BSEB 10th Hindi Varnika Exercise 1 Solution

BSEB 10th Hindi वर्णिका Exercise Solution

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BSEB 10th Hindi Varnika: "दही वाली मंगम्मा" - संपूर्ण समाधान (Exercise Solution) और महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

BSEB 10th Hindi Varnika Exercise 1 Solution : “दही वाली मंगम्मा” एक सामाजिक और पारिवारिक यथार्थवादी कहानी है, जो भारतीय ग्रामीण जीवन, एक ग्रामीण सास-बहू के संबंधों, पारिवारिक कलह, और मानवीय भावनाओं को मार्मिक ढंग से प्रस्तुत करती है। यह कहानी मूलतः कन्नड़ भाषा में लिखी गई है और हिंदी में अनूदित है।
इस कहानी की नायिका मगम्मा एक वृद्ध महिला है, जो दही बेचकर अपना जीवन यापन करती है। वह अपने बेटे, बहू नजम्मा और पोते के साथ रहती है। एक दिन बहू द्वारा पोते की पिटाई को लेकर सास-बहू में झगड़ा हो जाता है और मगम्मा अलग रहने लगती है। अलग होकर वह अपनी कमाई खुद रखने लगती है, जिससे गाँव का एक ठग रंगप्पा उस पर बुरी नजर रखने लगता है।

मगम्मा अपनी पीड़ा एक महिला ‘मां जी’ से साझा करती है, जो उसकी सच्ची शुभचिंतक होती है। बहू को जब अपनी गलती का एहसास होता है, तो वह अपने बेटे को माध्यम बनाकर मगम्मा को घर बुला लेती है। अंततः सास-बहू में मेल हो जाता है और बहू ही मगम्मा के पैसों का प्रबंधन करने लगती है।

यह कहानी हमें यह सिखाती है कि परिवार में छोटे-मोटे झगड़े होना स्वाभाविक है, लेकिन समझदारी और स्नेह से इन झगड़ों को सुलझाया जा सकता है। परिवार को एकजुट को एक जुट रखना सबसे महत्वपूर्ण होता है।
इस पोस्ट में हम बिहार बोर्ड कक्षा 10 के हिंदी की पूरक पुस्तिका “वर्णिका” के प्रथम अध्याय “दही वाली मगम्मा” के सभी प्रश्नों के समाधान (solution), कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न (Important Questions) और वस्तुनिष्ठ प्रश्नों (Objectives Questions) को देखने वाले हैं। इस अध्याय के समाधान को और इससे जुड़े अन्य content को आप pdf रूप में निशुल्क Download भी कर सकते हैं।
Chapter -1 दही वाली मंगम्मा
लेखन श्रीनिवास
जन्म 6 जून 1891 ई.
जन्म स्थान कोलार, कर्नाटक
मृत्यु N/A in Book
मृत्यु स्थान N/A in Book
प्रमुख रचनाएँ कहानी संग्रह ‘सण्णा कथेगुलु’, कविताएँ, नाटक, जीवन-चरित्र, आलोचना
उपाधि/ सम्मान/ पुरस्कार साहित्य अकादमी पुरस्कार (1968), ज्ञानपीठ पुरस्कार
अनुवादक बी. आर. नारायण

