BSEB 10th Hindi Godhuli Kavy Ex-7 Solution

BSEB 10th Hindi Godhuli Kavy Ex-7 Solution

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Bihar Board 10th Hindi Solution

BSEB 10th Hindi Godhuli Kavy Ex-7 Solution व्याख्या और important Objectives

इस पोस्ट में हम बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिंदी की काव्य पुस्तक “गोधूली” के सातवें अध्याय “हिरोशिमा” के काव्य का व्याख्या, सभी प्रश्नों के समाधान (Solutions), महत्त्वपूर्ण प्रश्न (Important Questions) और वस्तुनिष्ठ प्रश्नों (Objective Questions) को विस्तार से देखने वाले हैं। यह काव्य हमें स्वदेशी अपनाने, भारतीय भाषा और संस्कृति पर गर्व करने का संदेश देती है।
बिहार बोर्ड के छात्र/छात्राएँ इस पोस्ट को पूरा अंत तक पढ़े। इसके पढ़ने से इस अध्याय के सभी डाउट खत्म हो जाएँगे और आप बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने में बहुत मददगार होगा। साथ ही आप सभी इस अध्याय के सभी प्रश्नोत्तरों एवं व्याख्याओं का PDF भी आप निशुल्क डाउनलोड (Download) कर सकते हैं। PDF लिंक नीचे उपलब्ध है, जिससे आप इसे ऑफलाइन भी पढ़ सकते हैं।

सच्चिदानंद हीरानंद जी का संक्षिप्त परिचय

अध्याय 7 हिरोशिमा
पूरा नाम सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’
जन्म 7 मार्च 1911 ई०
जन्म स्थान कसेया, कुशीनगर (उत्तर प्रदेश)
मूल निवास कर्तारपुर (पंजाब)
मृत्यु 4 अप्रैल 1987 ई०
माता का नाम व्यंती देवी
पिता का नाम डॉ० हीरानंद शास्त्री (प्रख्यात पुरातत्त्ववेत्ता)
शिक्षा मैट्रिक (1925, पंजाब विश्वविद्यालय), इंटर (1927, मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज), बी०एससी० (1929, फोरमन कॉलेज, लाहौर), एम०ए० (अंग्रेजी, लाहौर)
भाषा ज्ञान संस्कृत, हिन्दी, अंग्रेजी, फारसी, तमिल आदि
प्रमुख काव्य कृतियाँ भग्नदूत, चिंता, इत्यलम, हरी घास पर क्षण भर, बावरा अहेरी, आँगन के पार द्वार, कितनी नावों में कितनी बार, सदानीरा
प्रमुख कहानी संग्रह विपथगा, जयदोल, ये तेरे प्रतिरूप, छोड़ा हुआ रास्ता, लौटती पगडंडियाँ
प्रमुख उपन्यास शेखर एक जीवनी, नदी के द्वीप, अपने-अपने अजनबी
अन्य कृतियाँ यात्रा-साहित्य: अरे यायावर रहेगा याद, एक बूंद सहसा उछली
निबंध: त्रिशंकु, आत्मनेपद, अद्यतन, भवंती, अंतरा, शाश्वती
नाटक: उत्तर प्रियदर्शी
संपादन: तार सप्तक, दूसरा सप्तक, तीसरा सप्तक, चौथा सप्तक, पुष्करिणी, रूपांबरा
सम्मान साहित्य अकादमी, ज्ञानपीठ, युगोस्लाविया का अंतरराष्ट्रीय स्वर्णमाल आदि
विशेषता हिन्दी कविता में प्रयोगवाद के प्रवर्तक, बहुभाषाविद्, आधुनिक साहित्य के प्रमुख कवि, कथाकार, पत्रकार एवं विचारक

व्याख्या

हिरोशिमा

“एक दिन सहसा सूरज निकला अरे क्षितिज पर नहीं, नगर के चौकः धूप बरसी पर अन्तरिक्ष से नहीं, फटी मिट्टी से।”

व्याख्या – यहाँ कवि कहते हैं कि वह सूरज जो निकला, वह कोई प्राकृतिक सूरज नहीं था। वह परमाणु बम का विस्फोट था, जो क्षितिज से नहीं बल्कि धरती की मिट्टी फटने से निकला।
कवि यहाँ हिरोशिमा पर परमाणु बम गिरने के दृश्य का वर्णन कर रहे हैं।

