BSEB 10th Hindi Godhuli Kavy Ex-8 Solution

BSEB 10th Hindi Godhuli Kavy Ex-8 Solution

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Bihar Board 10th Hindi Solution

BSEB 10th Hindi Godhuli Kavy Ex-8 Solution व्याख्या और important Objectives

इस पोस्ट में हम बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिंदी की काव्य पुस्तक “गोधूली” के आठवाँ अध्याय “एक वृक्ष की हत्या” के काव्य का व्याख्या, सभी प्रश्नों के समाधान (Solutions), महत्त्वपूर्ण प्रश्न (Important Questions) और वस्तुनिष्ठ प्रश्नों (Objective Questions) को विस्तार से देखने वाले हैं।
बिहार बोर्ड के छात्र/छात्राएँ इस पोस्ट को पूरा अंत तक पढ़े। इसके पढ़ने से इस अध्याय के सभी डाउट खत्म हो जाएँगे और आप बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने में बहुत मददगार होगा। साथ ही आप सभी इस अध्याय के सभी प्रश्नोत्तरों एवं व्याख्याओं का PDF भी आप निशुल्क डाउनलोड (Download) कर सकते हैं। PDF लिंक नीचे उपलब्ध है, जिससे आप इसे ऑफलाइन भी पढ़ सकते हैं।

रामधारी सिंह दिनकर जी का संक्षिप्त परिचय

अध्याय 8 एक वृक्ष की हत्या
पूरा नाम कुँवर नारायण
काल आधुनिक काल (नयी कविता और प्रयोगवाद)
जन्म 19 सितंबर 1927 ई.
जन्म स्थान लखनऊ, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 15 नवम्बर 2017 ई.
प्रारंभिक लेखन 1950 के आस-पास कविता लेखन की शुरुआत
प्रमुख काव्य कृतियाँ चक्रव्यूह, परिवेश हम-तुम, अपने सामने, कोई दूसरा नहीं, इन दिनों
प्रबंधकाव्य आत्मजयी
अन्य कृतियाँ आकारों के आस-पास (कहानी संग्रह), आज और आज से पहले (समीक्षा), मेरे साक्षात्कार (साक्षात्कार)
सम्मान साहित्य अकादमी पुरस्कार, कुमारन आशान पुरस्कार, व्यास सम्मान, प्रेमचंद पुरस्कार, लोहिया सम्मान, कबीर सम्मान
विशेषता नयी कविता और नगर संवेदना के कवि, वैचारिक गहराई, सामाजिक ऊहापोह का चित्रण, संयम और परिष्कार की भाषा, पर्यावरण और मनुष्यता के प्रति गहरी संवेदना

व्याख्या

एक वृक्ष की हत्या

“अबकी घर लौटा तो देखा वह नहीं था-
वही बूढ़ा चौकीदार वृक्ष
जो हमेशा मिलता था
घर के दरवाजे पर तैनात।”

व्याख्या – कवि घर लौटकर देखता है कि वह वृक्ष, जो हमेशा घर के दरवाजे पर चौकीदार की तरह खड़ा रहता था, अब कट चुका है। यह वृक्ष कवि के लिए मात्र प्रकृति नहीं, बल्कि सुरक्षा का प्रतीक था।

“पुराने चमड़े का बना उसका शरीर
वही सख्त जान झुर्रियोंदार खुरदुरा तना
मैला-कुचैला, राइफल-सी एक सूखी डाल,
एक पगड़ी फूल-पत्तीदार,
पाँवों में फटा पुराना जूता,
चरमराता लेकिन अक्खड़ बल-बूता”

व्याख्या – यहाँ कवि वृक्ष को एक सिपाही या चौकीदार के रूप में चित्रित करता है। उसका तना झुर्रियोंदार बूढ़े चमड़े जैसा है, डालें राइफल जैसी हैं, पत्तियों का गुच्छा पगड़ी जैसा है और जड़ें ऐसे लगती हैं जैसे पैरों में जूते पहने हों।

