BSEB 10th Hindi Godhuli Kavy Ex-9 Solution व्याख्या और important Objectives
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वीरेन डंगवाल जी का संक्षिप्त परिचय
अध्याय 9 | हमारी नींद |
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पूरा नाम | वीरेन डंगवाल |
जन्म | 5 अगस्त 1947 ई. |
जन्म स्थान | कीर्तिनगर, टिहरी गढ़वाल, उत्तरांचल |
मृत्यु | 28 सितंबर 2015 ई. |
प्रारंभिक शिक्षा | मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, कानपुर, बरेली, नैनीताल में |
उच्च शिक्षा | इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एम.ए. तथा डी.लिट्. (आधुनिक हिंदी कविता के मिथकों और प्रतीकों पर) |
प्रमुख पद | 1971 से बरेली कॉलेज में अध्यापक, दैनिक ‘अमर उजाला’ के संपादकीय सलाहकार |
पत्रकारिता | हिंदी और अंग्रेजी में लेखन, ‘अमृत प्रभात’ (इलाहाबाद) में ‘घूमता आईना’ स्तंभ |
प्रमुख काव्य कृतियाँ | इसी दुनिया में (1991), दुष्चक्र में स्रष्टा, सिरा पर |
अनुवाद कार्य | तुर्की के महाकवि नाजिम हिकमत, पाब्लो नेरुदा, वर्तोल्त ब्रेख्त, वास्को पोपा, मीरोस्लाव होलुब, तदेऊष रूजेविच और आदिवासी लोक कविताओं के अनुवाद |
सम्मान | साहित्य अकादमी पुरस्कार (दुष्चक्र में स्रष्टा), रघुवीर सहाय स्मृति पुरस्कार (इसी दुनिया में), श्रीकांत वर्मा स्मृति पुरस्कार, शमशेर सम्मान |
विशेषता | प्रमुख समकालीन कवि, यथार्थ को अलग और अनूठे तरीके से प्रस्तुत करने वाले, जनवादी परिवर्तन की मूल प्रतिज्ञा वाले कवि |
व्याख्या
हमारी नींद
“मेरी नींद के दौरान कुछ इंच बढ़ गए पेड़
कुछ सूत पौधे अंकुर ने अपने नाममात्र कोमल सींगों से
धकेलना शुरू की बीज की फूली हुई छत, भीतर से।”
व्याख्या – कवि कहते है कि जब हम नींद में होते हैं और हमें कुछ पता नहीं होता, तब भी जीवन अपनी गति से बढ़ता रहता है। पेड़ कुछ इंच और बड़े हो जाते हैं, छोटे-से अंकुर अपनी कोमल सींगों (नवांकुर) से बीज की कठोर छत को चीरकर बाहर निकलने लगते हैं। यह जीवन की अजेय शक्ति और निरंतरता का प्रतीक है।
“एक मक्खी का जीवन-क्रम पूरा हुआ
कई शिशु पैदा हुए, और उनमें से कई तो मारे भी गए
दंगे, आगजनी और बमबारी में।”
व्याख्या – इसमें कवि जीवन और मृत्यु की अनिवार्यता को दिखाता है। नींद में ही एक मक्खी का जीवन समाप्त हो जाता है, नए शिशु पैदा होते हैं और हिंसा, दंगे व युद्ध में कई निर्दोष लोग मारे जाते हैं। यह मनुष्य की अमानवीयता और क्रूरता का चित्रण है।
“गरीब बस्तियों में भी धमाके से हुआ
देवी जागरण लाउडस्पीकर पर।”
व्याख्या – यहाँ कवि विडम्बना दिखा रहे है—जहाँ एक ओर गरीब बस्तियों में दुख, अभाव और हिंसा है, वहीं दूसरी ओर ऊपरी तौर पर धर्म और भक्ति का दिखावा हो रहा है। लाउडस्पीकर पर देवी-जागरण का आयोजन चलता है, लेकिन वास्तविक जीवन की समस्याओं से लोग जूझते रहते हैं।