BSEB 10th Hindi Varnika Exercise 1 Solution : दही वाली मगम्मा : प्रश्न-उत्तर

Q1: मंगम्मा का अपनी बहू के साथ किस बात को लेकर विवाद था?
उत्तर : मंगम्मा ने अपनी बहू नंजम्मा को पोते को लेकर डाँटा था। एक दिन अपने बेटे की किसी गलती पर उनकी माँ नंजम्मा उसे पीट रही थी। पहले तो कुछ देर मंगम्मा चुप रही किन्तु जब रहा न गया तो मंगम्मा ने बहू से कहाँ- “क्यों री राक्षसी इस छोटे से बच्चे को क्यों पीट रही है ?” बस बहू चढ़ बैठी। खूब सुनाई उसने। जब मंगम्मा ने कहा कि मैं तुम्हारे घरवाले की माँ हूँ तो बहू ने भी कहा-“मैं भी इसकी माँ हूँ। मुझे क्या अकल सिखाने चली है ?” बात बढ़ गई। जब मंगम्मा ने बेटे से शिकायत की तो उसने कहा वह अपने बेटे को मारती है तो तुम क्यों उस झगड़े में पड़ती हो? मंगम्मा ने कहा- ‘बीबी ने तुझ पर जादू फेरा है बस, उसी दोपहर बहू ने मंगम्मा के बर्तन भांडे अलग कर दिए।
Q2: रंगप्पा कौन था और वह मंगम्मा से क्या चाहता था?
उत्तर : रंगजा रंगप्पा के गाँव का आदमी था। बड़ी शौकीन तबीयत का। कभी-कभार जूआ भी खेलता था। जब उसे पता चला कि मंगम्मा बेटे से अलग रहने लगी है तो वह मंगम्मा के पीछे पड़ गया। एक दिन उससे हाल-चाल पूछा और बोला कि मुझे रुपयों की जरूरत है। दे दो लौटा दूँगा। मंगम्मा ने जब कहा कि पैसे कहाँ हैं तो बोला कि पैसे यहाँ-वहाँ गाड़कर रखने से क्या फायदा दूसरे दिन रंगप्पा ने अमराई के पीछे रोककर बाँह पकड़ ली और कहा- ‘जरा बैठो मंगम्मा, जल्दी क्या है ? दरअसल, रंगप्पा लालची और लम्पट दोनों ही था।
Q3: बहू ने सास को मनाने के लिए कौन-सा तरीका अपनाया ?
उत्तर : बहू को जब पता चला कि रंगप्पा उसकी सास मंगम्मा के पीछे पड़ गया है तो उसके कान खड़े हो गए। कहीं सास के रुपये पैसे रंगप्पा न ले ले, इस आशंका से वह बेचैन हो गई। तब उसने योजना बनाई और अपने बेटे से कहा कि जा दादी पास तुझे मिठाई देती है न? अगर मेरे पास आया तो पीढूंगी। बस, बच्चा मंगम्मा के पास आकर रहने लगा। मंगम्मा भी उसे चाहती ही थी। एक दिन पोता जिद कर बैठा कि मैं भी बैंगलर चलँग। मंगम्मा क्या करे? माथे पर टोकरा, बगल में बच्चा! मुसीबत हो गई। तब बेटे-बहू ने आकर कहा कि उस दिन गलती हो गई। यूँ कैसे चलेगा? मंगम्मा अब खुशी-खुशी बेटे-बहू के साथ रहने लगी। धीरे-धीरे बहू ने शहर में दही बेचने का धंधा भी अपने हाथ में ले लिया। उसकी मंशा पूरी हो गई।
Q4: इस कहानी का कथावाचक कौन है ? उसका परिचय दीजिए।
उत्तर : कहानी का कथावाचक एक गृहिणी है, जो बेंगलूरु के एक मोहल्ले में रहती है। उसका नाम कहानी में स्पष्ट रूप से उल्लेखित नहीं है। वह एक साधारण महिला है, जो मंगम्मा से दही खरीदती है और उसके साथ समय-समय पर बातचीत करती है। कथावाचक मंगम्मा के साथ एक आत्मीय रिश्ता साझा करती है, जिसमें वह मंगम्मा के सुख-दुख सुनती है और उसे सलाह देती है। वह मंगम्मा की जिंदगी की घटनाओं को करीब से देखती है और उसके अनुभवों को गहराई से समझती है। कथावाचक का दृष्टिकोण संवेदनशील और सहानुभूतिपूर्ण है, जो कहानी को एक मानवीय और भावनात्मक आयाम प्रदान करता है।
Q5: मंगम्मा का चरित्र-चित्रण कीजिए।
उत्तर : मंगम्मा प्रस्तुत कहानी का प्रमुख केन्द्रीय चरित्र है। जो एक साधारण ग्रामीण महिला है और दही बेचकर अपनी आजीविका कमाती है। कहानी की कथावस्तु इसके इर्द- गिर्द ही घूमती रहती है। पति से विरक्त रहनेवाली मंगम्मा शायद कभी ऐसी नहीं सोची होगी कि उसका बेटा पत्नी के दबाव में आकर उसको छोड़ सकता है। पत्नी का शृंगार पति है। मंगम्मा और उसकी बहू इस तथ्य को भली-भाँति समझती है। मंगम्मा दही बेचकर अपना जीवन-यापन करती है। दही लेकर वह अपने गाँव से शहर जाती है। और उसे बेचकर जो आमदनी होती है। उसी में वह कुछ संचय करती है। वह जानती है कि पैसा ही उसका अपना जमा पूँजी हो वह भोली-भाली और सहृदयता वाली नमी है। अपने पोते के प्रति उसका अधिक झुकाव हो वस्तुतः मानव मूलधन से कहीं अधिक ब्याज पर जोर देता है। वह अपना सतीत्व बचाये रखना चाहती है। रंगप्पा द्वारा बार-बार उसका पीछे करने पर भी अपने कर्मपथ से विचलित नहीं होती है। पात का अभाव उसे रूप खटकता है। किन्तु पति के प्रति श्लेष मन्त्र भी क्षोभ नहीं है। मंगम्मा सम्पूर्ण भारतीय नारीत्व का प्रतिनिधित्व करती है।
Q6: कहानी का सारांश प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर : प्रस्तुत कहानी कन्नड़ कहानियाँ (नेशल बुक ट्रस्ट, इंडिया) से सभार ली गयी है। इस कहानी का अनुवाद बी आर नारायण ने किया है। इस कहानी का प्रमुख केन्द्रीय चरित्र मंगम्मा और द्वितीय चरित्र लेखक की माँ है। मंगम्मा एक मेहनती दही बेचने वाली महिला है, जो अपने गाँव वेंकटपुर से बेंगलूरु आकर दही बेचती है। वह अपने अनुभवों से कथावाचक को जीवन के व्यावहारिक गुर सिखाती है, जैसे पुरुषों का मन रखना और घर चलाना। हालांकि, उसका जीवन दुखों से भरा है। उसका पति उसे छोड़कर किसी और के साथ चला गया, और अब उसका बेटा और बहू उसके साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते। एक घटना में, जब मंगम्मा अपनी बहू को पोते को पीटने से रोकती है, तो बहू उसे अपमानित करती है। बेटा भी माँ का पक्ष लेने के बजाय बहू का साथ देता है, जिससे आहत होकर मंगम्मा अलग रहने का फैसला करती है।
संचय का सत्य है कि सास और बहू में स्वतंत्रता की होड़ लगी रहती है। माँ बेटे पर से अपना हक नहीं छोड़ती और बहू पति पर अधिकार जमाना चाहती है। पोते की पिटाई से क्षुब्ध मंगम्मा अपनी बहू को भला-बुरा कह देती है।
सास और बहू का विवाद घर में अन्तर्कलह को जन्म दे देता है। बहू-और-बेटे मंगम्मा को अलग रहने के लिए विवश कर देते हैं। दही बेचकर किसी तरह जीवन मापन करने वाली मंगम्मा कुछ पैसे इकट्ठा कर लेती है। जब बहू को यह ज्ञात हो जाता है कि उसकी सास रंगप्पा को कर्ज देनेवाली ही तो वह अपने को बेटे को ढाल बनाती है। वह बेटे को दादी के पास ही रहने के लिए उसकाती है। धीरे-धीरे सास और बहू में संबंध सुधरता जाता है। एक दिन मंगम्मा स्वयं बहू को लेकर दही बेचने के लिए जाती है। लोगों से अपनी बहू का परिचय देती है और कहती है कि अब दही उसकी बहू ही बेचने के लिए आयेगी। वस्तुतः इस कहानी के द्वारा यह सीख दी गई है कि पानी में खड़े बच्चे का पाव खींचनेवाले मगरमच्छ जैसी दशा बहू की है और ऊपर से बाँह पकड़कर बचाने जैसी दशा माँ की होती है।
क्रमांक अध्याय
2 ढहते विश्वास
3 माँ
4 नगर
5 धरती कब तक घूमेगी