“धूप में बारिश में गर्मी में सर्दी में
हमेशा चौकन्ना अपनी खाकी वर्दी में
दूर से ही ललकारता, “कौन ?”
मैं जवाब देता, “दोस्त।””

व्याख्या – कवि को लगता है कि पेड़ जैसे हर मौसम में डटा रहता है, पहरेदार की तरह। वह मानो राहगीर से पूछता हो — “कौन हो?” और कवि हमेशा उसे “दोस्त” कहकर जवाब देता है। यह पेड़ कवि के जीवन का सखा बन चुका था।

“और पल भर को बैठ जाता
उसकी ठंढी छाँव में
दरअसल शुरू से ही था
हमारे अन्देशों में कहीं एक जानी दुश्मन”

व्याख्या – कवि उसकी छाया में बैठकर राहत पाता था, पर मन में यह आशंका भी रहती थी कि कभी यह वृक्ष लोगों की स्वार्थी मानसिकता का शिकार होकर काट दिया जाएगा।

“कि घर को बचाना है लुटेरों से
शहर को बचाना है नादिरों से
देश को बचाना है देश के दुश्मनों से
बचाना है- नदियों को नाला हो जाने से
हवा को धुआँ हो जाने से
खाने को जहर हो जाने से
बचाना है जंगल को मरुथल हो जाने से,
बचाना है मनुष्य को जंगल हो जाने से।”

व्याख्या – यहाँ कवि वृक्ष की महत्ता बताता है।
पेड़ हमारे घर, शहर और देश की रक्षा करते हैं। वे नदियों को नाला बनने से, हवा को प्रदूषित होने से, भोजन को विषाक्त होने से और जंगलों को रेगिस्तान बनने से बचाते हैं।
पेड़ न केवल प्रकृति बल्कि मानव सभ्यता और जीवन के रक्षक हैं।

[Note] : कुँवर नारायण की कविता “एक वृक्ष की हत्या” में कवि ने पेड़ को एक चौकीदार या प्रहरी के रूप में प्रस्तुत किया है, जो घर के दरवाजे पर सदैव डटा रहता है। उसका झुर्रियोंदार तना, सूखी डाल, पत्तेदार सिर और जड़ें उसे एक सैनिक का रूप प्रदान करती हैं। यह वृक्ष हर मौसम में कवि का मित्र और रक्षक बना रहता था। परंतु स्वार्थी मानसिकता के कारण उसे काट दिया गया। कवि बताता है कि वृक्ष केवल छाया देने वाला ही नहीं, बल्कि जीवन और प्रकृति का रक्षक है। वही नदियों को सूखने से, हवा को प्रदूषित होने से, भोजन को विषाक्त होने से और मनुष्य को अमानवीय बनने से बचाता है। अतः एक वृक्ष की हत्या वास्तव में मानव जीवन और पर्यावरण की हत्या है।