“छायाएँ मानव-जन की दिशाहीन सब ओर पड़ीं वह सूरज नहीं उगा था पूरब में, वह बरसा सहसा बीचों-बीच नगर के।”

व्याख्या – विस्फोट के बाद लोगों की परछाइयाँ हर ओर बिखर गईं। यह सूरज पूर्व दिशा से नहीं उगा, बल्कि हिरोशिमा के नगर के बीचों-बीच प्रकट हुआ।
कवि यहाँ बता रहे हैं कि यह मानव निर्मित सूरज (बम) था, जिसने इंसानों की छाया (परछाई) तक जला दी।

“काल-सूर्य के रथ के पहियों के ज्यों अरे टूट कर बिखर गये हों दसों दिशा में।”

व्याख्या – विस्फोट इतना भयानक था कि मानो काल (मृत्यु) का सूर्य अपने रथ से गिरकर दसों दिशाओं में आग फैला रहा हो।
कवि यहाँ बम विस्फोट की दहशत और सर्वनाश का चित्र खींच रहे हैं।

“कुछ क्षण का वह उदय-अस्त ! केवल एक प्रज्वलित क्षण की दृश्य सोख लेने वाली दोपहरी।”

व्याख्या – यह विस्फोट केवल कुछ क्षणों का था। जैसे सूरज उगकर तुरंत डूब गया हो। पर उस एक क्षण ने सब कुछ निगल लिया।
कवि बता रहे हैं कि बम केवल पलों में गिरा, पर उसके परिणाम ने पूरा नगर नष्ट कर दिया।

“छायाएँ मानव जन की नहीं मिटीं लम्बी हो-हो कर मानव ही सब भाप हो गये।”

व्याख्या – विस्फोट से लोग पूरी तरह भाप बनकर उड़ गए, केवल उनकी लम्बी छायाएँ ही शेष रह गईं।
कवि यहाँ हजारों लोगों की तत्काल मृत्यु का वर्णन कर रहे हैं।

“छायाएँ तो अभी लिखी हैं झुलसे हुए पत्थरों पर उजड़ी सड़कों की गच पर।”

व्याख्या – बम गिरने के बाद भी उन लोगों की छायाएँ झुलसे हुए पत्थरों और उजड़ी सड़कों पर अंकित रह गईं।
कवि यहाँ बता रहे हैं कि हिरोशिमा की दीवारों और पत्थरों पर आज भी जली हुई छायाएँ दिखती हैं।

“मानव का रचा हुआ सूरज मानव को भाप बना कर सोख गया।”

व्याख्या – यह सूरज (परमाणु बम) मनुष्य द्वारा बनाया गया था। उसने ही मनुष्यों को मिटाकर भाप में बदल दिया।
कवि यहाँ मानव की मूर्खता और विनाशकारी विज्ञान की ओर इशारा कर रहे हैं।

“पत्थर पर लिखी हुई यह जली हुई छाया मानव की साखी है।”

व्याख्या – पत्थर पर अंकित ये जली हुई छायाएँ इस बात की साक्षी (गवाही) हैं कि कभी यहाँ इंसान थे, जिन्हें बम ने मिटा दिया।
कवि यहाँ कह रहे हैं कि यह छायाएँ हमेशा मानवता को याद दिलाती रहेंगी कि विज्ञान का गलत उपयोग कितना विनाशकारी हो सकता है।

[Note] : “हिरोशिमा” कविता मानवता पर विज्ञान के गलत प्रयोग से हुए विनाश की करुण कथा है। कवि अज्ञेय बताते हैं कि हिरोशिमा पर गिरा परमाणु बम प्राकृतिक सूरज नहीं था, बल्कि मनुष्य की बनाई हुई विनाशकारी शक्ति थी, जिसने क्षण भर में हजारों लोगों को भाप बना दिया। लोगों की छायाएँ झुलसे हुए पत्थरों और सड़कों पर अंकित रह गईं, जो आज भी इस त्रासदी की गवाही देती हैं। यह कविता हमें चेतावनी देती है कि यदि विज्ञान का उपयोग मानव कल्याण के बजाय विनाश के लिए किया जाएगा, तो पूरी सभ्यता मिट सकती है। अतः मानवता को शांति, सहयोग और सद्भाव के मार्ग पर चलकर ही विज्ञान का उपयोग करना चाहिए। यही इस कविता का शाश्वत संदेश है।