“याने साधन तो सभी जुटा लिए हैं अत्याचारियों ने
मगर जीवन हठीला फिर भी बढ़ता ही जाता आगे
हमारी नींद के बावजूद।”
व्याख्या – कवि कहते है कि अत्याचारी और शोषक वर्ग ने लोगों को दबाने और जीवन को रोकने के सारे साधन जुटा लिए हैं। लेकिन जीवन बहुत हठीला है—वह रुकता नहीं। चाहे कितनी भी हिंसा, दमन या विनाश हो, जीवन बार-बार आगे बढ़ने की ताकत रखता है। यह आशा और संघर्ष का संदेश है।
“और लोग भी हैं, कई लोग हैं अभी भी
जो भूले नहीं करना साफ और मजबूत इनकार।”
व्याख्या – कवि कहते है कि आज भी ऐसे साहसी और सच्चे लोग मौजूद हैं जो अन्याय और अत्याचार को स्वीकार नहीं करते। वे साफ और मजबूत तरीके से विरोध करते हैं। यही लोग समाज और जीवन की उम्मीद हैं।
[Note] : कवि “हमारी नींद” कविता में बताना चाहते है कि चाहे हम कितने भी बेपरवाह, निष्क्रिय और सोए हुए हों, जीवन अपनी गति और जिजीविषा से आगे बढ़ता ही जाता है। हिंसा, दंगे, युद्ध और अत्याचारों के बीच भी प्रकृति और जीवन की हठीली शक्ति हमेशा नया जन्म लेती है। साथ ही, कवि उन जागरूक और साहसी लोगों की महत्ता बताता है जो अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते हैं।बोध और अभ्यास
कविता के साथ
इस प्रकार कविता का शीर्षक पूरी रचना की संवेदना और संदेश को समेटे हुए है, इसलिए यह पूर्णतः सार्थक है।
(क) गरीब बस्तियों में भी धमाके से हुआ देवी जागरण लाउडस्पीकर पर ।
(ख) याने साधन तो सभी जुटा लिए हैं अत्याचारियों ने
(ग) हमारी नींद के बावजूद
(ख) इस पंक्ति में कवि यह बताना चाहते हैं कि समाज में अत्याचारी (जो अपनी शक्ति और स्वार्थ के लिए दूसरों पर हावी होते हैं) सभी प्रकार के साधन जुटा लेते हैं – चाहे वह आर्थिक हों, सामाजिक हों या मानसिक। उनके पास उपकरण, साधन और अवसर होते हैं जिससे वे अपने अधिनायकत्व और अत्याचार को सफलतापूर्वक लागू कर सकते हैं।
(ग) यह पंक्ति कविता का मुख्य भाव है। कवि कह रहे हैं कि भले ही हम सुविधाभोगी और आराम पसंद जीवन में लिप्त होकर निष्क्रिय या बेपरवाह हों (हमारी नींद में हों), जीवन और प्रकृति अपनी गति से आगे बढ़ते रहते हैं। बीज अंकुरित होते हैं, जीवन चलता रहता है, और कुछ लोग अन्याय के विरुद्ध इनकार करना नहीं भूलते। यहाँ ‘नींद’ प्रतीक है हमारी बेपरवाही और अकर्मण्यता का, जबकि जीवन की गतिविधियाँ लगातार जारी रहती हैं।
भाषा की बात
1. निम्नांकित के दो-दो समानार्थी शब्द लिखें
पेड़, शिशु, दंगा, गरीब, अत्याचारी, हठीला, साफ, इनकार
उत्तर :
पेड़ – वृक्ष, तरु
शिशु – बालक, बाल
दंगा – उपद्रव, अशांति
गरीब – निर्धन, बेबस
अत्याचारी – क्रूर, निर्दयी
हठीला – जिद्दी, अविचल
साफ – स्पष्ट, निर्मल
इनकार – अस्वीकार, ठुकराना
2. निम्नांकित वाक्यों में कर्ता कारक बताएँ
(क) मेरी नींद के दौरान / कुछ इंच बढ़ गए / कुछ सूत पौधे ।
