BSEB 10th History Exercise 1 Solution in Hindi

BSEB 10th History Exercise 1 Solution in Hindi

BSEB 10th History Exercise 1 Solution in Hindi : यूरोप में राष्ट्रवाद pdf Download Now

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प्रिय छात्रों, इस पोस्ट में हम बिहार बोर्ड कक्षा 10 के इतिहार के अध्याय 1 “यूरोप में राष्ट्रवाद” के अभ्यास प्रश्नों के समाधान को देखने वाले है। कक्षा 10 के इतिहास के अध्याय 1 में कुल 12 वस्तुनिष्ठ प्रश्न, 6 रिक्त स्थान, 3 मिलन समूह, 4 अतिलघु उत्तरी प्रश्न, 5 लघु उत्तरीय प्रश्न तथा 5 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न दिए गए हैं। यहाँ हम प्रत्येक प्रश्न के हल(solution) को सरल एवं स्पष्ट शब्दों में विस्तार से प्रस्तुत करने वाले हैं, जिससे आप स्वयं से पढ़कर इन्हें समझ पाए। मुझे आशा है कि सभी प्रश्नों के उत्तर आपको समझ में आयेंगे।
फिर भी, यदि आपको किसी भी प्रश्न में आपको दिक्क्त हो रहा है, तो उसे comment में अवश्य पूछें। हम आपकी मदद करने के लिए तत्पर हैं।
नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर रूप में चार विकल्प दिये गए हैं। जो आपके सर्वाधिक उपयुक्त लगे उनमें सही का चिन्ह लगावें।
Q1: इटली एवं जर्मनी वर्तमान में किस महादेश के अंतर्गत आते हैं?
[A]. उत्तरी अमेरिका
[B]. दक्षिणी अमेरिका
[C]. यूरोप
[D]. पश्चिमी एशिया
Q2: फ्रांस में किस शासक वंश की पुनर्स्थापना वियना कांग्रेस द्वारा की गई थी?
[A]. हैब्सवर्ग
[B]. आर्लिया वंश
[C]. बूर्वो वंश
[D]. जार शाही
Q3: मेजनी का संबंध किस संगठन से था?
[A]. लाल सेना
[B]. कर्बोनरी
[C]. फिलिक हेटारिया
[D]. डायट
Q4: इटली एवं जर्मनी के एकीकरण के विरुद्ध निम्न में कौन था?
[A]. इंगलैंड
[B]. रूस
[C]. आस्ट्रिया
[D]. प्रशा
Q5: ‘काउंट काबूर’ को विक्टर इमैनुएल ने किस पद पर नियुक्त किया?
[A]. सेनापति
[B]. फ्रांस में राजदूत
[C]. प्रधानमंत्री
[D]. गृहमंत्री
Q6: गैरीबाल्डी पेशे से क्या था?
[A]. सिपाही
[B]. किसान
[C]. जमींदार
[D]. नाविक

BSEB 10th History Exercise 1 Solution in Hindi : यूरोप में राष्ट्रवाद : Fill in the Blank

निम्नलिखित में रिक्त स्थानों को भरें :-
1. सेडॉन के युद्ध में ही एक महाशक्ति के पतन पर दूसरी यूरोपीय महाशक्ति जर्मनी का जन्म हुआ था।
2. सेड़ोवा का युद्ध ऑस्ट्रिया और प्रशा के बीच हुआ था।
3. 1848 ईo की फ्रांसीसी क्रांति ने मेटरनिख युग्म का भी अंत कर दिया।
4. बेटीकन सिटी के राजमहल जहाँ पोप रहते थे जो इटली के एकीकरण से बचा रहा।
5. यूनान को एक स्वतंत्र राष्ट्र घोषित करने के बाद बाबेरिया के शासक ओटो को वहाँ का राजा घोषित किया गया।
6. हंगरी कि राजधानी बुडापेस्ट है।