बोध और अभ्यास

कविता के साथ

Q1: कविता के प्रथम अनुच्छेद में निकलने वाला सुरज क्या है? वह कैसे निकलता है ?
उत्तर : कविता के प्रथम अनुच्छेद में निकलने वाला सूरज वास्तव में आणविक बम का प्रचण्ड अग्नि-गोला है। ऐसा प्रतीत होता है मानो वह क्षितिज से न निकलकर सीधे धरती को फाड़कर निकलता है। हिरोशिमा पर बम गिरते ही चारों ओर आग की लपटें फैल जाती हैं और नगर का दृश्य प्रलय जैसा हो जाता है। यह सूरज जीवन देने वाला नहीं, बल्कि विनाश और नरसंहार करने वाला सूरज है। कवि यहाँ विज्ञान के दुरुपयोग से उत्पन्न भयावह स्थिति को प्रतीकात्मक रूप में प्रस्तुत करते हैं।
Q2: छायाएँ दिशाहीन सब ओर क्यों पड़ती हैं? स्पष्ट करें।
उत्तर : सामान्य सूर्योदय के समय वस्तुओं की छायाएँ एक निश्चित दिशा में पड़ती हैं, क्योंकि सूर्य का प्रकाश केवल एक ओर से आता है। लेकिन हिरोशिमा पर हुए आणविक बम विस्फोट से जो प्रकाश निकला, वह साधारण प्रकाश न होकर एक साथ चारों दिशाओं में फैला हुआ प्रचण्ड अग्निकिरण था। इस कारण विस्फोट से बनी छायाएँ किसी एक दिशा में न होकर दिशाहीन होकर सब ओर पड़ीं। इसके अतिरिक्त बम के प्रहार से मनुष्यों के शरीर भाप बनकर नष्ट हो गए और उनकी आकृतियाँ पत्थरों और दीवारों पर जली हुई छाया के रूप में अंकित रह गईं। यही कारण है कि कवि ने इन्हें “दिशाहीन छायाएँ” कहा है।
Q3: प्रज्वलित क्षण की दोपहरी से कवि का आशय क्या है?
उत्तर : हिरोशिमा में जब परमाणु बम का विस्फोट हुआ, तो एक ही क्षण में उससे अत्यधिक प्रकाश और अग्निकिरणों का विस्फोट हुआ। यह प्रकाश इतना प्रचण्ड था कि ऐसा प्रतीत हुआ मानो अचानक ही पूरा नगर दोपहर की धूप में नहा गया हो। सामान्यतः सुबह से दोपहर तक का परिवर्तन धीरे-धीरे होता है, लेकिन यहाँ तो एक क्षण में ही सूरज की तरह धधकती दोपहरी उतर आई। कवि के अनुसार यह दृश्य केवल एक ही क्षण का था – वह भयावह दोपहरी तुरन्त ही सब कुछ भस्म करके विलुप्त हो गई। इस प्रकार “प्रज्ज्वलित क्षण की दोपहरी” से कवि का आशय है – वह क्षणिक, तीव्र और विनाशकारी प्रकाश जो हिरोशिमा को एक ही पल में निगल गया।
Q4: मनुष्य की छायाएँ कहाँ और क्यों पड़ी हुई हैं?
उत्तर : हिरोशिमा में परमाणु बम के विस्फोट के बाद मनुष्यों की छायाएँ नगर की दीवारों, सड़कों और पत्थरों पर दिशाहीन होकर पड़ी हुई हैं। विस्फोट इतना तीव्र और आकस्मिक था कि उसके ताप और विकिरण से मनुष्य पल भर में भाप बनकर विलीन हो गए। उस समय जो जहाँ खड़ा था, उसकी देह तो नष्ट हो गई, पर उसकी आकृति छाया बनकर दीवारों और पत्थरों पर स्थायी रूप से अंकित हो गई। इसीलिए कवि कहता है कि मनुष्य की छायाएँ अब भी पत्थरों और उजड़ी सड़कों पर दिखाई देती हैं। ये छायाएँ उस भीषण विनाश और मानवीय त्रासदी की अमिट गवाही हैं।
Q5: हिरोशिमा में मनुष्य की साखी के रूप में क्या है ?
उत्तर : हिरोशिमा में आज भी विनाश की साक्षी (प्रमाण) के रूप में जले हुए पत्थर, टूटी-फूटी सड़कें और घरों की दीवारें मौजूद हैं। बम के प्रचंड ताप और विकिरण से मनुष्य की देह तो पलभर में भाप बनकर विलीन हो गई, परंतु उनकी आकृतियाँ छाया के रूप में पत्थरों और दीवारों पर अंकित रह गईं। यही जली हुई छायाएँ और खंडहर आज भी यह गवाही देती हैं कि यहाँ कभी अमानवीय क्रूरता और विनाश का भयानक नृत्य हुआ था।
Q6: व्याख्या करें-
(क) ‘एक दिन सहसा / सूरज निकला’
(ख) ‘काल-सूर्य के रथ के पहियों के ज्यों अरे टूट कर बिखर गये हों। दसों दिशा में’
(ग) ‘मानव का रचा हुआ सूरज मानव को भाप बना कर सोख गया’
उत्तर : (क) यहाँ कवि अज्ञेय वास्तविक सूर्य का उल्लेख नहीं कर रहे हैं, बल्कि हिरोशिमा पर गिराए गए आण्विक बम की ओर संकेत कर रहे हैं। बम के विस्फोट से जो प्रचंड अग्नि और प्रकाश का गोला निकला, वह सूर्य की तरह चमका। लेकिन यह सूरज क्षितिज से नहीं, बल्कि धरती फाड़कर निकलता है। यह पंक्ति मानव निर्मित विनाशकारी शक्ति को “सूरज” के प्रतीक से व्यक्त करती है।