वर्णिका अध्याय 1 से जुड़े कुछ अन्य लघु-उत्तरीय एवं वस्तुनिष्ठ प्रश्न

इस अध्याय का गहराई से अध्ययन करने और बिहार बोर्ड की परीक्षा प्रणाली का विश्लेषण करने के बाद, हमने आप सभी छात्रों के लिए कुछ महत्वपूर्ण लघु उत्तरीय एवं वस्तुनिष्ठ प्रश्न तैयार किए हैं। ये प्रश्न न केवल इस अध्याय की बेहतर समझ प्रदान करेंगे, बल्कि परीक्षा की तैयारी में भी सहायक सिद्ध होंगे। नीचे सभी प्रश्न क्रमवार रूप से दिए गए हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न

1. मंगम्मा का मुख्य पेशा क्या था?

उत्तर : मंगम्मा का मुख्य पेशा दही बेचना था। वह वेंकटपुर से बेंगलूरु आकर रोज दही बेचती थी और इससे अपनी आजीविका चलाती थी।

2. कहानी का कथावाचक कौन है?

उत्तर : कथावाचक एक गृहिणी है, जो बेंगलूरु में रहती है। वह मंगम्मा से दही खरीदती है और उसके साथ आत्मीय रिश्ता साझा करती है।

3. मंगम्मा का गाँव कौन-सा था?

उत्तर : मंगम्मा का गाँव वेंकटपुर था, जो अवलूर के पास स्थित है। वह वहाँ से बेंगलूरु दही बेचने आती थी।

4. मंगम्मा और कथावाचक का रिश्ता कैसा था?