BSEB 10th History Exercise 1 Solution in Hindi : यूरोप में राष्ट्रवाद : मिलान करें

(I) निम्नलिखित समूहों का मिलान करें
[Note] : मिलान करने वाले प्रश्नों में उनके सही उत्तर उसके सामने ही लिखा गया है।
समूह ‘अ’ समूह ‘ब’
1. मेजनी (ख) इटली
2. हीगेल (क) दार्शनिक
3. विस्मार्क (घ) जर्मन चांसलर
4. विक्टर इमैनुएल (ग) राजनीतिज्ञ
(II) निम्नलिखित समूहों का मिलान करें
समूह ‘अ’ समूह ‘ब’
1. वियना सम्मेलन (घ) 1814-1815 ईo
2. मेरनिक का पतन (ग) 1848 ईo
3. इटली एकीकरण (क) 1870 ईo
4. सेडना युद्ध (ख) 1870 ईo
(III) निम्नलिखित समूहों का मिलान करें
समूह ‘अ’ समूह ‘ब’
1. कोसुथ (ख) हंगरियन राष्ट्रवादी नेता
2. एड़्रियानोपल की संधि (ग) 1829 ईo
3. यूनान की स्वतंत्रता (घ) 1832 ईo
4. पोलैंड में आंदोलन (क) 1863 ईo

BSEB 10th History Exercise 1 Solution in Hindi : यूरोप में राष्ट्रवाद : अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (20 शब्दों में उत्तर दें)
Q1: राष्ट्रवाद क्या है?
उत्तर : किसी राष्ट्र में रहने वाले लोगों में अपने राष्ट्र के प्रति एकता और लगाव की भावना राष्ट्रवाद कहलाता है। या राष्ट्रवाद आधुनिक विश्व की राजनैतिक जागृति का प्रतिफल है। यह एक ऐसी भावना है जो किसी विशेष भौगोलिक या सामाजिक परिवेश में रहने वाले लोगों में एकता की वाहक बनती है।
Q2: मेजनी कौन था?
उत्तर : मेजनी एक साहित्यकार, गणतांत्रिक विचारों का समर्थक और योग्य एवं जुझारू सेनापति था। मेंजनी ने 1931 ई में ‘यंग इटली’ और 1934 ई में ‘यंग यूरोप’ संस्था की स्थापना की।
Q3: जर्मनी के एकीकरण की बाधाएँ क्या थी?
उत्तर : जर्मनी के एकीकरण की मुख्य बाधाएँ निम्न थी-
(i) जर्मनी लगभग 300 छोटे-बड़े राज्यों में विखंडित था।
(ii) यहाँ राजनीतिक, सामाजिक तथा धार्मिक विषमताएँ मौजूद थी।
Q4: मेटरनिख युग क्या है?
उत्तर : 1815 से 1884 के बीच के समय को मेटरनिख युग कहते है। जब यूरोप में नेपोलियन युग का अंत हुआ तो मेटरनिख युग की शुरुआत हुई। इस युग में प्रतिक्रियावादी शक्तियों को और अधिक बढ़ावा मिला।

BSEB 10th History Exercise 1 Solution in Hindi : यूरोप में राष्ट्रवाद : लघु उत्तरीय प्रश्न

