक समन्वय के लिए कौन जिम्मेदार होता है?
A. तंत्रिका कोशिकाएँ
B. पादप हॉर्मोन
C. संवेदी अंग
D. मस्तिष्क
उत्तर: B

9. निम्न में से कौन-सा पादप हॉर्मोन वृद्धि को प्रेरित करता है?
A. एब्सिसिक एसिड
B. एथिलीन
C. ऑक्सिन
D. सभी
उत्तर: C

10. ऑक्सिन मुख्य रूप से कहाँ संश्लेषित होता है?
A. जड़ों में
B. पत्तियों में
C. तने के शीर्ष पर
D. फूलों में
उत्तर: C

11. पौधों में फल पकाने वाला हॉर्मोन कौन-सा है?
A. ऑक्सिन
B. जिबरेलिन्स
C. एथिलीन
D. साइटोकाइनिन
उत्तर: C

12. एब्सिसिक एसिड का मुख्य कार्य क्या है?
A. वृद्धि को बढ़ाना
B. पत्तियों का विलगन
C. कोशिका विभाजन
D. फल पकाना
उत्तर: B

13. साइटोकाइनिन का मुख्य कार्य क्या है?
A. कोशिका विभाजन को बढ़ावा देना
B. जड़ों की वृद्धि
C. फल पकाना
D. पत्तियों का विलगन
उत्तर: A

14. जिबरेलिन्स का उपयोग मुख्य रूप से किसके लिए होता है?
A. पत्तियों के विलगन के लिए
B. तने और बीजों की वृद्धि के लिए
C. जड़ों की गति के लिए
D. फूलों के विकास के लिए
उत्तर: B

15. जंतुओं में नियंत्रण और समन्वय के लिए कौन-सा तंत्र जिम्मेदार है?
A. केवल तंत्रिका तंत्र
B. केवल अंतःस्रावी तंत्र
C. तंत्रिका और अंतःस्रावी तंत्र दोनों
D. पाचन तंत्र
उत्तर: C

16. तंत्रिका तंत्र की संरचनात्मक और कार्यात्मक इकाई क्या है?
A. न्यूरॉन
B. ऊतक
C. अंग
D. हॉर्मोन
उत्तर: A

17. मनुष्य के मस्तिष्क का सबसे बड़ा भाग कौन-सा है?
A. सेरिबेलम
B. सेरिब्रम
C. मेडुला
D. पॉन्स
उत्तर: B

18. मस्तिष्क का कौन-सा भाग बुद्धि और चतुराई का केंद्र है?
A. सेरिबेलम
B. मेडुला
C. सेरिब्रम
D. कॉर्पस कैलोसम
उत्तर: C

19. सेरिबेलम का मुख्य कार्य क्या है?
A. स्मृति और बुद्धि
B. संतुलन और ऐच्छिक गतियाँ
C. हृदय गति का नियंत्रण
D. रक्तचाप का नियंत्रण
उत्तर: B

20. मेडुला ओब्लॉन्गेटा का मुख्य कार्य क्या है?
A. सोचने-समझने की प्रक्रिया
B. अनैच्छिक क्रियाओं का नियंत्रण
C. कोशिका विभाजन
D. प्रकाश की ओर गति
उत्तर: B

21. मस्तिष्क को बाहरी आघातों से बचाने वाली झिल्ली का नाम क्या है?
A. सेरिब्रोस्पाइनल
B. मेनिन्जीज
C. कॉर्पस कैलोसम
D. ड्यूरा मेटर
उत्तर: B

22. सेरिब्रोस्पाइनल द्रव का क्या कार्य है?
A. मस्तिष्क को नम रखना और आघातों से बचाना
B. रक्त संचरण को नियंत्रित करना
C. हॉर्मोन स्राव करना
D. कोशिका विभाजन को बढ़ाना
उत्तर: A

23. तंत्रिका तंत्र में आवेगों का संचरण किसके द्वारा होता है?
A. हॉर्मोन
B. न्यूरॉन
C. रक्त कोशिकाएँ
D. पादप हॉर्मोन
उत्तर: B

24. प्रतिवर्ती चाप (Reflex Arc) का पहला घटक क्या है?
A. प्रेरक न्यूरॉन
B. प्राही अंग (रिसेप्टर्स)
C. तंत्रिका केंद्र
D. अभिवाही अंग
उत्तर: B

25. हॉर्मोन स्रावित करने वाली ग्रंथियाँ क्या कहलाती हैं?
A. बाह्यस्रावी ग्रंथियाँ
B. अंतःस्रावी ग्रंथियाँ
C. पाचन ग्रंथियाँ
D. तंत्रिका ग्रंथियाँ
उत्तर: B