उत्तर : मंगम्मा और कथावाचक का रिश्ता आत्मीय और मैत्रीपूर्ण था। मंगम्मा कथावाचक के साथ अपने सुख-दुख साझा करती थी और सलाह देती थी।

5. मंगम्मा ने कथावाचक को पुरुषों का मन रखने की क्या सलाह दी?

उत्तर : मंगम्मा ने सलाह दी कि अच्छे कपड़े पहनें, स्वादिष्ट खाना बनाएँ, और बार-बार पैसे न माँगें, ताकि पुरुष का मन घर में रहे।

6. मंगम्मा के पति ने उसे क्यों छोड़ दिया?

उत्तर : मंगम्मा का पति उसे किसी दूसरी महिला के लिए छोड़ गया, जिसके कारण मंगम्मा को अकेले जीवन और परिवार का बोझ उठाना पड़ा।

7. मंगम्मा और उसकी बहू के बीच विवाद का मुख्य कारण क्या था?

उत्तर : मंगम्मा और उसकी बहू के बीच विवाद का कारण बहू द्वारा पोते को पीटना था, जिसे मंगम्मा ने रोका, लेकिन बहू ने उसे अपमानित किया।

8. मंगम्मा ने अपने बेटे और बहू से अलग होने का फैसला क्यों लिया?

उत्तर : मंगम्मा ने अलग होने का फैसला लिया क्योंकि बेटे ने उसका अपमान किया और बहू का साथ दिया, जिससे उसे अपनी गरिमा बनाए रखने की जरूरत महसूस हुई।

9. मंगम्मा ने अलग रहने के बाद अपने लिए क्या खरीदा?

उत्तर : मंगम्मा ने अलग रहने के बाद अपने लिए मखमल की जाकेट खरीदी, जो उसके आत्मसम्मान और छोटी खुशियों की खोज को दर्शाता है।

10. रंगप्या ने मंगम्मा से क्या माँगा?

उत्तर : रंगप्या ने मंगम्मा से कर्ज माँगा और उसका हाथ पकड़कर अनुचित व्यवहार किया, जिससे मंगम्मा को अपमान और परेशानी हुई।

11. मंगम्मा को मिठाई की पुड़िया के चोरी होने पर क्या डर हुआ?

उत्तर : मंगम्मा को डर हुआ कि कौवे द्वारा मिठाई की पुड़िया ले जाना मृत्यु का संकेत है, जिससे वह अपनी जिंदगी को लेकर चिंतित हुई।

12. मंगम्मा के पोते ने उसकी माँ को छोड़कर दादी के पास क्यों जाना चुना?

उत्तर : मंगम्मा का पोता दादी के पास गया क्योंकि उसे दादी से मिठाई और दही मिलता था, और वह उसकी ममता से आकर्षित था।

13. मंगम्मा ने अपनी बहू को क्या-क्या गहने दिए थे?

उत्तर : मंगम्मा ने अपनी बहू को कर्णफूल, कड़े, झुमकी, कान की जंजीर, कंठी और तगड़ी जैसे गहने दिए, जो उसके त्याग को दर्शाते हैं।

14. मंगम्मा ने अपनी बहू के साथ सुलह क्यों की?

उत्तर : मंगम्मा ने पोते की खातिर और गाँव के बुजुर्गों की सलाह पर अपनी बहू के साथ सुलह की, ताकि परिवार एकजुट रहे।

15. कहानी के अंत में दही बेचने का काम कौन संभालता है?

उत्तर : कहानी के अंत में मंगम्मा की बहू नंजम्मा दही बेचने का काम संभालती है, जबकि मंगम्मा घर में रहकर पोते की देखभाल करती है।

16. मंगम्मा की बहू का नाम क्या था?

उत्तर : मंगम्मा की बहू का नाम नंजम्मा था।

17. नंजम्मा ने मंगम्मा को घर में वापस बुलाने के लिए क्या किया?

उत्तर : नंजम्मा ने मंगम्मा को समझाया और दही बेचने का काम संभालने की पेशकश की, ताकि मंगम्मा घर में आराम से पोते के साथ रहे।

18. कहानी में मंगम्मा की मानसिक स्थिति को कथावाचक ने कैसा बताया?

उत्तर : कथावाचक ने मंगम्मा की मानसिक स्थिति को जटिल और परतों वाली बताया, जिसमें परिवार की चाहत, दुख, और मृत्यु की अनिच्छा एक साथ थी।

19. कहानी का मुख्य संदेश क्या है?

उत्तर : कहानी का मुख्य संदेश सास-बहू के बीच स्वतंत्रता और अधिकार का संघर्ष है, जो परिवार में प्रेम, त्याग और सामंजस्य की जटिलता को दर्शाता है।

20. कहानी के लेखक कौन हैं और इसका अनुवाद किसने किया?