लघु उत्तरीय प्रश्न :- (60 लगभग शब्दों में उत्तर दें) : BSEB 10th History Exercise 1 Solution in Hindi
Q1: 1848 के फ्रांसीसी क्रांति के कारण क्या थे?
उत्तर : 1884 के फ्रांसीसी क्रांति के निम्नलिखित कारण थे-
• शासक लुई फिलिप के महत्वाकांक्षी नीतियाँ
• फ्रांस के मध्यम वर्ग का शोषण
• प्रतिक्रियावादी गीजों का प्रधानमंत्री का बनाना जो किसी भी सामाजिक तथा आर्थिक सुधारों के विरोधी था
• लुई फिलिप के शासन में फ्रांस में बढ़ती भुखमरी एवं बेरोजगारी।
Q2: इटली, जर्मनी के एकीकरण में आस्ट्रिया की भूमिका क्या थी?
उत्तर : इटली तथा जर्मनी के एकीकरण में ऑस्ट्रिया की भूमिका महत्वपूर्ण थी। ऑस्ट्रिया, इटली तथा जर्मनी के कई क्षेत्रों में अपना अधिकार रखता था। यहाँ का चांसलर मेटरनिख इटली तथा जर्मनी में चल रहे राष्ट्रवादी नागरिक आंदोलनों को कुचलने का पूर्ण प्रयास किया। जिससे इटली तथा जर्मनी में कई नेता सामने आए। जिन्होंने लोगों में जागरूकता तथा राष्ट्रीयता की भावना को जगाया। लोगों में ऑस्ट्रिया के दमनकारी नीतियों का विरोध किया कई विद्रोह किए। इटली तथा जर्मनी ने ऑस्ट्रिया के साथ कई युद्ध लड़े तथा दोनों देशों का एकीकरण किया।
Q3: यूरोप में राष्ट्रवाद को फैलाने में नेपोलियन बोनापार्ट किस तरह सहायक हुआ?
उत्तर : नेपोलियन बोनापार्ट प्रथम ने जब इटली पर अधिकार किया तो उसने छोटे-छोटे राज्यों का अंत कर दिया। उसने रिगाओ, फेर्रारा, बोलोना तथा मोडेना को मिलाकर एक छोटे से गणराज्य की स्थापना कर दी थी। इसे “ट्रांसपार्निका गणतंत्र” कहा गया था। इससे वहाँ के लोगों में राष्ट्रीयता की भावना का प्रादुर्भाव हुआ।
Q4: गैरीबाल्डी के कार्यों की चर्चा करें!
उत्तर : गैरीबाल्डी पेशे से एक नाविक और मेजनी के विचारों का समर्थक था परंतु बाद में काबूर के प्रभाव में आकर संवैधानिक राजतंत्र का पक्षधर बन गया। गैरीबाल्डी ने अपने कर्मचारियों तथा स्वयंसेवकों की सशस्त्र सेना बनायी जिसे ‘लाल कुर्ती’ के नाम से जाना जाता है। इसकी सहायता से 1860 ई. में नेपल्स के राजा को पराजित किया। इसके बाद सिसली पर विजय पायी। इन रियासतों की अधिकांश जनता बूर्वो राजवंश के निरंकुश शासन से तंग आकर गैरीबाल्डी का समर्थक बन गयी। गैरीबाल्डी ने यहाँ गणतंत्र की स्थापना की तथा विक्टर इमैनुएल के प्रतिनिधि के रूप में वहाँ की सत्ता सम्भाली। बाद में उसने काबूर के परामर्श पर पोप पर कब्जा कर लिया। इसके बाद उसने अपने सारे जीते हुए इलाकों को विक्टर इमैनुएल को सौंप दिया। उसने विक्टर को संयुक्त इटली का राजा घोषित कर दिया और सार्डिनिया का नाम बदलकर इटली राज्य कर दिया।
Q5: विलियम के बगैर जर्मनी का एकीकरण बिस्मार्क के लिए असंभव था, कैसे?
उत्तर : जनवरी 1830 में विलियम प्रथम प्रशा का शासक बना। वह साहसी, व्यवहारकुशल और योग्य सैनिक था। सिंहासन पर बैठते ही उसने सैन्यशक्ति बढ़ानी शुरू कर दी और उसने जर्मन राष्ट्रों को एकता के सूत्र में बाँधने के उद्देश्य को ध्यान में रखकर महान कूटनीतिज्ञ बिस्मार्क को अपना चांसलर नियुक्त किया। अतः विलियम प्रथम के बिना जर्मनी का एकीकरण बिस्मार्क के लिए असंभव था।