बोध और अभ्यास

कविता के साथ

Q1: कवि को वृक्ष बूढ़ा चौकीदार क्यों लगता था ?
उत्तर : कवि को वृक्ष बूढ़ा चौकीदार इसलिए लगता था क्योंकि वह घर के दरवाजे पर सदैव प्रहरी की तरह खड़ा रहता था। उसका खुरदुरा तना, सूखी डालें और पत्तेदार सिर किसी चौकीदार की आकृति का आभास कराते थे। वह धूप, वर्षा, सर्दी-गर्मी हर परिस्थिति में अडिग खड़ा रहता था और मानो घर, प्रकृति तथा सभ्यता की रक्षा कर रहा हो। वास्तव में कवि ने वृक्ष को मनुष्यता, पर्यावरण और संस्कृति का रक्षक मानते हुए उसे बूढ़ा चौकीदार कहा है।
Q2: वृक्ष और कवि में क्या संवाद होता था ?
उत्तर : जब कवि अपने घर बाहर से लौटता था तो सबसे पहले उसकी नज़र दरवाज़े पर खड़े उस पुराने वृक्ष पर पड़ती। वह वृक्ष उसे सदैव सुरक्षा प्रहरी की तरह दिखाई देता। कवि को आभास होता कि मानो वृक्ष दूर से ललकार कर पूछ रहा हो – “कौन?” इस पर कवि उत्तर देता – “मैं तुम्हारा दोस्त हूँ।” इसी संवाद के बाद कवि उस वृक्ष की ठंडी छाँव में बैठ जाता और मन ही मन आने वाले पर्यावरणीय संकटों और सभ्यता पर मंडराते खतरों की आशंका करता हैं।
Q3: कविता का समापन करते हुए कवि अपने किन अंदेशों का जिक्र करता है और क्यों ?
उत्तर : कविता के अंत में कवि पर्यावरण, मानवता और सभ्यता के विनाश की आशंका व्यक्त करता है। उसे लगता है कि लोग पेड़ों को काटकर जंगल को मरुस्थल बना रहे हैं, नदियों को नाला और हवा को धुआँ बना रहे हैं। भोजन ज़हर से भरता जा रहा है और मनुष्य अपनी संवेदनाएँ खोकर हिंसक और अमानवीय बनता जा रहा है। कवि का अंदेशा है कि यदि यह प्रवृत्ति जारी रही तो हमारी सभ्यता और मानवता गंभीर संकट में पड़ जाएगी। इसीलिए कवि चेतावनी देता है कि हमें समय रहते वृक्षों और पर्यावरण की रक्षा करनी होगी।
Q4: घर, शहर और देश के बाद कवि किन चीजों को बचाने की बात करता है और क्यों ?
उत्तर : घर, शहर और देश के बाद कवि नदियों, हवा, भोजन, जंगल और मनुष्य को बचाने की बात करता है। कवि के अनुसार नदियाँ, हवा और अन्न जीवन के आधार हैं; यदि इनकी रक्षा नहीं होगी तो मानव का अस्तित्व भी संकट में पड़ जाएगा। जंगल पर्यावरण का सुरक्षा कवच है, जिसकी रक्षा न होने पर प्राकृतिक असंतुलन और विनाश होगा। सबसे महत्त्वपूर्ण है मनुष्य को बचाना, ताकि उसमें संवेदनाएँ, मानवता और सभ्यता बनी रहे। कवि की चिंता है कि यदि मनुष्य असभ्य और अमानवीय बन गया तो सम्पूर्ण जीवन और सभ्यता का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।
Q5: कविता की प्रासंगिकता पर विचार करते हुए एक टिप्पणी लिखें ।
उत्तर : प्रस्तुत कविता आज के बदलते परिवेश में अत्यंत प्रासंगिक है। कवि ने इसमें वृक्षों की अंधाधुंध कटाई, बढ़ती जनसंख्या, प्रदूषण और पर्यावरण संकट पर चिंता व्यक्त की है। वृक्ष मानव के मित्र और जीवनदाता हैं, फिर भी मनुष्य अपनी स्वार्थपूर्ण प्रवृत्ति से उन्हें नष्ट कर रहा है। अतिवृष्टि, अनावृष्टि और मौसम का असामान्य चक्र इस विनाश का प्रत्यक्ष प्रमाण हैं। कवि का संदेश है कि यदि हमने समय रहते प्रकृति का संरक्षण नहीं किया, तो सम्पूर्ण मानवता और सभ्यता संकट में पड़ जाएगी। वृक्षों की रक्षा करना वास्तव में अपने अस्तित्व की रक्षा करना है। इसलिए कविता हमें चेतावनी देती है कि “मोड़ो प्रकृति की ओर” और पर्यावरण बचाओ, तभी जीवन सुरक्षित रहेगा।
Q6: व्याख्या करें
(क) दूर से ही ललकारता, ‘कौन ?’ मैं जवाब देता, ‘दोस्त !’
(ख) बचाना है जंगल को मरुस्थल हो जाने से बचाना है मनुष्य को जंगल हो जाने से।
उत्तर : (क) यह पंक्ति कुँवर नारायण की कविता ‘एक वृक्ष की हत्या’ से उद्धृत है। इसमें कवि ने एक वृक्ष को अपने घर के सामने अहर्निश खड़ा प्रहरी दिखाया है। जब कवि बाहर से लौटता था, तो उसे लगता था कि वृक्ष दूर से उसे देख रहा है और पूछ रहा है, “तुम कौन हो?”। कवि उत्तर देता है, “मैं तुम्हारा मित्र हूँ।” इस संवाद में कवि और वृक्ष के बीच घनिष्ठ संबंध का चित्रण है। यह वृक्ष केवल प्राकृतिक तत्व नहीं बल्कि सुरक्षा, संरक्षण और मानवीयता का प्रतीक है।