(ख) इस उपमा में कवि बम के विस्फोट को महाकाल के रथ से जोड़ते हैं। जब बम फटा, तो ऐसा लगा मानो काल-सूर्य के रथ के पहिए टूटकर टुकड़े-टुकड़े हो गए हों और उनकी चिंगारियाँ, विकिरण और लपटें दसों दिशाओं में फैल गई हों। यहाँ कवि आण्विक विस्फोट की अत्यधिक व्यापकता और सर्वनाशी शक्ति को चित्रित करते हैं।

(ग) यहाँ “मानव का रचा हुआ सूरज” से आशय है – आण्विक बम, जिसे मनुष्य ने विज्ञान और तकनीक से बनाया। लेकिन यह सूरज जीवनदायी न होकर विनाशकारी सिद्ध हुआ। इसके ताप और विकिरण से हिरोशिमा के लोग पलभर में जलकर भाप बन गए और विलीन हो गए। यह पंक्ति मानव की उसी विडंबना को दर्शाती है कि उसने विज्ञान की प्रगति से बना “सूरज” स्वयं उसके ही जीवन को सोख गया।
Q7: आज के युग में इस कविता की प्रासंगिकता स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर : अज्ञेय की कविता “हिरोशिमा” आज के युग में अत्यंत प्रासंगिक है। यह कविता केवल अतीत की एक भीषण त्रासदी का वर्णन नहीं करती, बल्कि मानव सभ्यता के लिए चेतावनी भी देती है। हिरोशिमा पर परमाणु बम गिरने से लाखों लोग एक क्षण में भाप बनकर नष्ट हो गए और उनकी छायाएँ पत्थरों पर स्थायी साक्षी बन गईं।
आज भी विश्व की महाशक्तियाँ परमाणु हथियारों की होड़ में लगी हुई हैं। अंतरराष्ट्रीय राजनीति में प्रतिस्पर्धा, युद्ध की धमकियाँ और परमाणु बमों का संग्रह यह दर्शाता है कि मानवता फिर उसी गलती को दोहरा सकती है। कविता हमें सावधान करती है कि यदि विज्ञान का उपयोग केवल विनाश के लिए होगा तो मनुष्य स्वयं अपनी सभ्यता का अंत कर देगा।