BSEB 10th History Exercise 1 Solution in Hindi : यूरोप में राष्ट्रवाद : दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (लगभग 150 शब्दों में उत्तर दें)
Q1: इटली के एकीकरण में मेजनी, काबुर और गैरीबाल्डी के योगदानों को बतायें।
उत्तर : मेजनी एक साहित्यकार, गणतांत्रिक विचारों का समर्थक और योग्य सेनापति था। उसने “यंग इटली” नामक संस्था का गठन किया और युवा शक्ति में विश्वास करता था तथा कहा करता था कि “यदि समाज में क्रांति लानी है तो विद्रोह का नेतृत्व युवकों के हाथों में दे दो।” “यंग इटली” का एक मात्र उद्देश्य इटली को आस्ट्रिया के प्रभाव से मुक्त कर उसका एकीकरण करना था। उसने ‘जनता जनार्दन तथा इटली’ का नारा बुलंद किया। इससे युवाओं में एकता का सूत्रपात हुआ और दो वर्षों के भीतर “यंग इटली” के सदस्यों की संख्या साठ हजार तक पहुँच गयी। उग्रराष्ट्रवादी विचारों के कारण मेजिनी को निर्वासित होकर इंगलैंड जाना पड़ा। वहाँ से अपनी रचनाओं द्वारा इटली के स्वाधीनता संग्राम को प्रेरित करता रहा। इटली के एकीकरण में उसे पैगम्बर कहा गया है।
कवूर का योगदान –
काउन्ट कावूर एक सफल कूटनीतिज्ञ एवं राष्ट्रवादी था| उसने इटली के एकीकरण के लिए राजनीतिक दाँव – पेंचों और कूटनीति पर अधिक विश्वास किया। इसी कूटनीति से कावूर ने इटली की समस्या को एक अन्तर्राष्ट्रीय समस्या बना दिया। कावूर इटली के एकीकरण में सबसे बड़ी बाधा ऑस्ट्रिया को मानता था। अतएव ऑस्ट्रिया को पराजित करने के लिए उसने फ्रांस से मित्रता की।
काबूर जानता था कि यदि पिडमौंट – सार्डिनिया इटली के एकीकरण का नेतृत्व करता है तो उसे आर्थिक और सैन्य दृष्टिकोण से सुदृढ़ बनाना होगा। इटली के एकीकरण के लिए, जनता को आकर्षित करने के लिए जनता को संतुष्ट करना होगा, उसे समृद्ध बनाना होगा तथा राजनीतिक संगठन को उदार बनाना होगा। अपनी इस योजना को काबूर ने बड़ी ही समझदारी से पूरी की और इटली के एकीकरण का मार्ग प्रशस्त किया।
गैरीबाल्डो का योगदान –
गैरीबाल्डी को इटली का तलवार कहा जाता है, उसने “लाल कुर्ती” नामक नवयुवकों का एक संगठन कायम किया। इसकी सहायता से उसने 1860 ई. में नेपल्स के राजा को पराजित किया। बाद में सिसली और पोप को अपने कब्जे में ले लिया। इसके बाद गैरीबाल्डी ने अपने सारे जीते हुए इलाकों को विक्टर इमैनुएल को सौंप दिया और विक्टर को इटली का राजा घोषित कर दिया। पिडमौंट, सार्डिनिया का नाम बदलकर इटली राज्य कर दिया गया।
Q2: जर्मनी के एकीकरण में बिस्मार्क की भूमिका का वर्णन करें।