उत्तर : कहानी के लेखक श्रीनिवास हैं, जो कन्नड़ साहित्य के प्रसिद्ध रचनाकार हैं। इसका हिंदी अनुवाद बी. आर. नारायण ने किया है।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

1. मंगम्मा का मुख्य पेशा क्या है?
 (A) कपड़े सिलना
 (B) खेती करना  
 (C) दही बेचना  
 (D) शिक्षिका  
उत्तर: (C) दही बेचना

2. कहानी का कथावाचक कौन है?
 (A) मंगम्मा
 (B) मंगम्मा की बहू
 (C) एक गृहिणी
 (D) रंगप्या
उत्तर: (C) एक गृहिणी

3. मंगम्मा का गाँव कौन-सा है?
 (A) बेंगलूरु
 (B) कोलार
 (C) मैसूर
 (D) वेंकटपुर
उत्तर: (D) वेंकटपुर

4. मंगम्मा और उसकी बहू के बीच विवाद का मुख्य कारण क्या है?
 (A) दही बेचने का पैसा
 (B) पोते को पीटना
 (C) घर का खर्च
 (D) साड़ी खरीदना
उत्तर: (B) पोते को पीटना

5. मंगम्मा ने अपने बेटे और बहू से अलग होने का फैसला क्यों लिया?
 (A) उसे शहर में नौकरी मिल गई
 (B) बेटे ने उसका अपमान किया और बहू का साथ दिया
 (C) वह गाँव छोड़ना चाहती थी
 (D) उसे पैसे की जरूरत थी
उत्तर: (B) बेटे ने उसका अपमान किया और बहू का साथ दिया

6. मंगम्मा ने अलग रहने के बाद अपने लिए क्या खरीदा?
 (A) नई साड़ी
 (B) गहने
 (C) मखमल की जाकेट
 (D) नया बर्तन
उत्तर: (C) मखमल की जाकेट

7. रंगप्या ने मंगम्मा से क्या माँगा?
 (A) दही
 (B) मिठाई
 (C) साड़ी
 (D) कर्ज
उत्तर: (D) कर्ज

8. मंगम्मा के पोते ने किसके पास रहने का फैसला किया?
 (A) अपनी माँ के पास
 (B) गाँव के बुजुर्गों के पास
 (C) अपनी दादी (मंगम्मा) के पास
 (D) कथावाचक के पास
उत्तर: (C) अपनी दादी (मंगम्मा) के पास

9. मंगम्मा ने अपनी बहू के साथ सुलह क्यों की?
 (A) उसे पैसे की जरूरत थी
 (B) उसे दही बेचना बंद करना था
 (C) पोते की खातिर और गाँव के बुजुर्गों की सलाह पर
 (D) बेटे ने उसे मजबूर किया
उत्तर: (C) पोते की खातिर और गाँव के बुजुर्गों की सलाह पर

10. कहानी के अंत में दही बेचने का काम कौन संभालता है?
 (A) मंगम्मा
 (B) मंगम्मा की बहू
 (C) मंगम्मा का बेटा
 (D) कथावाचक
उत्तर: (B) मंगम्मा की बहू

11. मंगम्मा ने कथावाचक को पुरुषों का मन रखने के लिए क्या सलाह दी?
 (A) टोना-टोटका करना
 (B) बार-बार पैसे माँगना
 (C) अच्छे कपड़े पहनना और स्वादिष्ट खाना बनाना
 (D) घर छोड़कर जाना
उत्तर: (C) अच्छे कपड़े पहनना और स्वादिष्ट खाना बनाना

12. मंगम्मा को मिठाई की पुड़िया के चोरी होने पर क्या डर हुआ?
 (A) गाँव वालों का मजाक
 (B) पोते का गुस्सा
 (C) बहू की नाराजगी
 (D) मृत्यु का भय
उत्तर: (D) मृत्यु का भय

13. कहानी के लेखक कौन हैं?
 (A) बी. आर. नारायण
 (B) नंजम्मा
 (C) श्रीनिवास
 (D) कथावाचक
उत्तर: (C) श्रीनिवास

14. मंगम्मा का पति उसे क्यों छोड़ गया?
 (A) वह गाँव छोड़कर चला गया
 (B) वह बीमार था
 (C) उसे नौकरी मिल गई
 (D) वह किसी दूसरी महिला के पीछे चला गया
उत्तर: (D) वह किसी दूसरी महिला के