(ख) इस पंक्ति में कवि भविष्य में होने वाले पर्यावरणीय संकट और मानवता पर खतरे की चेतावनी दे रहे हैं। यदि वृक्ष और जंगलों की रक्षा नहीं की गई, तो जंगल मरुस्थल बन जाएंगे और मानवता का विनाश संभव है। कवि यह संकेत दे रहे हैं कि अंधाधुंध विकास और प्राकृतिक संसाधनों के दोहन से न केवल पर्यावरण संकट पैदा होगा, बल्कि मानवीय मूल्य और सभ्यता भी खतरे में पड़ जाएगी। इसलिए कवि जागरूक रहने और पर्यावरण, सभ्यता और मानवता की रक्षा करने का संदेश दे रहे हैं।
Q7: कविता के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : किसी भी कविता या कहानी का शीर्षक उसकी मुख्य विषयवस्तु और संदेश का संकेत देता है। प्रस्तुत कविता का शीर्षक “एक वृक्ष की हत्या” सीधे ही कविता के केंद्रीय भाव को व्यक्त करता है। यहाँ वृक्ष केवल पेड़ नहीं है, बल्कि यह पर्यावरण, मानवता और सभ्यता का प्रतीक है। वृक्ष अपने फल, छाया और जीवन देने वाली शक्ति से दूसरों की भलाई करता है, परन्तु मानव की अंधाधुंध प्रवृत्ति के कारण उसे काटा जा रहा है। कवि के अनुसार, यदि हम वृक्ष की रक्षा नहीं करेंगे तो पर्यावरण संकट बढ़ेगा, जंगल मरुस्थल बनेंगे और मानवता भी खतरे में पड़ेगी। इसलिए शीर्षक न केवल कविता के भाव को प्रतिध्वनित करता है, बल्कि पाठक को पर्यावरण संरक्षण और मानवीय संवेदनाओं की ओर जागरूक भी करता है।
Q8: इस कविता में एक रूपक की रचना हुई है। रूपक क्या है और यहाँ उसका क्या स्वरूप है? स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर : रूपक वह अलंकार है जिसमें किसी वस्तु या व्यक्ति को सीधे तौर पर किसी अन्य वस्तु या व्यक्ति के समान दिखाकर उसकी विशेषताओं को प्रकट किया जाता है। इसमें “जैसा” या “जैसे” जैसे शब्दों का प्रयोग नहीं होता और उपमेय (जिसके लिए रूपक बनाया गया है) और उपमान (जिसके रूप में दिखाया गया है) के बीच अभेद स्थापित होता है।
इस कविता में बूढ़ा चौकीदार वृक्ष रूपक है। यहाँ वृक्ष को चौकीदार के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इसका अर्थ यह है कि वृक्ष न केवल फल और छाया देता है, बल्कि घर, पर्यावरण और मानवता की रक्षा करता है, जैसे एक चौकीदार सुरक्षा करता है। कवि ने वृक्ष और चौकीदार के गुणों को जोड़कर पर्यावरण और मानवता की सुरक्षा की महत्ता को रेखांकित किया है।

भाषा की बात

1. निम्नलिखित अव्ययों का वाक्यों में प्रयोग करें
अबकी, हमेशा, लेकिन, दूर, दरअसल, कहीं
उत्तर : अबकी – अबकी बार हम सभी समय पर परीक्षा में पहुँचेंगे।
हमेशा – वह हमेशा अपने दोस्तों की मदद करता है।
लेकिन – मैं बाहर खेलना चाहता था, लेकिन बारिश आ गई।
दूर – वह अपने घर से बहुत दूर रहता है।
दरअसल – दरअसल, मैं कल तुम्हें देखकर खुश हुआ था।
कहीं – कहीं मत खो जाना, मैं तुम्हें ढूँढ लूँगा।