उत्तर : 1848 ई. को क्रांति के बाद यह स्पष्ट हो गया कि जर्मनी का एकीकरण क्रांतिकारियों के प्रत्यनों से नहीं होना था। उसका एकीकरण एक सैन्य शक्तिप्रधान साम्राज्य के रूप में शासकों द्वारा होना था और इस कार्य को पूरा किया बिस्मार्क ने जनवरी, 1830 में विलियम प्रथम प्रथा का शासक बना और उसने बिस्मार्क को चांसलर नियुक्त किया। बिस्मार्क प्रशा के नेतृत्व में जर्मनी का एकीकरण करना चाहता था, पर आस्ट्रिया उसका विरोध कर रहा था। बिस्मार्क जर्मन एकीकरण के लिए सैन्य शक्ति के महत्व को समझता था। अतः इसके लिए उसने ‘रक्त और लौह नीति’ का अवलम्बन किया। उसने अपने देश में अनिवार्य सैन्य सेवा लागू कर दी! बिस्मार्क ने अपनी नीतियों से प्रशा का सुदृढीकरण किया और इस कारण प्रशा, आस्ट्रिया से किसी मायने में कम नहीं रह गया। तब बिस्मार्क ने डेनमार्क, आस्ट्रिया और फ्रांस के साथ युद्ध कर जर्मनी का एकीकरण करने में सफलता प्राप्त की।
Q3: राष्ट्रवाद के उदय के कारणों एवं प्रभावों की चर्चा करें।
उत्तर : राष्ट्रवाद आधुनिक विश्व की राजनैतिक जागृति का प्रतिफल है। यह एक ऐसी भावना है जो किसी विशेष भौगोलिक, सांस्कृतिक या सामाजिक परिवेश में रहने वाले लोगों में एकता की वाहक बनती है। राष्ट्रवाद के उदय के कारण निम्न हैं-
(i) यूरोप में पुनर्जागरण : पुनर्जागरण के कारण कला, साहित्य, विज्ञान इत्यादि पर गहरा प्रभाव पड़ा और लोगों के दृष्टि कोण में परिवर्तन हुए जिसने राष्ट्रवाद का बीजारोपण किया।
(ii) फ्रांस की राज्य क्रांति : इसने राजनीतिक को अभिजात्यवर्गीय परिवेश से बाहर कर उसे अखबारों, सड़कों और सर्वसाधारण की वस्तु बना दिया।
(iii) नेपोलियन का आक्रमण : नेपोलियन ने जर्मनी और इटली के राज्यों को भौगोलिक नाम की परिधि से बाहर कर उसको वास्तविक एवं राजनैतिक रूपरेखा प्रदान की। जिससे इटली और जर्मनी के एकीकरण का मार्ग प्रशस्त हुआ। दूसरी तरफ नेपोलियन की नीतियों के कारण फ्रांसीसी प्रभुता और आधिपत्य के विरुद्ध यूरोप में देशभक्तिपूर्ण विक्षोभ भी जगा।
नेपोलियन के पतन के बाद यूरोप की विजयी शक्तियाँ आस्ट्रिया की राजधानी वियना में 1814-15 में एकत्र हुई। जिनका उद्देश्य यूरोप में पुनः उसी व्यवस्था को स्थापित करना था, जिसे नेपोलियन के युद्धों.और विजयों ने अस्त-व्यस्त कर दिया था।
Q4: जुलाई 1830 की क्रांति का विवरण दें।
उत्तर : चार्ल्स x एक निरंकुश एवं प्रतिक्रियावादी शासक था, जिसने फ्रांस में उभर रही राष्ट्रीयता तथा जनतंत्र भावनाओं को दबाने का कार्य किया। उसने अपने शासनकाल में संवैधानिक लोकतंत्र की राह में कई गतिरोध उत्पन्न किये। उसके द्वारा प्रतिक्रियावादी पोलिग्नेक को प्रधानमंत्री बनाया गया। पोलिग्नेक ने लूई 18वें द्वारा स्थापित समान नागरिक संहिता के स्थान पर शक्तिशाली अभिजात्यवर्ग की स्थापना तथा उसे विशेषाधिकारों से विभूषित करने का प्रयास किया। उसके इस कदम को उदारवादियों ने चुनौती तथा क्रांति के विरुद्ध षड्यंत्र समझा। प्रतिनिधि सदन एवं दूसरे उदारवादियों ने पोलिग्नेक के विरुद्ध गहरा असंतोष प्रकट किया। चार्ल्स दशमा ने इस विरोध की प्रतिक्रियास्वरूप-25 जुलाई 1830 ई. को चार अध्यादेशों के विरोध में पेरिस में क्रांति की लहर दौड़ गई और फ्रांस में 28 जुलाई से गृहयुद्ध प्रारम्भ हो गया। इसे ही जुलाई 1830 की क्रांति कहते हैं। इसके साथ ही चार्ल्स दशम फ्रांस की राजगद्दी को त्याग कर इंगलैंड चला गया और इस प्रकार फ्रांस में बूर्वो वंश के शासन का अंत हो गया और आर्लेयेस वंश के लुई फिलिप को सत्ता राप्त हुई।