15. कहानी का मुख्य संदेश क्या है?
 (A) परिवार में धन का महत्व
 (B) दही बेचने का व्यापार
 (C) सास-बहू के बीच स्वतंत्रता और अधिकार का संघर्ष
 (D) गाँव की जिंदगी
उत्तर: (C) सास-बहू के बीच स्वतंत्रता और अधिकार का संघर्ष

बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा में "दही वाली मंगम्मा" से पूछे गए प्रश्न।

Q1: मंगम्मा का चरित्र-चित्रण कीजिए। [ 2011A, 2013A, 2014A, 2024A ]
उत्तर : मंगम्मा का चरित्र अत्यन्त उत्तम है। वह परिश्रमी स्त्री है। वह दही बेचती है। पति नहीं रहने पर किसी ऐरे-गैरे के चक्कर में वह नहीं पड़ी। वह अपना धर्म बचाए रखती है। हाँ, बहू से कुछ खटपट ज़रूर हुई। पर बहू ने पोते को वात्सल्य हेतु सास के पास भेज दिया। सास-बहू-पोते सभी एक दिन दही बेचने गए। बहू सास के अनुकूल हो गई।
कथावाचिका को लगा मंगम्मा भी अक्ल से कुछ कम नहीं। घर-घर का किस्सा है-माँ बेटे पर से अपना हक नहीं छोड़ना चाहती, बहू पति पर अधिकार जमाना चाहती है। यह सारे संसार का किस्सा है। यह नाटक चलता ही रहता है। मंगम्मा उदार चरित्र की सास है।
Q2: मंगम्मा का अपनी बहू के साथ किस बात को लेकर विवाद था? [ 2014A, 2017A, 2019A, 2022A ]
उत्तर : मंगम्मा ने एक दिन अपनी बहू को पोते को मारने पर डाँटा। मंगम्मा ने बहू से कहा— “क्यों रे राक्षसी, इस छोटे से बच्चे को क्यों पीट रही है?” बस बहू चढ़ बैठी। उसने मंगम्मा को खूब सुनाया। जब मंगम्मा ने कहा कि “मैं तुम्हारे घरवाले की माँ हूँ” तो बहू ने भी कहा— “मैं भी इसकी माँ हूँ। क्या अकल सिखाने चली है?” बात बढ़ गई। बहू भड़क गई। बात इतनी बढ़ी कि बहू-बेटे ने मंगम्मा को अलग कर दिया।
Q3: दही वाली मंगम्मा कहानी में बहू ने सास को मनाने के लिए कौन सा तरीका अपनाया। [ 2015A, 2017A, 2021A, 2025A ]
उत्तर : बहू को जब पता चला कि रंगप्पा उसकी सास मंगम्मा के पीछे पड़ा है तो उसके कान खड़े हो गए। कहीं सास के रुपये-पैसे रंगप्पा न ले ले, इस आशंका से वह बेचैन हो गई। तब उसने योजना बनाई और अपने बेटे से कहा— “जा, दादी के पास। तुझे मिठाई देती है न? अगर मेरे पास आया तो पीटूँगी।” बस, बच्चा मंगम्मा के पास आकर रहने लगा। मंगम्मा भी उसे चाहती ही थी।
एक दिन पोता ज़िद कर बैठा कि “मैं भी बेंगलूर चलूँगा।” मंगम्मा क्या करे! माथे पर टोकरा, बगल में बच्चा—मुसीबत हो गई। तब बेटे और बहू ने आकर कहा कि उस दिन गलती हो गई थी, यूँ कैसे चलेगा? मंगम्मा अब खुशी-खुशी बेटे-बहू के साथ रहने लगी। धीरे-धीरे बहू ने शहर में दही बेचने का धंधा भी अपने हाथ में ले लिया। उसकी मंशा पूरी हो गई।
Q4: रंगप्पा कौन था और मंगम्मा से क्या चाहता था? [2015A, 2019A, 2020A]
उत्तर : रंगप्पा एक जुआरी और शौकीन स्वभाव का व्यक्ति था। वह मंगम्मा से रुपया कर्ज के रूप में माँगता और इसके लिए अक्सर उसे तंग करता था। मंगम्मा अपने बहू-बेटे से अलग रहती थी तथा उसके पास पैसे रहते थे—इस बात को रंगप्पा अच्छी तरह जानता था। वह माँ-बेटे के झगड़े का लाभ उठाना चाहता था।
Q5: ‘दही वाली मंगम्मा’ कहानी का कथावाचक कौन है? उनका परिचय दीजिए। [2016A]