भाषा की बात

1. कविता में प्रयुक्त निम्नांकित शब्दों का कारक स्पष्ट कीजिए-
क्षितिज, अंतरिक्ष, चौक, मिट्टी, बीचो-बीच, नगर, रथ, गच, छाया
उत्तर : क्षितिज – अधिकरण कारक
अंतरिक्ष – अधिकरण कारक
चौक – अधिकरण कारक
मिट्टी – अपादान कारक
बीचो-बीच – संबंध कारक
नगर – अधिकरण कारक
रथ – संबंध कारक
गच – अधिकरण कारक
छाया – अधिकरण कारक

2. कविता में प्रयुक्त क्रियारूपों का चयन करते हुए उनकी काल रचना स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर : निकला – भूतकाल
बरसी – भूतकाल
पड़ीं – भूतकाल
उगा – भूतकाल
टूट – भूतकाल
बिखर गये – भूतकाल
भाप हो गये – भूतकाल
सोख – वर्तमान काल

3. कविता से तद्भव शब्द चुनिए और उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए ।
उत्तर: कविता से तद्भव शब्द:
1. सूरज
2. नगर
3. मिट्टी
4. छाया
5. रथ
वाक्यों में प्रयोग:
1. सूरज सुबह आकाश में धीरे-धीरे उगता है।
2. नगर में आज उत्सव का माहौल है।
3. बच्चों ने खेलते समय मिट्टी से घर बनाए।
4. पेड़ की छाया में हम आराम कर रहे थे।
5. भगवान ने अपनी रथ यात्रा के दौरान नगर भ्रमण किया।

4. कविता से संज्ञा पद चुनें और उनका प्रकार भी बताएँ।
उत्तर: सूरज – व्यक्तिवाचक संज्ञा
क्षितिज – जातिवाचक संज्ञा
नगर – जातिवाचक संज्ञा
छायाएँ – जातिवाचक संज्ञा
मानव – व्यक्तिवाचक संज्ञा
काल-सूर्य – व्यक्तिवाचक संज्ञा
रथ – जातिवाचक संज्ञा
सड़क – जातिवाचक संज्ञा
पत्थर – जातिवाचक संज्ञा
साखी – भाववाचक संज्ञा

5. निम्नांकित के वचन परिवर्तित कीजिए-
छायाएँ, पड़ीं, उगा, हैं, पहियों, अरे, पत्थरों, साखी
उत्तर: छायाएँ – छाया
पड़ीं – पड़ा
उगा – उगे
हैं – है
पहियों – पहिया
अरे – अरै (यह भाववाचक शब्द है, वचन परिवर्तन सामान्यतः नहीं होता)
पत्थरों – पत्थर
साखी – साखियाँ

शब्द निधि

अरे : पहिये की धुरी और परिधि या नेमि को जोड़ने वाले दंड
गच : पत्थर या सीमेंट से बना पक्का धरातल
साखी (साक्षी): गवाही, सबूत

Class10 हिंदी के अन्य अध्यायों के समाधान

क्रमांक अध्याय
1 राम बिनु बिरथे जगि जनमा
2 प्रेम-अयनि श्री राधिका
3 अति सुधो सनेह को मारग है
4 स्वदेशी
5 भारतमाता
6 जनतंत्र का जन्म
8 एक वृक्ष की हत्या
9 हमारी नींद
10 अक्षर – ज्ञान
11 लौटकर आऊँगा फिर
12 मेरे बिना तुम प्रभु

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

नीचे इस अध्याय से संबंधित कुल 30 वस्तुनिष्ठ प्रश्न दिए गए हैं। ये प्रश्न अध्याय के गहन अध्ययन के आधार पर तैयार किए गए हैं तथा इनमें से कई प्रश्न पिछले वर्षों की मैट्रिक परीक्षा से भी लिए गए हैं। इन प्रश्नों का अभ्यास करने से आपको परीक्षा की तैयारी में काफी मदद मिलेगी और यह समझने में आसानी होगी कि परीक्षा में किस प्रकार के प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
1. ‘उगते हुए सूरज का देश’ किसे कहा जाता है?
(A) जापान को
(B) नेपाल को
(C) भूटान को
(D) इरान को
उत्तर: (A) जापान को

2. ‘नदी के द्वीप’ किस कवि की रचना है?
(A) रामधारी सिंह दिनकर
(B) सुमित्रानंदन पंत
(C) कुँवर नारायण
(D) सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’
उत्तर: (B) सुमित्रानंदन पंत