Q5: यूनानी स्वतंत्रता आन्दोलन का संक्षिप्त विवरण दें।
उत्तर : यूनान तुर्की साम्राज्य के अधीन था। फलतः तुर्की शासन से स्वयं को अलग करने के लए आन्दोलन चलाये जाने लगे। यूनान सारे यूरोपवासियों के लिए प्रेरणा एवं सम्मान का पर्याय था, जिसकी स्वतंत्रता के लिए समस्त यूरोप के नागरिक अपनी सरकार की तटस्थता के बावजूद भी उद्यत थे। इंगलैंड का महान कवि लार्ड बायरन यूनानियों की स्वतंत्रता के लिए यूनान में ही शहीद हो गया। इससे यूनान की स्वतंत्रता के लिए सम्पूर्ण यूरोप में सहानुभूति की लहर दौड़ने लगी। इधर रूस भी अपनी साम्राज्यवादी महत्वकांक्षा तथा धार्मिक एकता के कारण यूनान की स्वतंत्रता का पक्षधर था।
यूनान में स्थिति तब विस्फोटक बन गयी जब तुर्की शासकों द्वारा यूनानी स्वतंत्रता संग्राम में संलग्न लोगों को बुरी तरह कुचलना शुरू किया गया। 1821 ई. में अलेक्जेंडर चिप-सिलांटी के नेतृत्व में यूनान में विद्रोह शुरू हो गया। परन्तु वह मेटरनिख के दबाव में खुलकर सामने नहीं आ पा रहा था। परन्तु जब जार निकोलस आया तो उसने खुलकर यूनानियों का समर्थन किया। अप्रैल 1826 में ग्रेट ब्रिटेन और रूस में एक समझौता हुआ कि वे तुर्की-यूनान विवाद में मध्यस्थता करेंगे।
फ्रांस का राजा चार्ल्स दशम भी यूनानी स्वतंत्रता में दिलचस्पी लेने लगा। 1827 में लंदन में एक सम्मेलन हुआ जिसमें इंगलैंड, फ्रांस तथा रूस ने मिलकर तुर्की के खिलाफ तथा यूनान के समर्थन में संयुक्त कार्यवाही करने का निर्णय लिया। इस प्रकार तीनों देशों की सेना नावारिनो की खाड़ी में तुर्की के खिलाफ एकत्र हुई। युद्ध में तुर्की की सेना पराजित हुई और अंततः 1829 में एड्रियानोपल की संधि हुई। जिसके तहत तुर्की की नाममात्र की प्रभुता में यूनान को स्वायत्तता देने की बात हुई। परन्तु यूनानी राष्ट्रवादियों ने संधि की बातों को मानने से इंकार कर दिया। उधर इंगलैंड तथा फ्रांस भी यूनान पर रूस के प्रभाव की अपेक्षा इसे स्वतंत्र देश बनाना बेहतर मानते थे। फलतः 1832 में यूनान को एक स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया गया। बवेरिया के शासक ओटो’ को स्वतंत्र यूनान का राजा घोषित किया गया।

BSEB 10th History Exercise 1 Solution in Hindi : PDF कैसे Download करें।

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BSEB 10th History Exercise 1 Solution in Hindi : Ask me AnyThing

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