उत्तर : इस कहानी की कथावाचक लेखक की माँ हैं। लेखक की माँ इस कहानी की द्वितीय केन्द्रीय चरित्र हैं। कहानी की कथावस्तु का ताना-बाना लेखक की माँ के माध्यम से बुना गया है। जब मंगम्मा दही बेचने के लिए आती थी, तो वह लेखक के घर भी आती और बढ़िया दही बेच जाती थी। धीरे-धीरे मंगम्मा और लेखक की माँ के बीच आत्मीय संबंध बन गए और माँ उसे समय-समय पर सुझाव भी देती थी। सास और बहू के आपसी कलह से परिवार बिखर गया। बेटे को समस्त सुख देनेवाली माँ बहू के आते ही बेटे से अलग हो गई। मंगम्मा की अन्तर्व्यथा को सुनकर लेखक की माँ का मन भी बोझिल हो गया। वास्तव में, ममता की मूर्ति समान नारी कभी-कभी परिस्थितियों में कठोर बन जाती है—यह ज्वलंत उदाहरण लेखक की माँ ने स्वयं देखा और अनुभव किया।
Q6: मंगम्मा की बहू ने विवाद निपटाने में पहल क्यो की? [2018A]
उत्तर : रंगप्पा एक जुआरी और शौकीन स्वभाव का व्यक्ति था, जिसे मंगम्मा और उसकी बहू के झगड़े के बारे में पता था। वह बार-बार मंगम्मा से उधार माँगता था। मंगम्मा भी उसे पैसे देने के लिए तैयार हो गई थी। जब यह बात बहू को पता चली तो वह चिंतित हो गई कि कहीं सास अपने सारे पैसे रंगप्पा को न दे दे। इसी आशंका के कारण मंगम्मा की बहू ने विवाद निपटाने की पहल की।
Q7: मंगम्मा ने अपना ‘धरम’ नहीं छोड़ा, कैसे? [2020A]
उत्तर : मंगम्मा अपने छोटे-से परिवार की स्वामिनी और वात्सल्यमयी स्त्री है। वह अपने पोते को बहुत प्यार करती है और पति के न रहने पर भी किसी पराए पुरुष के मोह-जाल में नहीं पड़ी। रंगप्पा जैसे लम्पट व्यक्ति के बार-बार तंग करने और आकर्षित करने पर भी उसने अपने स्वाभिमान और चरित्र की रक्षा की। इस प्रकार मंगम्मा ने कठिन परिस्थितियों में भी अपना ‘धरम’ नहीं छोड़ा।
Q8: दही वाली मंगम्मा का प्रमुख संदेश क्या है? [2023]
उत्तर : “दही वाली मंगम्मा” का प्रमुख संदेश यह है कि परिवार में आपसी समझ, प्रेम और सहयोग के बिना सुख संभव नहीं है। कहानी दर्शाती है कि सास-बहू या परिवार के सदस्यों के बीच मतभेद और स्वार्थी रवैया रिश्तों में कठिनाई, दुःख और दूरी पैदा कर देता है। इसका निष्कर्ष यह है कि सहिष्णुता, सहयोग और आपसी सम्मान ही खुशहाल जीवन की नींव है
Q9: मंगम्मा का चरित्र-चित्रण / सास-बहू संबंध का वर्णन [2024]
उत्तर : मंगम्मा का चरित्र अत्यन्त उत्तम है। वह परिश्रमी स्त्री है। वह दही बेचती है। पति नहीं रहने पर किसी ऐरे-गैरे के चक्कर में वह नहीं पड़ी। वह अपना धर्म बचाए रखती है। हाँ, बहू से कुछ खटपट ज़रूर हुई। पर बहू ने पोते को वात्सल्य हेतु सास के पास भेज दिया। सास-बहू-पोते सभी एक दिन दही बेचने गए। बहू सास के अनुकूल हो गई।
कहानी में सास-बहू संबंध तनावपूर्ण और द्वंद्वात्मक है। नंजम्मा (बहू) तेज-तर्रार और अपने अधिकार के प्रति सजग है। जब मंगम्मा अपने पोते की पिटाई का विरोध करती है तो बहू उसे “राक्षसी” कहने पर भड़क जाती है और कहती है—“मैं इसकी माँ हूँ, जैसे चाहूँगी रखूँगी”। यह संघर्ष स्वतंत्रता और अधिकारों का है—सास अपने पोते पर अधिकार चाहती है जबकि बहू पति और बच्चे पर पूर्ण नियंत्रण चाहती है। बहू की चालाकी तब दिखती है जब उसे डर होता है कि कहीं मंगम्मा के पैसे रंगप्पा न ले ले—तब वह अपने बेटे को मंगम्मा के पास भेज देती है और बाद में माफी माँगकर सास को वापस घर ले आती है। इस प्रकार यह संबंध प्रेम, ईर्ष्या, अधिकार और स्वार्थ के मिले-जुले भावों से भरा है
Q10: दही वाली मंगम्मा कहनी के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट करें [2025]