2. कविता से विशेषणों का चुनाव करते हुए उनके लिए स्वतंत्र विशेष्य पद दें।
उत्तर : बूढ़ा : बूढ़ा चौकीदार वृक्ष
पुराना : पुराना चमड़े का शरीर
सख्त : सख्त तना
झुर्रियोंदार : झुर्रियोंदार खुरदुरा तना
खुरदुरा : खुरदुरा तना
अक्खड़ : अक्खड़ बल-बूता
ठंडी : ठंडी छाँव
जानी : जानी दुश्मन
लुटेरा : लुटेरों का समूह
नादिर : नादिरों का समूह
धुआँ : धुआँ भरी हवा
मरुथल : मरुथल जंगल

3. निम्नांकित संज्ञा पदों का प्रकार बताते हुए वाक्य प्रयोग करें-
घर, चौकीदार, दरवाजा, डाल, चमड़ा, पगड़ी, जूता, बल-बूता, बारिश, वर्दी, दोस्त, पल, छाँव, अन्देशा, नादिरों, जहर, मरुस्थल, जंगल
उत्तर: घर (व्यक्तिवाचक): मेरा घर शहर के बीचों-बीच है।
चौकीदार (जातिवाचक): चौकीदार हर रात गश्त करता है।
दरवाजा (जातिवाचक): दरवाजा जोर से बंद हुआ।
डाल (जातिवाचक): पेड़ की डाल पर पक्षी बैठा है।
चमड़ा (द्रव्यमानवाचक): यह चमड़ा बहुत मुलायम है।
पगड़ी (जातिवाचक): उसने रंगीन पगड़ी बाँधी।
जूता (जातिवाचक): नया जूता बहुत आरामदायक है।
बल-बूता (भाववाचक): उसके बल-बूते के कारण काम सफल हुआ।
बारिश (भाववाचक): आज सुबह बारिश हुई।
वर्दी (जातिवाचक): पुलिस ने नीली वर्दी पहन रखी थी।
दोस्त (व्यक्तिवाचक): मेरा दोस्त मुझे मिलने आया।
पल (भाववाचक): यह पल मेरे जीवन का सबसे सुंदर पल है।
छाँव (द्रव्यमानवाचक): पेड़ की छाँव में बैठकर आराम किया।
अन्देशा (भाववाचक): मुझे भविष्य को लेकर अन्देशा हो रहा है।
नादिरों (समूहवाचक): नादिरों का समूह जंगल में घूम रहा था।
जहर (द्रव्यमानवाचक): यह जहर बहुत खतरनाक है।
मरुस्थल (स्थानवाचक): मरुस्थल में पानी की बहुत कमी है।
जंगल (स्थानवाचक/जातिवाचक): बच्चों ने जंगल में खेला।

4. कविता में प्रयुक्त निम्नांकित पदों के कारक स्पष्ट करें-
चमड़ा, पाँव, धूप, सर्दी, वर्दी, अन्देशा, शहर, नदी, खाना, मनुष्य
उत्तर : चमड़ा – कर्मकारक : उसने चमड़ा काट लिया।
पाँव – कर्ता कारक : पाँव चोटिल हो गया।
धूप – करण कारक : वह धूप में बैठा।
सर्दी – संबंध कारक : सर्दी के मौसम में हवा तेज़ थी।
वर्दी – अपादान कारक : उसने अपनी वर्दी उतार दी।
अन्देशा – संबोधन कारक : मुझे अन्देशा हुआ कि कुछ गलत होगा।
शहर – अधिकरण कारक : वह शहर में रहता है।
नदी – अपादान कारक : नदी सूख गई।
खाना – कर्मकारक : उसने खाना खा लिया।
मनुष्य – कर्ता कारक : मनुष्य प्रकृति का रक्षक है।