(ख) अंकुर ने अपने नाममात्र कोमल सींगों से / धकेलना शुरू की / बीज की फूली हुई / छत भीतर से ।
(ग) गरीब बस्तियों में भी / धमाके से हुआ देवी जागरण / लाउडस्पीकर पर ।
(घ) मगर जीवन हठीला फिर भी / बढ़ता ही जाता आगे / हमारी नींद के बावजूद ।
उत्तर :
(क) मेरी नींद के दौरान कुछ इंच बढ़ गए कुछ सूत पौधे –
कर्त्ता: कुछ सूत पौधे
कारक: मेरी नींद के दौरान (समय कारक)
(ख) अंकुर ने अपने नाममात्र कोमल सींगों से धकेलना शुरू की बीज की फूली हुई छत भीतर से –
कर्त्ता: अंकुर
कारक: अपने नाममात्र कोमल सींगों से (साधन/करण कारक), भीतर से (स्थान कारक)
(ग) गरीब बस्तियों में भी धमाके से हुआ देवी जागरण लाउडस्पीकर पर –
कर्त्ता: देवी जागरण
कारक: गरीब बस्तियों में (स्थान कारक), धमाके से (साधन/कारण कारक), लाउडस्पीकर पर (स्थान कारक)
(घ) मगर जीवन हठीला फिर भी बढ़ता ही जाता आगे हमारी नींद के बावजूद –
कर्त्ता: जीवन
कारक: हमारी नींद के बावजूद (कारण/परिस्थिति कारक)
3. निम्नलिखित वाक्यों में कर्म कारक की पहचान कीजिए
(क) अंकुर ने अपने नाममात्र कोमल सींगों से / धकेलना शुरू की / बीज की फूली हुई / छत भीतर से ।
(ख) कई लोग हैं / अभी भी / जो भूले नहीं करना / साफ और मजबूत / इनकार ।
उत्तर:
(क) अंकुर ने अपने नाममात्र कोमल सींगों से धकेलना शुरू की बीज की फूली हुई छत भीतर से –
कर्म कारक: बीज की फूली हुई छत
(ख) कई लोग हैं अभी भी जो भूले नहीं करना साफ और मजबूत इनकार –
कर्म कारक: इनकार
Class10 हिंदी के अन्य अध्यायों के समाधान
क्रमांक | अध्याय |
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1 | राम बिनु बिरथे जगि जनमा |
2 | प्रेम-अयनि श्री राधिका |
3 | अति सुधो सनेह को मारग है |
4 | स्वदेशी |
5 | भारतमाता |
6 | जनतंत्र का जन्म |
7 | हिरोशिमा |
8 | एक वृक्ष की हत्या |
10 | अक्षर – ज्ञान |
11 | लौटकर आऊँगा फिर |
12 | मेरे बिना तुम प्रभु |
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
(A) इसी दुनिया में से
(B) पहल पुस्तिका से
(C) दुष्चक्र में स्रष्टा से
(D) असादीवार से
उत्तर: (B) पहल पुस्तिका से
2. कवि के अनुसार, धमाके के साथ देवी जागरण कहाँ हुआ?
(A) मंदिरों में
(B) नदी तट पर
(C) गरीब बस्तियों में
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (C) गरीब बस्तियों में
3. गरीब बस्तियों में क्या हुआ?
(A) कई शिशु पैदा हुए
(B) दंगे, आगजनी और बमबारी
(C) धमाके से देवी जागरण
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (C) धमाके से देवी जागरण
4. मेरी नींद के दौरान कुछ बढ़ गए पेड़।
(A) अधिक
(B) इंच
(C) वृक्ष
(D) सेंटीमीटर
उत्तर: (B) इंच
5. ‘अमृत प्रभात’ पत्रिका कहाँ से प्रकाशित होती है?
(A) लखनऊ
(B) बनारस
(C) इलाहाबाद
(D) मेरठ
उत्तर: (B) बनारस
6. हमारी नींद कविता में किसके जीवन-क्रम पूरा होने की बात की गई है?