3. ‘हिरोशिमा’ कविता के कवि हैं:
(A) प्रेमघन
(B) पंत
(C) अज्ञेय
(D) दिनकर
उत्तर: (C) अज्ञेय

4. अज्ञेय एक प्रमुख कवि के साथ-साथ थे:
(A) कथाकार
(B) विचारक
(C) पत्रकार
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर: (D) उपर्युक्त सभी

5. अज्ञेय किस काल के प्रमुख कवि हैं?
(A) आदिकाल
(B) भक्तिकाल
(C) रीतिकाल
(D) आधुनिक काल
उत्तर: (D) आधुनिक काल

6. अज्ञेय को हिन्दी के साथ-साथ किस भाषा का ज्ञान था?
(A) संस्कृत
(B) अंग्रेजी
(C) फारसी
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर: (D) उपर्युक्त सभी

7. ‘हिरोशिमा’ अज्ञेय के किस काव्य से संकलित है?
(A) सदानीरा
(B) भग्नदूत
(C) चिंता
(D) कितनी नावों में कितनी बार
उत्तर: (B) भग्नदूत

8. ‘अज्ञेय’ का पूरा नाम है:
(A) सच्चिदानंद ‘अज्ञेय’
(B) वात्स्यायन ‘अज्ञेय’
(C) हीरानंद ‘अज्ञेय’
(D) सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’
उत्तर: (D) सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’

9. अज्ञेय का जन्म कब हुआ?
(A) 1910 ई०
(B) 1911 ई०
(C) 1912 ई०
(D) 1913 ई०
उत्तर: (B) 1911 ई०

10. अज्ञेय का जन्म कहाँ हुआ था?
(A) बदरघाट, पटना
(B) बलिया, उत्तरप्रदेश
(C) अमरावती, महाराष्ट्र
(D) कसेया, कुशीनगर, उत्तरप्रदेश
उत्तर: (D) कसेया, कुशीनगर, उत्तरप्रदेश

11. अज्ञेय का मूल निवास कहाँ था?
(A) उत्तर प्रदेश
(B) कर्तारपुर, पंजाब
(C) महाराष्ट्र
(D) उत्तराखंड
उत्तर: (B) कर्तारपुर, पंजाब

12. आधुनिक साहित्य में एक प्रमुख प्रतिभा थे:
(A) स० ही० वात्स्यायन अज्ञेय
(B) रहीम
(C) कबीर
(D) सुमित्रानंदन पंत
उत्तर: (A) स० ही० वात्स्यायन अज्ञेय

13. ‘अज्ञेय’ किस काव्य-धारा के कवि हैं?
(A) छायावाद
(B) प्रयोगवाद
(C) रहस्यवाद
(D) प्रगतिवाद
उत्तर: (B) प्रयोगवाद

14. हिरोशिमा किस देश में है?
(A) चीन
(B) फ्रांस
(C) जापान
(D) जर्मनी
उत्तर: (C) जापान

15. ‘तार सप्तक’ के सम्पादक थे प्रयोगवादी कवि:
(A) सूरदास
(B) केशवदास
(C) तुलसीदास
(D) अज्ञेय
उत्तर: (D) अज्ञेय

16. जापान पर परमाणु बम गिराया:
(A) इंग्लैंड ने
(B) अमेरिका ने
(C) चीन ने
(D) रूस ने
उत्तर: (B) अमेरिका ने

17. अज्ञेय के पिता डॉ० हीरानंद शास्त्री थे:
(A) प्रख्यात पुरातत्ववेत्ता
(B) राजनेता
(C) लेखक
(D) कलाकार
उत्तर: (A) प्रख्यात पुरातत्ववेत्ता

18. इनमें कौन-सा काव्य संग्रह अज्ञेय का है?
(A) ग्राम्या
(B) जीर्ण जनपद
(C) सदानीरा
(D) इन दिनों
उत्तर: (C) सदानीरा

19. मानव का रचा हुआ सूरज मानव को भाप बना कर सोख गया। प्रस्तुत पंक्तियाँ किस कविता की है?
(A) एक वृक्ष की हत्या
(B) हिरोशिमा
(C) जनतंत्र का जन्म
(D) हमारी नींद
उत्तर: (B) हिरोशिमा