शब्द निधि

अक्खड़ विपरीत परिस्थितियों में डटा रहने वाला
बल-बूता : शक्ति-सामर्थ्य
अन्देशा आशंका
नादिरों : नादिरशाह नामक ऐतिहासिक लुटेरे और आक्रमणकारी की तरह के क्रूर व्यक्ति

Class10 हिंदी के अन्य अध्यायों के समाधान

क्रमांक अध्याय
1 राम बिनु बिरथे जगि जनमा
2 प्रेम-अयनि श्री राधिका
3 अति सुधो सनेह को मारग है
4 स्वदेशी
5 भारतमाता
6 जनतंत्र का जन्म
7 हिरोशिमा
9 हमारी नींद
10 अक्षर – ज्ञान
11 लौटकर आऊँगा फिर
12 मेरे बिना तुम प्रभु

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

नीचे इस अध्याय से संबंधित कुल 20 वस्तुनिष्ठ प्रश्न दिए गए हैं। ये प्रश्न अध्याय के गहन अध्ययन के आधार पर तैयार किए गए हैं तथा इनमें से कई प्रश्न पिछले वर्षों की मैट्रिक परीक्षा से भी लिए गए हैं। इन प्रश्नों का अभ्यास करने से आपको परीक्षा की तैयारी में काफी मदद मिलेगी और यह समझने में आसानी होगी कि परीक्षा में किस प्रकार के प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
1. ‘एक वृक्ष की हत्या’ शीर्षक कविता में वृक्ष की सूखी डाली किसकी तरह थी?
(A) बीमार आदमी की तरह
(B) राइफिल की तरह
(C) कमजोर आदमी की तरह
(D) थके हुए आदमी की तरह
उत्तर: (B) राइफिल की तरह

2. ‘एक वृक्ष की हत्या’ किस कविता संग्रह से संकलित है?
(A) दुष्चक्र में स्रष्टा
(B) इन दिनों
(C) सदानीरा
(D) ग्राम्या
उत्तर: (C) सदानीरा

3. ‘एक वृक्ष की हत्या’ के कवि हैं-
(A) कुँवर नारायण
(B) वीरेन डंगवाल
(C) अनामिका
(D) जीवनानंद दास
उत्तर: (A) कुँवर नारायण

4. कुँवर नारायण का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
(A) 7 मार्च, 1911 ई० कुशीनगर उ०प्र०
(B) 19 सितम्बर, 1927 ई० लखनऊ उ०प्र०
(C) 5 अगस्त, 1947 ई० गढ़वाल उत्तरांचल
(D) 17 अगस्त, 1961 ई० मुजफ्फरपुर बिहार
उत्तर: (A) 7 मार्च, 1911 ई० कुशीनगर उ०प्र०

5. एक वृक्ष की हत्या में कवि देश को किससे बचाने की बात करता है?
(A) भ्रष्टाचार से
(B) गरीबी से
(C) राजनेता से
(D) देश के दुश्मनों से
उत्तर: (D) देश के दुश्मनों से

6. कुँवर नारायण ने बूढ़ा चौकीदार किसे कहा है?
(A) पहाड़
(B) व्यक्ति
(C) वृक्ष
(D) सैनिक
उत्तर: (C) वृक्ष

7. ‘एक वृक्ष की हत्या’ कविता में कवि किसे बचाने की बात करता है?
(A) घर
(B) शहर
(C) देश
(D) सभी को
उत्तर: (C) देश

8. पाठ्य पुस्तक की कौन-सी कविता पर्यावरण, मनुष्य और सभ्यता के विनाश की अंतर्व्यथा को अभिव्यक्त करती है?
(A) हिरोशिमा
(B) एक वृक्ष की हत्या
(C) हमारी नींद
(D) अक्षर-ज्ञान
उत्तर: (B) एक वृक्ष की हत्या

9. एक वृक्ष की हत्या कविता में कवि ने वृक्ष को किस रूप में व्यक्त किया है?
(A) बूढ़ा व्यक्ति
(B) बूढ़ा चौकीदार
(C) सिपाही
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (B) बूढ़ा चौकीदार