(A) मानव
(B) मक्खी
(C) पशु
(D) पक्षी
उत्तर: (B) मक्खी
7. गरीब बस्तियों में भी धमाके से हुआ देवी जागरण लाउडस्पीकर पर। प्रस्तुत पंक्ति किस कविता की है?
(A) हिरोशिमा
(B) एक वृक्ष की हत्या
(C) हमारी नींद
(D) अक्षर-ज्ञान
उत्तर: (C) हमारी नींद
8. समकालीन कवि हैं-
(A) गुरुनानक
(B) प्रेमघन
(C) सुमित्रानंदन पंत
(D) वीरेन डंगवाल
उत्तर: (D) वीरेन डंगवाल
9. किस रचना के लिए वीरेन डंगवाल को रघुवीर सहाय स्मृति पुरस्कार मिला था?
(A) दुष्चक्र में स्रष्टा
(B) इसी दुनिया में
(C) घूमता आईना
(D) अमृत प्रभात
उत्तर: (A) दुष्चक्र में स्रष्टा
10. ‘दुष्चक्र में स्रष्टा’ काव्य संग्रह किस कवि का है?
(A) कुँवर नारायण
(B) अनामिका
(C) वीरेन डंगवाल
(D) जीवनानंद दास
उत्तर: (C) वीरेन डंगवाल
11. तुर्की के महाकवि थे-
(A) नाजिम हिकमत
(B) अब्दुल मुगनी
(C) सैयद मेहाल अहसन
(D) मो० सल्लाउद्दीन
उत्तर: (A) नाजिम हिकमत
12. ‘हमारी नींद’ कविता के कवि हैं-
(A) कुँवर नारायण
(B) वीरेन डंगवाल
(C) अनामिका
(D) रेनर मारिया रिल्के
उत्तर: (B) वीरेन डंगवाल
13. वीरेन डंगवाल द्वारा रचित कविता है-
(A) हिरोशिमा
(B) हमारी नींद
(C) अक्षर-ज्ञान
(D) लौटकर आऊँगा फिर
उत्तर: (B) हमारी नींद
14. वीरेन डंगवाल का जन्म कब हुआ था?
(A) 19 सितम्बर, 1927 ई०
(B) 17 अगस्त, 1961 ई०
(C) 7 मार्च, 1911 ई०
(D) 5 अगस्त, 1947 ई०
उत्तर: (D) 5 अगस्त, 1947 ई०
15. वीरेन डंगवाल कवि हैं-
(A) छायावादी
(B) प्रगतिवादी
(C) प्रयोगवादी
(D) समकालीन
उत्तर: (D) समकालीन
16. वीरेन डंगवाल को किस काव्य संग्रह के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था?
(A) दुष्चक्र में स्रष्टा
(B) इसी दुनिया में
(C) पहल पुस्तिका
(D) अमर उजाला
उत्तर: (B) इसी दुनिया में
17. सुविधाभोगी आराम पंसद जीवन अथवा हमारी वेपरवाहियों के बाहर विपरीत परिस्थितियों से लगातार लड़ते हुए बढ़ते जानेवाले जीवन का चित्र किस कविता में हुआ है?
(A) स्वदेशी
(B) भारतमाता
(C) हमारी नींद
(D) जनतंत्र का जन्म
उत्तर: (C) हमारी नींद
18. दैनिक ‘अमर उजाला’ के संपादकीय सलाहकार भी हैं-
(A) वीरेन डंगवाल
(B) कुँवर नारायण
(C) अनामिका
(D) जीवनानंद दास
उत्तर: (A) वीरेन डंगवाल
19. कवि के अनुसार, इनकार करना न भूलने वाले कौन हैं?
(A) शिक्षित लोग
(B) किसान लोग
(C) हठधर्मी लोग
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (C) हठधर्मी लोग
20. वीरेन डंगवाल का पहला काव्य संग्रह कब प्रकाशित हुआ?
(A) 1990 ई० में
(B) 1991 ई० में
(C) 1992 ई० में
(D) 1993 ई० में
उत्तर: (B) 1991 ई० में