उत्तर : “दही वाली मंगम्मा” शीर्षक पूरी तरह सार्थक है क्योंकि यह कहानी के केंद्रीय पात्र मंगम्मा की पहचान एवं उसके व्यवसाय दोनों को उकेरता है। मंगम्मा एक विधवा महिला है जो अपने जीवन-यापन के लिए वेंकटपुर गाँव से बेंगलुरु शहर तक रोज़ दही बेचने जाती है, और यही दही बेचने का काम उसे आत्मनिर्भरता, सामाजिक सम्मान एवं पारिवारिक संघर्ष का अनुभव कराता है। “दही वाली” शब्द उसके पेशे को दर्शाता है जबकि “मंगम्मा” उसका व्यक्तिगत नाम बताता है—इस प्रकार शीर्षक में उसकी आर्थिक आज़ादी एवं व्यक्तिगत पहचान का समन्वय है। कहानी के अंत में जब परिवार में सुलह होती है, तो मंगम्मा अपनी बहू को भी यह पेशा सिखाकर परिवारिक परंपरा जारी रखती है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि दही का व्यवसाय मंगम्मा की मुख्य पहचान एवं कथा का मूल मंत्र है
Q11: दही वाली मंगम्मा की कहानी का संदेश क्या है?[2025]
उत्तर : दही वाली मंगम्मा” की कहानी हमें यह संदेश देती है कि पारिवारिक रिश्तों में प्रेम, सहयोग और परस्पर सम्मान अत्यंत आवश्यक हैं। चाहे आर्थिक स्थिति कितनी भी कठिन क्यों न हो, समझदारी और सहनशीलता से समस्याएँ हल हो सकती हैं। मंगम्मा का दही बेचकर आत्मनिर्भर बनने का प्रयास, उसके पोते के प्रति उसका स्नेह और बहू के साथ अंततः सुधार होती समझौता दिखाता है कि स्वार्थ और अहंकार से दूर रहकर सद्भावपूर्वक जीवन यापन करना हर परिवार की स्थिरता व खुशी का आधार है
Q12: मंगम्मा कहानी का सारांश प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर : मंगम्मा अवलूर के समीप वेंकटपुर की रहनेवाली थी। वह दही बेचने का धंधा करती थी। दही बेचने वह बेंगलूर आती थी। आते-जाते वह मेरे (कथावाचिका) पास बैठती और अपने दिल की, सुख-दुख की बातें कहती थी।
एक दिन वह मेरे बच्चे को देखकर अपने पुत्र और पति की कहानी कहने लगी और पति को अपनी ओर आकृष्ट करने की रहस्यमयी अनोखी बातें सुनाने लगी।
कोई पंद्रह दिन पहले जब मंगम्मा घर आई तो वह बहुत दुखी थी। घर के झगड़े-झंझटों से परेशान थी। बेटा-बहू से वह अलग हो गई थी। अपने पैसे अपने ही ऊपर खर्च करने लगी थी। मखमल के जैकेट पर बहू ने टिप्पणी की। बहू गहने लौटाने को तैयार हो गई। बुढ़िया ने अपने पोते को पीटने से मना किया था। ठीक ही कहा गया है— जब कोई एक-दूसरे को पसंद नहीं करता, तब छोटी बातें भी बड़ी हो जाती हैं।
मंगम्मा अपने पैसे बैंक में रखवाना चाहती थी। औरत अगर अकेली हो जाती है तो लोगों की आँखें उसकी तरफ लग जाती हैं। रंगप्पा पीछे पड़ा था। वह जबरन बाँह पकड़कर बिठा लेता। मंगम्मा उससे अलग रहती। उसने अपना धर्म नहीं छोड़ा।
बहू ने एक नाटक रचा। पोते को दादी के पास भेज दिया। यह मंत्र कारगर हुआ। मंगम्मा को बहू में स्नेह नजर आने लगा। बहू ने मंगम्मा का काम अपने ज़िम्मे ले लिया। मंगम्मा की बहू आई। कुशलता से परिवार में शांति स्थापित हो गई। ऐसा सभी बहुओं को करना चाहिए।
निष्कर्ष : इस पोस्ट में आपने BSEB 10th Hindi वर्णिका Exercise Solution को देखा। जिसमें इस अध्याय के सभी प्रश्नों को देखा साथ ही कुछ basic important Objectives और Subjective Questions भी देखा है। आशा है कि ये सभी प्रश्न आप सभी को पसंद आया होगा। यदि आपका किसी प्रकार का Doubt या प्रश्न है, तो आप हमसे संपर्क कर सकते हैं। Contact Us
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