26. पिट्यूटरी ग्रंथि को क्यों मास्टर ग्रंथि कहा जाता है?
A. यह सबसे बड़ी ग्रंथि है
B. यह अन्य अंतःस्रावी ग्रंथियों को नियंत्रित करती है
C. यह केवल रक्तचाप को नियंत्रित करती है
D. यह मस्तिष्क का हिस्सा है
उत्तर: B

27. थाइरॉक्सिन हॉर्मोन किस ग्रंथि द्वारा स्रावित होता है?
A. पिट्यूटरी
B. थाइरॉइड
C. एड्रिनल
D. अग्न्याशय
उत्तर: B

28. थाइरॉक्सिन हॉर्मोन के निर्माण के लिए क्या आवश्यक है?
A. कैल्शियम
B. आयोडीन
C. पोटैशियम
D. मैग्नीशियम
उत्तर: B

29. थाइरॉक्सिन की कमी से कौन-सा रोग हो सकता है?
A. मधुमेह
B. गलगंड (गॉयटर)
C. उच्च रक्तचाप
D. हृदय रोग
उत्तर: B

30. एड्रिनल ग्रंथि से स्रावित होने वाला हॉर्मोन कौन-सा है?
A. इंसुलिन
B. एपिनेफ्रिन
C. थाइरॉक्सिन
D. टेस्टोस्टेरोन
उत्तर: B

31. इंसुलिन हॉर्मोन का मुख्य कार्य क्या है?
A. रक्तचाप नियंत्रण
B. रक्त में ग्लूकोस की मात्रा नियंत्रित करना
C. हड्डियों की वृद्धि
D. त्वचा का रंग
उत्तर: B

32. इंसुलिन की कमी से कौन-सा रोग हो सकता है?
A. गलगंड
B. मधुमेह
C. उच्च रक्तचाप
D. हृदय रोग
उत्तर: B

33. टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन किसके द्वारा स्रावित होता है?
A. अंडाशय
B. वृषण
C. थाइरॉइड
D. पिट्यूटरी
उत्तर: B

34. एस्ट्रोजेन हॉर्मोन कहाँ से स्रावित होता है?
A. वृषण
B. अंडाशय
C. अग्न्याशय
D. थाइरॉइड
उत्तर: B

35. पौधों में जल की ओर गति को क्या कहते हैं?
A. प्रकाश-अनुवर्तन
B. गुरुत्वानुवर्तन
C. जलानुवर्तन
D. रासायनिक अनुवर्तन
उत्तर: C

36. रासायनिक अनुवर्तन का उदाहरण क्या है?
A. जड़ों का नीचे की ओर बढ़ना
B. परागनलिका की वृद्धि
C. तने का प्रकाश की ओर मुड़ना
D. पत्तियों का बंद होना
उत्तर: B

37. मस्तिष्क का कौन-सा भाग श्वसन को नियंत्रित करता है?
A. सेरिब्रम
B. पॉन्स
C. सेरिबेलम
D. डाइएनसेफलॉन
उत्तर: B

38. कॉर्पस कैलोसम का क्या कार्य है?
A. श्वसन नियंत्रण
B. मस्तिष्क के दोनों गोलार्धों को जोड़ना
C. संतुलन बनाए रखना
D. रक्तचाप नियंत्रण
उत्तर: B

39. ग्लूकोकॉर्टिकॉइड्स हॉर्मोन का कार्य क्या है?
A. रक्त में ग्लूकोस नियंत्रण
B. कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा उपापचय
C. लिंग विकास
D. फल पकाना
उत्तर: B

40. स्पाइनल कॉर्ड का मुख्य कार्य क्या है?
A. बुद्धि और चतुराई
B. मस्तिष्क और शरीर के बीच आवेग संचरण
C. फल पकाना
D. कोशिका विभाजन
उत्तर: B

Bharati Bhavan Bio Ex-5 Solution का निष्कर्ष

निष्कर्ष : इस पोस्ट में आपने Bharati Bhavan Bio Ex-5 Solution को देखा। हमने इस अध्याय के वस्तुनिष्ठ प्रश्न, रिक्त स्थान, अतिलघु उत्तरीय प्रश्न, लघु उत्तरीय प्रश्न तथा दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों के समाधान को सरल एवं स्पष्ट शब्दों में देखा। आशा है कि इन सभी प्रश्नों का समाधान आप सभी को पसंद आया होगा। यदि आपका किसी प्रकार का Doubt या प्रश्न है, तो आप हमसे संपर्क कर सकते हैं। Contact Us
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