20. एक दिन सहसा सूरज निकला नगर के चौक, अरे क्षितिज पर नहीं, प्रस्तुत काव्यांश किस कविता की है?
(A) अक्षर ज्ञान
(B) हमारी नींद
(C) लौटकर आऊँगा
(D) हिरोशिमा
उत्तर: (D) हिरोशिमा

21. कवि की दृष्टि में किसका रचा हुआ सूरज मानव को भाप बनाकर सोख गया?
(A) प्रकृति का
(B) ईश्वर का
(C) मानव का
(D) दानव का
उत्तर: (C) मानव का

22. ‘हिरोशिमा’ कविता किसका चित्रण करती है?
(A) प्राचीन सभ्यता की खुशहाली का
(B) आधुनिक सभ्यता के विकास का
(C) प्राचीन सभ्यता की मानवीय विभीषिका का
(D) आधुनिक सभ्यता की दुर्दान्त मानवीय विभीषिका का
उत्तर: (D) आधुनिक सभ्यता की दुर्दान्त मानवीय विभीषिका का

23. दुर्दान्त मानवीय विभीषिका का चित्रण करने वाली कविता है:
(A) एक वृक्ष की हत्या
(B) अक्षर ज्ञान
(C) हिरोशिमा
(D) जनतंत्र का जन्म
उत्तर: (C) हिरोशिमा

24. हिन्दी कविता में प्रयोगवाद का सूत्रपात किया:
(A) महादेवी वर्मा ने
(B) राम इकबाल सिंह ‘राकेश’ ने
(C) दिनकर ने
(D) ‘अज्ञेय’ ने
उत्तर: (D) ‘अज्ञेय’ ने

25. द्वितीय विश्वयुद्ध में परमाणु बम गिराया गया। पर
(A) जापान
(B) फ्रांस
(C) रूस
(D) चीन
उत्तर: (A) जापान

26. अज्ञेय को कौन-सा पुरस्कार मिला था?
(A) साहित्य अकादमी
(B) ज्ञानपीठ
(C) अंतर्राष्ट्रीय स्वर्णमाला
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर: (D) उपर्युक्त सभी

27. काव्य संग्रह ‘सदानीरा’ किनकी रचना है?
(A) अज्ञेय
(B) कुँवर नारायण
(C) वीरेन डंगवाल
(D) अनामिका
उत्तर: (A) अज्ञेय

28. अज्ञेय के अनुसार एक दिन सहसा सूरज कहाँ निकला?
(A) क्षितिज पर
(B) नगर के चौक पर
(C) पूरब में
(D) पश्चिम में
उत्तर: (B) नगर के चौक पर

29. ‘हिरोशिमा’ कविता में प्रमुख विषय क्या है?
(A) प्राकृतिक आपदा
(B) युद्ध और मानव-विनाश
(C) प्रेम और तिरस्कार
(D) सामाजिक समरसता
उत्तर: (B) युद्ध और मानव-विनाश

30. अज्ञेय की साहित्यिक शैली में प्रमुख रूप से क्या दिखाई देता है?
(A) छायावादी भावनाएँ
(B) प्रयोगवादी तत्व और आधुनिक दृष्टिकोण
(C) पारंपरिक धार्मिकता
(D) लोकगीतों का प्रभाव
उत्तर: (B) प्रयोगवादी तत्व और आधुनिक दृष्टिकोण

निष्कर्ष :

ऊपर आपने बिहार बोर्ड कक्षा 10 की हिन्दी पुस्तक “गोधूली भाग 2” के काव्यखंड के सातवाँ अध्याय “हिरोशिमा” की व्याख्या, बोध-अभ्यास, भाषा के साथ, महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर और वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को पढ़ा। यह अध्याय न केवल आपकी परीक्षा की दृष्टि से सहायक है बल्कि जीवन के लिए भी प्रेरणादायी सीख देता है। हमें उम्मीद है कि यह सामग्री आपके अध्ययन को और सरल व प्रभावी बनाएगी। यदि किसी प्रश्न या समाधान को लेकर आपके मन में कोई शंका हो, तो आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं या सीधे हमसे संपर्क करें। हम आपकी मदद करने की पूरी कोशिश करेंगे। संपर्क करें
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