10. ‘नगर-संवेदना’ के कवि हैं-
(A) स० ही० वात्स्यायन अज्ञेय
(B) वीरेन डंगवाल
(C) कुँवर नारायण
(D) सुमित्रानंदन पंत
उत्तर: (C) कुँवर नारायण

11. ‘एक वृक्ष की हत्या’ शीर्षक पाठ में दूर से कौन ललकारता है?
(A) चोर
(B) डाकू
(C) वृक्ष रूपी चौकीदार
(D) शत्रु
उत्तर: (C) वृक्ष रूपी चौकीदार

12. कुँवर नारायण कवि है-
(A) ग्राम संवेदना के
(B) नगर संवेदना के
(C) ममत्व संवेदना के
(D) पितृत्व संवेदना के
उत्तर: (B) नगर संवेदना के

13. दूर से ही ललकारता, “कौन?” मैं जवाब देता, “दोस्त!” पंक्ति किस पाठ से है?
(A) एक वृक्ष की हत्या
(B) स्वदेशी
(C) भारतमाता
(D) हमारी नींद
उत्तर: (A) एक वृक्ष की हत्या

14. ‘आत्मजयी’ नामक प्रबंध काव्य किस कवि द्वारा लिखा गया है?
(A) गुरुनानक
(B) वीरेन डंगवाल
(C) कुँवर नारायण
(D) प्रेमघन
उत्तर: (C) कुँवर नारायण

15. कुँवर नारायण कविता लिखने की शुरुआत कब की?
(A) 1940 के आस-पास
(B) 1942 के आस-पास
(C) 1945 के आस-पास
(D) 1950 के आस-पास
उत्तर: (A) 1940 के आस-पास

16. कुँवर नारायण द्वारा रचित प्रबंधकाव्य है—
(A) आत्मजयी
(B) मेरे साक्षात्कार
(C) चक्रव्यू
(D) सदानीरा
उत्तर: (A) आत्मजयी

17. कवि के अनुसार वृक्ष रूपी चौकीदार का पगड़ी कैसा है?
(A) मैलाकुचैला
(B) फूलपत्तीदार
(C) रेशमी चमकदार
(D) मलेट्री टोपी
उत्तर: (A) मैलाकुचैला

18. कविता में पेड़ की डाल की तुलना किससे की गई है?
(A) डण्डा से
(B) राइफल से
(C) तीर से
(D) भाला से
उत्तर: (B) राइफल से

19. ‘एक वृक्ष की हत्या’ कविता में कवि शहर को किससे बचाने की बात करता है?
(A) लुटेरों से
(B) देश के दुश्मनों से
(C) नादिरों से
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (B) देश के दुश्मनों से

20. धूप में बारिश में गर्मी में सर्दी में हमेशा चौकन्ना अपनी खाकी वर्दी में प्रस्तुत पंक्तियाँ किस कविता की है?
(A) लौटकर आऊँगा फिर
(B) मेरे बिना तुम प्रभु
(C) एक वृक्ष की हत्या
(D) हिरोशिमा
उत्तर: (C) एक वृक्ष की हत्या

निष्कर्ष :

ऊपर आपने बिहार बोर्ड कक्षा 10 की हिन्दी पुस्तक “गोधूली भाग 2” के काव्यखंड के अठवाँ अध्याय “एक वृक्ष की हत्या” की व्याख्या, बोध-अभ्यास, महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर और वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को पढ़ा। यह अध्याय न केवल आपकी परीक्षा की दृष्टि से सहायक है बल्कि जीवन के लिए भी प्रेरणादायी सीख देता है। हमें उम्मीद है कि यह सामग्री आपके अध्ययन को और सरल व प्रभावी बनाएगी। यदि किसी प्रश्न या समाधान को लेकर आपके मन में कोई शंका हो, तो आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं या सीधे हमसे संपर्क करें। हम आपकी मदद करने की पूरी कोशिश करेंगे। संपर्क करें
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